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शिक्षा

University Study Report : किसी घर में चोरी करने से पहले चोर क्यों देखता है उसका नेम प्लेट

Janjwar Desk
19 Nov 2022 8:51 AM GMT
University Study Report : किसी घर में चोरी करने से पहले चोर  क्यों देखते हैं उसका नेम प्लेट
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University Study Report : किसी घर में चोरी करने से पहले चोर क्यों देखते हैं उसका नेम प्लेट

University Study Report : 97 प्रतिशत केस में चोर ऐसे घर को निशाना बनाते हैं जिनमें बाहर निकलने के कई रास्ते हों। तब चोर के पास भागने के कई विकल्प मौजूद होते हैं। अगर आपका घर गली का आखिरी मकान है, उसके बाद रास्ता नहीं है तो आपके घर में चोरी की संभावना कम होगी।

University Study Report : अगर कोई आपसे से ये पूछे कि क्या आपके घर की नेम प्लेट चोरों को आकर्षित कर सकती हैं, तो आपका जवाब क्या होगा, यही न कि हां। ये बात पूरी तरह से सही है। चोर ( Thief ) किसी घर में चोरी ( theft ) करने से पहले यह तय करने के लिए कि चोरी करनी है या नहीं नेम प्लेट पर नजर जरूर डालते हैं। ऐसा करने की पीछे वजह है। नेम प्लेट से चोरों को पता चल जाता है कि जिस घर में वो हाथ साफ करना चाहते हैं उसके अंदर कुछ है भी या नहीं।

ऐसा क्यों करते हैं चोर

दरअसल, अधिकांश लोग नेम प्लेट ( name plate ) पर नाम के साथ पद या प्रोफेशन भी लिखते हैं। इससे चोर अंदाजा लगाते हैं कि किस घर में सेंध लगानी है। इस बात का खुलासा घेंट यूनिवर्सिटी ( Ghent University Belgium) के कुरालार्सन और मद्रास विश्वविद्यालय ( Chennai University ) की प्रोफेसर डा. प्रियंवदा की एक स्टडी रिपोर्ट में हुई है। चोरों की दिमागी सोच पर इस तरह की यह संभवतः पहली स्टडी( first study on thieves) भी है।

ये है शोध का मकसद

कुरालार्सन और प्रियंवदा की अध्ययन रिपोर्ट के मताबिक मुताबिक चोर शानदार बने घर, नेम प्लेट पर लिखे प्रोफेशन और बाहर खड़ी गाड़ी के आधार पर तय करते हैं कि किस घर में चोरी करनी है। घर चिन्हित करने के बाद वे किसी त्योहार या शादी के समय चोरी को अंजाम देते हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि इस दौरान लोग बैंक से कैश और ज्वैलरी निकाल कर घर पर रखते हैं। घेंट यूनिवर्सिटी ​बेल्जियम और मद्रास विश्वविद्यालय भारत की स्टडी के पीछे शोधकर्ताओं का मकसद चोरों की सोच को समझना है ताकि ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।

महंगी गाड़ी देखकर लेते हैं चोरी का फैसला

अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए शोधकर्ताओं ने 314 चोरों पर अध्ययन कर लगभग 300 पेज की रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट तैयार करने वाले घेंट यूनिवर्सिटी (बेल्जियम) के कुरालार्सन ने बताया कि 63 प्रतिशत मामलों में पाया गया कि नेम प्लेट पर लिखे प्रोफेशन के आधार पर चोर कमाई का आकलन करते हैं। 70 प्रतिशत मामलों में देखा गया कि चोर अपने घर के आसपास के घरों को निशाना बनाते हैं क्योंकि उन्हें उस इलाके के रास्तों और जगहों का अंदाजा होता है। 72 प्रतिशत मामलों में यह देखने को मिला कि चोरों ने घर के सामने खड़ी महंगी गाड़ी देखकर चोरी का फैसला किया।

