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पर्यावरण

प्रदूषण और सभी सामाजिक समस्याएं कट्टरपंथी दक्षिणपंथी सत्ता में हो जाती हैं ज्यादा विकराल, नदियाँ भी नहीं रहीं अब तैरने लायक

Janjwar Desk
14 Aug 2023 6:56 AM GMT
प्रदूषण और सभी सामाजिक समस्याएं कट्टरपंथी दक्षिणपंथी सत्ता में हो जाती हैं ज्यादा विकराल, नदियाँ भी नहीं रहीं अब तैरने लायक
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थेम्स नदी में भी बढ़ रहा है प्रदूषण, पिछले दिनों नदी में आयोजित वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में भाग लेने वाले 60 खिलाड़ी हो गये थे बीमार

थेम्स और सीन नदी के प्रदूषण से इतना तो स्पष्ट है कि वैश्विक स्तर पर नदियों की लगातार उपेक्षा की जा रही है और किसी भी देश में नदियों को प्रदूषण से बचाने का कोई स्थाई समाधान नहीं है। भारी बारिश से नदियों में प्रदूषण रोकने के सभी इंतजाम असफल हो जाते हैं...

महेंद्र पाण्डेय की टिप्पणी

The rivers are being neglected everywhere. दुनियाभर की नदियाँ प्रदूषण की चपेट में हैं और इनमें पानी का बहाव कम होता जा रहा है। नदियों की उपेक्षा का आलम यह है कि पहले जिन नदियों के प्रबंधन को दुनियाभर में आदर्श माना जाता था, अब उन नदियों में भी तैरना या नहाना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो चला है। लन्दन में बहने वाली थेम्स नदी को साफ़-सफाई और पानी के बहाव के सन्दर्भ में पूरी दुनिया में सतत नदी प्रबंधन के उदाहरण के तौर पर बताया जाता था, पर अगस्त के पहले सप्ताह में इसमें तैरने वाले 57 खिलाड़ी दस्त और डायरिया के शिकार हो गए।

अगस्त के पहले सप्ताह में यूनाइटेड किंगडम के संडरलैंड शहर में थेम्स नदी के एक हिस्से में वाटर स्पोर्ट्स की एक प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी, जिसमें दुनिया के लगभग 2000 खिलाड़ी भाग ले रहे थे। इस प्रतियोगिता के बाद लगभग 60 प्रतियोगी दस्त और डायरिया की चपेट में आ गए।

यूनाइटेड किंगडम की हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी के अनुसार खिलाड़ियों की तबियत थेम्स नदी के पानी में ई कोली बैक्टीरिया की अत्यधिक संख्या के कारण खराब हुई। एनवायर्नमेंटल एजेंसी ने 26 जुलाई को जब प्रतियोगिता स्थल पर पानी की जांच की थी तब ई कोली की पानी में संख्या निर्धारित मानक की तुलना में 39 गुना अधिक थी। हालां कि स्थानीय निकाय नदी के पानी में अनुपचारित मलजल के मिलने से इनकार कर रहा है, पर ई कोली की बढ़ी संख्या का सीधा सम्बन्ध अनुपचारित मलजल या फिर घरेलू गंदे पानी से ही रहता है।

हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी के अनुसार प्रतियोगिता से दो दिनों पहले इस पूरे क्षेत्र में भारी बारिश हुई थी, संभव है कि भारी बारिश में गंदे पानी वाले कुछ नाले ओवरफ्लो करने लगे हों और इससे पानी निकलकर नदी में सीधा मिल गया हो। जुलाई के महीने में जब यूनाइटेड किंगडम का अधिकतर क्षेत्र अत्यधिक तापमान की चपेट में था, तब शहरों के बच्चे गर्मी से बचने के लिए थेम्स में तैराकी करते थे, या फिर नहाते थे। इनमें से भी अधिकतर बच्चे डायरिया से ग्रस्त हुए थे। हाल के वर्षों में यूनाइटेड किंगडम की नदियों में शहरों द्वारा उत्पन्न मलजल के सीधे नदियों में मिल जाने की घटनाएं बढ़ी हैं।

लन्दन के हाई कोर्ट में इस विषय पर चल रहे मुकदमें के दौरान सरकारी पक्ष में हाल में ही जानकारी दी है कि वर्ष 2022 के दौरान यूनाइटेड किंगडम की नदियों में अनुपचारित मलजल के सीधे मिलने की घटनाएं 3 लाख बार दर्ज की गई हैं।

पेरिस के बीचोंबीच बहने वाली सीन नदी का किनारा एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, पर वर्ष 1923 से इस नदी में नहाने और तैरने की मनाही है। पानी के संपर्क में आने पर प्रतिबंध इसके प्रदूषण के कारण लगाया गया था। पेरिस में अगले वर्ष, यानी 2024 में ओलिंपिक खेलों का आयोजन किया जाना है। इस आयोजन के लिए कहा जा रहा था कि युद्ध स्तर पर नदी को प्रदूषणमुक्त करने की योजनायें चलाई जा रही हैं।

