JEE Main की परीक्षा लेने पर सरकार अड़ी, केवल कोरोना से बचाव के लिए मास्क-सेनेटाइजर पर खर्च होंगे 13 करोड़
जनज्वार। कोरोना महामारी के बीच केंद्र सरकार कई राज्यों के विरोध के बाजवूद जेईई मेन परीक्षा लेने पर अड़ी हुई है। यह परीक्षा एक सितंबर से छह सितंबर तक होनी है और कोरोना संक्रमण के बीच परीक्षा कराने के लिए संक्रमण से निबटने के लिए व्यापक उपाय किए जा रहे हैं। जेईई मेन पहली राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है, जिसका आयोजन केंद्र सरकार कोरोना संक्रमण के बीच करने जा रही है।
जेईई परीक्षा परीक्षा लेने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने कोरोना संक्रमण के बीच परीक्षा लेने के लिए रक्षात्मक उपायों का ब्लू प्रिंट तैयार किया है। इसके लिए देश भर के 660 केंद्रों पर बचाव के व्यापक इंतजाम किए जाएंगे।
एनटीइ ने जो ब्लू प्रिंट तैयार किया है, उसके तहत 10 लाख मास्क, 10 लाख जोड़े ग्लब्स, 1300 थर्मामीटर गन, 6,600 लीटर हैंड सेनिटाइजर और इतनी ही मात्रा में संक्रमण से बचाने वाला लिक्विड, 6, 600 स्पंज, 3, 300 स्प्रे बाॅटल और 3, 300 क्लिनिंग स्टाफ का प्रबंध किया जाएगा। सिर्फ कोरोना रोधी इन उपायों पर करीब 13 करोड़ रुपये खर्च आएगा।
जेईई मेन एक आॅनलाइन परीक्षा है जो इंजीरियरिंग प्रवेश के लिए आयोजित होती है। वहीं, नीट कागज और कलम से ली जाने वाली परीक्षा है, जो मेडिकल व डेंटल प्रवेश के लिए ली जाती है। नीट परीक्षा का आयोजन 13 सितंबर को होना है।
जेईई मेन की परीक्षा के लिए करीब 8.58 लाख छात्रों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया हे, जबकि इनकी परीक्षा लेने के लिए करीब 1.14 लाख परीक्षा निरीक्षक तैनात किए जाएंगे। यानी जेईई मेन की परीक्षा में 10 लाख लोगों का छह दिनों जुटान होगा।
कोरोना संक्रमण के पहले नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने जेईई मेन के लिए 570 परीक्षा केंद्र बनाए थे, जिसे संक्रमण की स्थिति को देखते हुए बढा दिया गया है ताकि सोशल डिस्टेंसिग का पालन किया जा सके। परीक्षा शिफ्ट को आठ से बढाकर 12 कर दिया गया और हर शिफ्ट में छात्रों की संख्या 1.32 लाख से कम कर 85 हजार कर दी गई।
हर दिन दो शिफ्ट में परीक्षाएं होंगी। एक शिफ्ट सुबह साढे नौ बजे से साढे बारह बजे तक की और दूसरी शिफ्ट तीन बजे से आरंभ होगा। पहले शिफ्ट के लिए नौ बजे से परीक्षा केंद्र में प्रवेश करना होगा और दूसरे शिफ्ट के लिए दो बजे से।
हर छात्र चाहता है कि परीक्षा हो : निशंक
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने राज्यों के विरोध के बीच गुरुवार को कहा है कि हर छात्र जेईई व नीट की परीक्षा चाहता है। उन्होंने कहा कि 17 लाख से अधिक छात्रों ने जेईई-मेन के लिए अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड कर लिया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के आंकड़ों के अनुसार, सात लाख छात्रों ने जेईई मेन के लिए और 10 लाख छात्रों ने नीट के लिए अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड कर लिया है।
वहीं, देश विदेश के 150 शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर कहा है कि जेईई नीट की परीक्षा टलने पर देश को बड़ा नुकसान होगा। आइआइटी के निदेशकों ने भी कहा है कि छात्र प्रधानमंत्री पर भरोसा करें और परीक्षा में शामिल हों।
वहीं, कांग्रेस व गैर एनडीए दल परीक्षा के आयोजन का विरोध कर रहे हैं। भाजपा के सांसद सुब्रमण्यन स्वामी भी इसके विरोध में हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई अन्य नेताओं ने अभी परीक्षा लेने का विरोध किया है।