कई रास्तों वाले घर होते हैं पसंदीदा निशाना

स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक 94 प्रतिशत मामलों में चोर ऐसे घरों में नहीं जाते जिनमें हमेशा कोई न कोई रहता है। चोरों के लिए घर की बनावट भी बहुत मायने रखती है। 97 प्रतिशत केस में चोर ऐसे घर को निशाना बनाते हैं जिनमें बाहर निकलने के कई रास्ते हों। तब चोर के पास भागने के कई विकल्प मौजूद होते हैं। अगर आपका घर गली का आखिरी मकान है, उसके बाद रास्ता नहीं है तो आपके घर में चोरी की संभावना कम होगी। चोर पुलिस पेट्रोलिंग टाइम का भी ख्याल रखते हैं। चोरी के बाद चोर पकड़े जाने से बचने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करते हैं। कुरालार्सन के अनुसार इसका मकसद पुलिस की नाकाबंदी से बचना होता है।

इन चीजों से चोरों का लगता है डर

रिपोर्ट के मुताबिक चोरों को किसी घर में लगे सीसीटीवी से ज्यादा वहां पाले गए कुत्ते से डर लगता है। सीसीटीवी की नजर से बचने के लिए चोर उसे ढंक देते हैं या ऐसी जगह से गुजरते हैं जिससे सीसीटीवी के सामने न आएं। कुत्ता हल्की सी आहट पर भी भौंकने लगता है। साथ ही अंजान व्यक्ति पर हमला कर देता है। घेंट यूनिवर्सिटी (बेल्जियम) के कुरालार्सन ने बताया कि पहली बार चोरी करने वालों में पुलिस को लेकर भय होता है लेकिन पुराने चोरों में पुलिस का डर खत्म हो चुका होता है। वह उससे बचने के प्रयासों से वाकिफ होते हैं। चोर जेलों में चोरी की एडवांस तकनीक सीखते हैं जो लॉक तोड़ने में काम आती है परेशानी

बेडरूम, पूजाघर और किचन को सबसे पहले टटोलते हैं

मद्रास यूनिवर्सिटी की क्रिमिनोलॉजी विभाग की प्रियंवदा बताती हैं कि चोरों को ताला तोड़ने में ज्यादा समय नहीं लगता। कई मुश्किल लॉक को वे बिना किसी उपकरण की सहायता से दस सेकेंड में तोड़ सकते हैं। इसके लिए उन्हें सिर्फ छोटी रॉड और कपड़े की आवश्यकता होती है। घर के मुख्य गेट का लॉक मजबूत होता है। लोग अपने बरामदे या बैक गेट में मजबूती का कम ख्याल रखते हैं। ऐसे में घर में प्रवेश के लिए चोर बैक गेट का इस्तेमाल अधिक करते हैं। घर में घुसने के बाद चोर सबसे पहले तीन जगह को टटोलते हैं- बेडरूम, किचन और पूजाघर।

चोरी से बचने के लिए करें ये काम

University Study Report : घर के सभी हिस्सों के लॉक पुख्ता कर लें। घर से बाहर जाते समय पड़ोसियों को जानकारी दें। लंबे समय के लिए घर से बाहर जा रहे हैं तो पुलिस को सूचित करें। पुलिस-पब्लिक रिलेशन को भी मजबूत करने की आवश्यकता है। इससे लोगों का पुलिस के प्रति विश्वास जाग्रत होगा और उन्हें सूचित करेंगे। घर के सीसीटीवी का कनेक्शन अपने फोन से कर लें। इससे मॉनिटरिंग में आसानी रहती है। घर के सभी हिस्सों के लॉक पुख्ता कर लें।जब आप घर में न हों, तब कम से कम नगदी और आभूषण रखें। आपके घर के बाहर पड़े अखबार, दूध के पैकेट, पुरानी रंगोली आदि पर चोर निगाह रखते हैं। घर से बाहर जा रहे हैं तो वेंडर के द्वारा इन सेवाओं को बंद कर दें या फिर आपने पड़ोसी से इसे उठाने के लिए आग्रह करें।

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