Dollar Vs Rupee : 22 साल में कभी संभला ही नहीं रुपया, मोदी राज में पहले से ज्यादा खस्ताहाल
Dollar Vs Rupee : 22 साल में कभी संभला ही नहीं रुपया, मोदी राज में पहले से ज्यादा खस्ताहाल
Dollar Vs Rupee : पिछले दो दशक से ज्यादा समय के दौरान चाहे सत्ता में कांग्रेस की सरकार रही या भाजपा की, रुपए का हाल हमेशा बुरा ही रहा। कहने का मतलब यह है कि ओवरआल देखें तो 21वीं सदी के पहले 22 सालों में डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य लगातार गिरता गया। साल 2000 में जो रुपए 44 रुपए 94 पैसा प्रति डॉलर था उसका मूल्य गिरकर पिछले 22 सालों में 82 रपये 32 पैसा प्रति डॉलर हो गया। आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि भारतीय करेंसी यानि रुपए कितना मजबूत हुआ। हालात यह है कि 22 सालों में प्रति डॉलर के बदले आपको 37 रुपए 88 पैसा पहले की तुलना में ज्यादा पे करना पड़ता है।
इसी तरह पिछले कुछ 10 सप्ताह से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी लगातार कम होता जा रहा था, लेकिन बीते सप्ताह में कुछ निवेश की वजह से विदेशी मुद्रा भंडार में कुछ इजाफा हुआ है। इससे पहले कई हफ्तों तक चल रही गिरावट की वजह से डॉलर का भंडार 600 अरब डॉलर से नीचे पहुंच गया था। बीते सप्ताह यानि शुक्रवार को कारोबारी बाजार समाप्त होने तक भारतीय रुपया आठ पैसे टूटकर 82.32 रुपये प्रति डॉलर पहुंच चुका है। इसके पहले गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 82.24 पर बंद हुआ था।
डॉलर के मुकाबले रुपए में लगातार गिरते स्तर पर जब मीडिया ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सवाल पूछा तो उन्होंने एक अलग ही बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि रुपया गिर नहीं रहा, बल्कि डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है। डॉलर के आगे अन्य सभी देशों की करंसी की हालत एक जैसी है। इन सबके बीच जले पर नमक छिड़के वाले दर्द अहसास उस समय होता है जब आईएमएफ और विश्व बैंक की बैठक के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहती हैं कि रुपया गिर नहीं रहा, बल्कि डॉलर निरंतर मजबूत हो रहा है। डॉलर के आगे अन्य सभी देशों की करंसी की हालत एक जैसी है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर निर्मला सीतारमण ने ऐसा बयान क्यों दिया?
इसी तरह डॉलर बनाम रुपये का अंतर समझाते हुए संसद में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि 2014 में जब केंद्र में नई सरकार का गठन हुआ था, तब एक डॉलर की कीमत 63.33 रुपये थी। 31 दिसंबर 2018 तक ये गिरकर 69.79 रुपये प्रति डॉलर हो गई। इसके बाद 2019 में ये आंकड़ा 70 रुपया और अब 82.32 रुपए हो गया है। साफ है कि हर भारतीयों को एक डॉलर के बदले 82.32 रुपए देने होते हैं।
जानें, 22 साल में डॉलर के मुकाबले कितना कमजोर हुआ भारतीय रुपया
साल 2000 में प्रति डॉलर हमें 44.94 रुपए देना पड़ता था। इसके बाद क्रमश: 2001 में 47.18, 2002 में 48.61, 2003 में 46.58, 2004 में 45.31, 2005 में 44.10, 2006 में 45.30, 2007 में 41.34, 2008 में 43.50, 2009 में 48.40, 2010 में 45.72, 2011 में 46.67, 2012 में 53.43, 2013 में 58.59, 2014 में 63.33, 2015 में 64.15, 2016 में 67.19, 2017 में 65.12, 2018 में 69.79, 2019 में 70.42, 2020 में 74.10, 2021 में 73.91 और 2022 में हमें प्रति डॉलर 82 रुपए 32 पैसे देने पड़ते हैं।