Chandigarh News : अनुदान के बदले कर्ज की नीति पर सुरजेवाला का पलटवार, खट्टर सरकार से पूछा - ये तो बताओ, विश्वविद्यालय का भविष्य क्या होगा?
Chandigarh News : अनुदान के बदले कर्ज की नीति पर सुरजेवाला का पलटवार, खट्टर सरकार से पूछा - ये तो बताओ, विश्वविद्यालय का भविष्य क्या होगा?
Chandigarh News : हरियाणा में सीएम मनोहर लाल खट्टर ( CM manohar lal Khattar ) के नेतृत्व में चल रही भाजपा सरकार ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों ( Haryana Universities ) को अब अनुदान ( Grant to University ) नहीं देने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार की नई नीति के तहत अब विश्वविद्यालयों को अनुदान नहीं कर्ज ( Loan to University ) देगी सरकार। वित्त विभाग ( Finance Department ) ने इस बारे में जरूरी आदेश जारी कर दिया है। नई नीति के तहत विश्वविद्यालयों को कर्ज देने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है।
नए भारत में अब सरकार विश्व विद्यालयों को अनुदान नहीं देगी बल्कि कर्ज देगी।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 5, 2022
इसी कर्ज नीति के तहत महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय को लगभग 24 करोड़ का कर्ज मिला है!
विश्व विद्यालयों का भविष्य क्या होगा ,
इस पर चिंतन करें!! pic.twitter.com/jddK773Ojp
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ( Randeep Surjewala ) ने हरियाणा सरकार ( Haryana Government ) की इस नीति पर पलटवार किया है। उन्होंने ट्विटकर लिखा है कि कर्ज नीति के तहत महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय को लगभग 24 करोड़ का कर्ज मिला है। साथ ही उन्होंने सवाल उठाया है कि खट्टर सरकार ये बताये कि अब विश्वविद्यालयों का भविष्य क्या होगा? साथ ही इस मुद्दे पर गंभीरता से चिंतन करे।
बता दें कि हरियाणा में अब सरकारी विश्वविद्यालयों ( Government University ) को अपने खर्चे खुद उठाने होंगे। अभी तक विश्वविद्यालयों को हर साल प्रशासनिक और शैक्षणिक सहित अन्य कार्यों के लिए करोड़ों रुपए का सरकार अनुदान देती रही है। प्रदेश सरकार ने अब नियमित फंड पर कैंची चला दी है। विश्वविद्यालयों को मदद के तौर पर ऋण दिया जाएगा। यह ऋण निश्चित अवधि में वापस भी लौटाना होगा।
इससे पहले यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग ( यूजीसी ) और फंडिंग एजेंसीज पहले ही रिसर्च के लिए फंडिंग बंद कर चुकी है। फिलहाल, हरियाणा सरकार ने पहले चरण में 10 विश्वविद्यालयों को करीब 148 करोड़ रुपएका ऋण मंजूर किया है। वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने टीवीएसएन प्रसाद ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
कर्ज की नीति के घातक परिणाम आएंगे सामने : चौटाला
वहीं, हरियाणा सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि सरकारी विश्वविद्यालयों की शिक्षा भी अब कर्ज के सहारे हो गई है। विश्वविद्यालयों को अनुदान देने की बजाय कर्ज देने की जो प्रथा शुरू की गई है, उसके घातक परिणाम होंगे।
विश्वविद्यालयों में नहीं पढ़ पाएगा गरीब का बच्चा
अभय चौटाला ने कहा कि इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय जैसी प्रख्यात यूनिवर्सिटी के पास अपने शिक्षकों और कर्मचारियों को तनख्वाह देने के भी पैसे नहीं हैं। तनख्वाह देने के लिए अब लोन का सहारा बचा है। सरकारी विश्वविद्यालयों की स्थापना इसलिए की गई थी ताकि गरीब का बच्चा उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके। किसी ने कल्पना नहीं की थी कि सरकारी विश्वविद्यालय भी कर्ज लेकर चलेंगे।
Chandigarh News : किस विश्वविद्यालयों को मिला कितना कर्ज
1. कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय - 59.00 करोड़
2. महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय - 23.75 करोड़
3. चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय - 10 करोड़
4. भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, सोनीपत - 12.50 करोड़
5. इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर रेवाड़ी - 4.5 करोड़
6. डा.भीम राव अंबेदकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय सोनीपत - 7.25 करोड़
7. चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय भिवानी - 10 करोड़
8. चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद - 5.5 करोड़
9. महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल - 8.75 करोड़
10. गुरुग्राम विश्वविद्यालय - 6.5 करोड़