पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बना मॉरिशस के समुद्र तट पर जहाज से लगातार बह रहा तेल
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जनज्वार। मॉरीशस के समुद्र तट पर एक जहाज से लगातार तेल का रिसाव (Oil Leakage) हो रहा है. इस जहाज के दो हिस्सों में टूटने (Ship Will Break) की संभावना जताई जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो यह एक बड़ी पर्यावरणीय तबाही (Environmental Disaster) होगी।
मॉरीशस के तट से आकर लगा एक भटका हुआ जहाज दो हिस्सों में टूटने वाला है। एमवी वाकाशियो नामक यह जहाज जापानी कंपनी मित्सुई ओएसके लाइन्स द्वारा संचालित एक कार्गो जहाज है। यह चीन से ब्राजील जा रहा था, जब रास्ते में 25 जुलाई को चट्टानों के बीच फंस गया और पिछले गुरुवार को जहाज से समुद्र में तेल लीक होना शुरू हो गया।
इस जहाज से हिंद महासागर के लैगून में लगभग 1,000 मीट्रिक टन तेल का रिसाव हो चुका है। विशेषज्ञों को डर है कि पारिस्थितिक रूप से समृद्ध इस क्षेत्र के लिए यह दुर्घटना एक बड़ी आपदा न बन जाए। गुरूवार को तेल रिसाव शुरू होने के बाद से तट पर बड़े पैमाने पर सफाई अभियान शुरू किया गया है, जिसमें हजारों स्थानीय वालंटियर मदद करने के लिए मॉरीशस के पूर्वी हिस्से की ओर जा रहे हैं।
इस जहाज पर करीब से नजर रखने वाले कुछ लोगों का कहना है कि इस जहाज में नई दरारें दिखाई देने लगी हैं और अगर यह जहाज टूट गया तो हजारों टन तेल लैगून में फ़ैल जाएगा। जहाज में रिसाव और दरारें जिस तरह से बढ़ रही हैं इस बात की बहुत संभावना है कि यह जहाज दो हिस्सों में टूट जाएगा।
अभी भी जहाज में 2,500 मीट्रिक टन तेल पड़ा हुआ है
ग्रीनपीस इंटरनेशनल के पूर्व रणनीतिकार और मॉरीशस में संसद के पूर्व सदस्य सुनील डॉवरकासिंग ने कहा कि अभी भी जहाज के टैंकों पर लगभग 2,500 मीट्रिक टन ईंधन है और जहाज में तीन तेल टैंक हैं जिनमें से एक समुद्र में लीक हो गया था। फिलहाल इस रिसाव को रोक दिया गया है, और एक ऑपरेशन अब चल रहा है जिसमें जहाज टूटने से पहले एक टैंकर और बचाव टीमों का उपयोग अन्य टैंकों से तेल निकालने के लिए किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री प्रवींद जुगनौथ ने देश के पर्यावरण मंत्री काव्या रमनो के साथ पर्यावरणीय आपातकाल की स्थिति घोषित करते हुए कहा कि हमारा पर्यावरण संकट की स्थिति में हैं। तेल का रिसाव दो पर्यावरण संरक्षित समुद्री पारिस्थितिकी प्रणालियों और ब्लू बे मरीन पार्क रिजर्व के करीब हुआ है, जिसके निकट कई लोकप्रिय पर्यटन समुद्र तट और मैन्ग्रोव प्लांटेशन हैं।
इससे द्वीप के लोगों की आजीविका छिन जाएगी।
मॉरीशस वाइल्डलाइफ फाउंडेशन के संरक्षण निदेशक विकास तातायाह ने कहा कि बचाव टीमें पौधों और वन्यजीवों की कई अलग-अलग प्रजातियों को बचाने के लिए काम कर रही हैं। इस घटना से हजारों स्थानीय लोगों की चिंताएं भी बढ़ रही हैं, जिनकी आजीविका खत्म हो जाएगी। इस द्वीप के लोग मछली पकड़ने और पर्यटन से आजीविका कमाते हैं। पहले से ही कोरोनोवायरस महामारी से प्रभावित होकर अंतर्राष्ट्रीय यात्रा पर रोक लगी हुई है।
पिछले शनिवार को फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कहा कि फ्रांस जल्दी ही मदद के लिए पास के रीयूनियन द्वीप से बचाव टीमों और उपकरणों को तैनात कर रहा है। जापान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि जापान आपदा राहत की छह सदस्यीय टीम को मॉरीशस सरकार के अनुरोध पर मदद के लिए भी भेज रहा है।