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शिक्षा

Central University : दो सेंट्रल सेंट्रल यूनिवर्सिटीज ने Hindu Studies में PG कोर्स किया लॉन्च, जातिगत व्यवस्था को समावेशी के रूप में किया पेश

Janjwar Desk
31 Jan 2022 7:14 AM GMT
Central University
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दो सेंट्रल सेंट्रल यूनिवर्सिटीज ने Hindu Studies में PG कोर्स किया लॉन्च

Central University : दो केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने हिंदू अध्ययन में अपनी तरह का पहला मास्टर डिग्री प्रोग्राम शुरू किया है, जो जाति व्यवस्था को समावेशी के रूप में पेश करता है, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने पाठ्यक्रम विकसित किया है, इस पाठ्यक्रम को दिल्ली के श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय ने भी अपना लिया है...

Central University : देश के दो सेंट्रल यूनिवर्सिटीज अब हिंदू स्टडी और पीजी कोर्स कराने जा रही है। इसके लिए बकायदा कोर्स भी तैयार किया जा चुका है और नामांकन प्रक्रिया हो चुकी है। साथ ही क्लासेस भी शुरू हो चुकी है। इन यूनिवर्सिटीज के अनुसार इसमें हिंदू धर्म के बारे में छात्रों को पढ़ाया जाएगा।

पहला मास्टर डिग्री प्रोग्राम

दो केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने हिंदू अध्ययन में अपनी तरह का पहला मास्टर डिग्री प्रोग्राम शुरू किया है, जो जाति व्यवस्था को समावेशी के रूप में पेश करता है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने पाठ्यक्रम विकसित किया है। इस पाठ्यक्रम को दिल्ली के श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय ने भी अपना लिया है। अब इस यूनिवर्सिटी में भी हिंदू स्टडी का कोर्स शुरू किया गया है। बता दें कि इस में एडमिशन लेने के लिए किसी भी विषय से ग्रेजुएट होना अनिवार्य है।

विदेशी छात्र ने भी लिया एडमिशन

द टेलीग्राफ नहीं छपी खबर के अनुसार हिन्दू संस्थानों ने वर्तमान शैक्षिक वर्ष से यह कोर्स पूरा किया है। इसमें एडमिशन लेने वाला एक विदेशी छात्र भी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन यूनिवर्सिटीज के अलावा जेएनयू और गुजरात के केंद्रीय विश्वविद्यालय भी इसी तरह का कोर्स शुरू करने की योजना बना रहे हैं।

बता दें कि बीएचयू के भारत अध्ययन केंद्र के समन्वयक सदाशिव द्विवेदी का कहना है कि यह कार्यक्रम संस्कृत शास्त्रों और हिंदू समाज के बारे में 'गलतफहमियों' को दूर करने के लिए भी है। बता दें कि सदाशिव द्विवेदी ने पाठ्यक्रम को डिजाइन करने में मदद की है।

जाति व्यवस्था के बारे में बताया जाएगा

सदाशिव द्विवेदी ने दावा किया है कि जाति व्यवस्था इस आधार पर समावेशी थी कि 'बढ़ईगिरी और आभूषण बनाने जैसे कलात्मक कौशल' शुद्र को दिए गए थे। सदाशिव द्विवेदी ने सबूत के रूप में 'अर्धनारीश्वर, भगवान जो आधी महिला हैं।' की अवधारणा का हवाला दिया कि हिंदू शास्त्र लिंग-तटस्थ थे।

पाठ्यक्रम में 16 पेपर शामिल

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस कोर्स के पाठ्यक्रम में 16 पेपर शामिल हैं। इनमें से 9 पेपर अनिवार्य और साथ वैकल्पिक हैं। इसमें संस्कृत भाषा पर एक कोर पेपर है। वैकल्पिक विषयों में वैदिक /जैन /बौद्ध परंपराओं के सिद्धांत, वेदांग, पाली/प्राकृत भाषा और साहित्य, भारतीय नैतिकता, नाट्य, तुलनात्मक धर्म, पुराण परिचय, भारतीय वास्तुकला, साहित्य सिद्धांत, (प्राचीन) भारतीय सेना विज्ञान, काला, कानून और न्याय शास्त्र शामिल हैं।

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