कोरोना : हरियाणा में कोवैक्सीन का शुरू हुआ ट्रायल, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सबसे पहले लगवाया टीका
जनज्वार। कोरोना वायरस (Covid-19 ) से बचाव के लिए दुनियाभर में अलग-अलग टीकों पर कई स्तर पर काम चल रहा है। वहीं भारत में भी कई टीकों पर रिसर्च जोर-शोर से जारी है। कई टीके अंतिम चरण में हैं।
भारत में बायोटेक द्वारा निर्मित टीके कोवैक्सीन (Covaxin) के तीसरे चरण का ट्रायल आज शुक्रवार 20 नवंबर से हरियाणा में शुरू हो चुका है। ट्रायल के तौर पर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सबसे पहले टीका लगवाया है।
खुद कोवैक्सीन का ट्रायल टीका लगवाने के बाद अनिल विज ने लोगों से अपील की है कि वे अपनी मर्जी से इसका ट्रायल टीका लगवा सकते हैं। इससे पहले भी बुधवार 18 नवंबर को सबसे पहले अंबाला में हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने स्वेच्छा से सबसे पहले कोवैक्सीन टीका लगवाने के लिए वॉलंटियर बनने की लोगों से अपील की थी।
आमतौर पर विवादों में रहने वाले भाजपा के 67 वर्षीय वरिष्ठ नेता और हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को अंबाला छावनी के सिविल अस्पताल में ट्रायल के तौर पर कोवैक्सीन का टीका लगाया गया है। गौरतलब है कि जो टीका अनिल विज को लगाया गया है वह स्वदेशी तौर पर विकसित किया जा रहा है।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी (Covid-19) से बचाव के लिए भारत बायोटेक द्वारा निर्मित टीके कोवैक्सीन (Covaxin) के तीसरे चरण का ट्रायल आज शुक्रवार 20 नवंबर से हरियाणा में शुरू हो गया है। अनिल विज ने टीका लगवाने के बाद कहा कि वह ट्रायल के तौर पर टीका लगाने के लिए स्वेच्छा से आगे आए हैं। विज अंबाला छावनी क्षेत्र से विधायक भी हैं।
पूरे विश्वभर में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है, अब तक लाखोंलाख लोग इसकी वजह से मौत के मुंह में समा चुके हैं। इससे बचाव के लिए पूरी दुनिया को कोविड के सफल टीके का बेसब्री से इंतजार है।
वैक्सीन बनाने की दौड़ में हमारा देश भी अग्रिम पंक्ति में खड़ा है, क्योंकि यहां पर भी कोरोना ने करोड़ों लोगों को प्रभावित किया है। हमारे देश की अपनी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) पर लोगों की उम्मीदें टिकी हैं।
गौरतलब है कि कोवैक्सीन को भारत बायोटेक और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) दोनों साथ मिलकर तैयार कर रहे हैं। फिलहाल इस वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन को लेकर कहा जा रहा है कि अगर सब कुछ सही रहा तो उम्मीद है कि टीका फरवरी में आ सकता है। हालांकि भारत बायोटेक की तरफ से फिलहाल अपनी वैक्सीन को लेकर कुछ भी ऐसा बयान नहीं दिया गया है, जिससे माना जाये कि यह पूरी तरह से सफल होगा।