पशु प्रेमियों को लगने लगा कोरोना का डर, देखभाल के लिए बुक किए संस्थान
गौतमबुद्धनगर। कोरोना वायरस बीमारी से इस वक्त हर कोई डरा हुआ है। जो लोग जानवरों को पालने का शौक रखते है, उनके मन में भी डर है कि अगर उनको या उनके परिवार के किसी शख्स को कोरोना होता है तो उस स्थिति में वो अपने पालतू जानवरों को कहां छोड़ कर जाएंगे या उनकी देखभाल कौन करेगा। इसी कारण कई लोगों ने गौतमबुद्धनगर के संस्थान सोफी मेमोरियल एनिमल रिलीफ ट्रस्ट में पहले ही फोन करके अपने पालतू जानवरों की देखभाल करने के बारे में कह दिया है।
नोएडा एक्सटेंशन में रहने वाली रूपशा मुखर्जी ने बताया, 'मेरे पास 4 बिल्लियां हैं। कोरोना बीमारी की वजह से इस वक्त हर कोई डरा हुआ है। मेरी सोसाइटी में कल ही संक्रमण के दो मामले सामने आए हैं। इस संक्रमण की वजह से मैं भी डरी हुईं हूं। मैंने पहले ही एक संस्थान को बोल दिया है कि अगर मुझे संक्रमण होता है तो आप मेरी बिल्लियों का ध्यान रखना।'
कुछ लोगों ने इस संस्थान में अपने पालतू जानवरों की देखभाल के लिए छोड़ भी रखा है। नोएडा सेक्टर 137 निवासी एक शख्श ने बताया, 'मेरे पिताजी को कोरोना संक्रमण है जिसकी वजह से मेरा परिवार क्वारंटाइन है। हमने अपने डॉग को देखभाल करने के लिए इस संस्थान को दे दिया है।'
सोफी मेमोरियल एनिमल रिलीफ ट्रस्ट की फाउंडर कावेरी राणा ने बताया, 'लोगों को लगता है कि पालतू जानवरों से कोरोना हो जाता है, जो कि गलत है। इस वजह से कई परिवार अपने पालतू जानवरों को लेकर परेशान हैं। कई परिवार ऐसे है जिनके पड़ोसियों ने डॉग रखने से मना कर दिया। इसके बाद मैंने सभी को बोला कि यदि आपके किसी परिवार को संक्रमण का खतरा हो और आपके पास पालतू जानवर हो तो आप हमारे पास छोड़ सकते हैं, हम उनकी देखभाल करेंगे। हमारे पास कई लोगों के फोन आए जिन्होंने हमसे उनके पालतू जानवरों की देखभाल करने के लिए कहा हुआ है।'
उन्होंने कहा, 'अब तक छह ऐसे परिवारों के मामले सामने आ चुके है जो कि कोरोना संदिग्ध थे। दो परिवार संक्रमित भी थे। इन सभी के पेट डॉग हमारे संस्थान में रहे। करीब 10 परिवार ऐसे थे, जिन्होंने अपने कुत्तों को कोरोना के डर की वजह से छोड़ दिया क्योंकि उन्हें लगता था कि कोरोना वायरस बीमारी में कुत्तों को घर में नहीं रखना चहिए।'
उन्होंने बताया, 'जिले में जब पहला संक्रमित मरीज आया था, तो उनके पास डॉग था। उनके सभी पड़ोसियों ने उसको रखने से मना कर दिया जिसके बाद उन्होंने मुझसे संपर्क किया। मैंने अपने घर में 10 दिन उस डॉग को रखा।'