जुलाई के अंत तक पेरिस में सीन नदी के हिस्से को प्रदूषणमुक्त करने की योजनायों की सफलता पर बड़े-बड़े लेख प्रकाशित किये जा रहे थे, और अगस्त के पहले सप्ताह में प्री-ओलिंपिक तैराकी प्रतियोगिता का आयोजन भी किये जाने की घोषणा की गयी थी, पर प्रतियोगिता के आयोजन से ठीक एक दिन पहले इस प्रतियोगिता को रद्द कर दिया गया क्योंकि सीन नदी में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से अधिक था। इस प्रतियोगिता के आयोजकों के अनुसार भारी बारिश के कारण नदी में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। पेरिस में भी नदी के पानी में ई कोली की संख्या सुरक्षित सीमा से अधिक पाई गयी – जाहिर है भारी बारिश के कारण नालों का पानी सीधे नदी में मिल गया।

पेरिस ओलिंपिक आयोजकों ने सीन नदी से अधिक इसके किनारे के हिस्से को प्राथमिकता दी है। पहले बार ओलिंपिक खेलों का उदघाटन समारोह स्टेडियम के अन्दर नहीं, बल्कि खुले में नदी के किनारे आयोजित किये जाने हैं और इस समारोह का कुछ हिस्सा नदी में भी किया जाना है। ओलिंपिक आयोजन के समय सुरक्षा कारणों से लगभग 570 किताब की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया गया है।

पेरिस में सीन नदी के किनारे का एक बड़ा हिस्सा खुली किताब की दुकानों के लिए मशहूर है। इसे बौक़ुइनिस्तेर्स कहा जाता है और इसका इतिहास 16वीं सदी से शुरू होता है, इसके बाद अनेक सम्राटों ने इसे बंद करने के प्रयास किये, पर इसकी लोकप्रियता को देखते हुए बंद नहीं करा पाए। पेरिस का यह क्षेत्र पुस्तकों के विकास का गवाह है – इसकी शुरुआत हस्त-लिखित पुस्तकों से हुई थी, पर अब यह सेकंड-हैण्ड पुस्तकों के लिए सबसे अधिक प्रसिद्ध है। पेरिस के एफिल टावर जितना ही यह इलाका भी प्रसिद्द है और पेरिस की गौरवशाली परंपरा और पहचान का प्रतीक है। पेरिस के प्रशासन ने इस पूरे क्षेत्र की सभी पुस्तक दुकानों में से 60 प्रतिशत, यानि 570 दूकानों को हटाने का आदेश दिया है। इस आदेश का विरोध पुस्तक विक्रेताओं के साथ ही स्थानीय आबादी और बुकसेलर्स एसोसिएशन भी कर रहा है, पर प्रशासन सुरक्षा कारणों का हवाला देकर इन्हें हटाना चाहते हैं।

थेम्स और सीन नदी के प्रदूषण से इतना तो स्पष्ट है कि वैश्विक स्तर पर नदियों की लगातार उपेक्षा की जा रही है और किसी भी देश में नदियों को प्रदूषण से बचाने का कोई स्थाई समाधान नहीं है। भारी बारिश से नदियों में प्रदूषण रोकने के सभी इंतजाम असफल हो जाते हैं। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के असर से अब भारी बारिश और फ्लैश फ्लड की आवृत्ति लगातार बढ़ती जा रही है। जाहिर है इसके साथ ही नदियों में प्रदूषण की समस्या भी बढ़ती जायेगी।

प्रदूषण और सभी सामाजिक समस्याएं कट्टरपंथी दक्षिणपंथी सत्ता में ज्यादा विकराल स्वरुप ग्रहण करती हैं, क्योंकि ऐसी सत्ता समाज के मध्यमवर्ग और गरीब तबके के विकास के लिए सबसे कम खर्च करती है। यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस में ऐसी ही सत्ता है। इन दोनों ही देशों में सामाजिक समस्याएं, सामाजिक असमानता और महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है, और विरोध और आन्दोलनों पर पाबंदियां थोपी जा रही हैं।

नदियाँ एक थर्मामीटर की तरह हैं जो पृथ्वी की सतह की स्थिति से अवगत कराती हैं। मनुष्य जो भी गतिविधि पृथ्वी की सतह पर करता है उसका संवेदनशील सूचक नदियाँ हैं। नदियाँ कृषि, उद्योग, मनोरंजन, पर्यटन और यातायात का आधार हैं, फिर भी सरकारें और नागरिक इनकी लगातार उपेक्षा करते जा रहे हैं।

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