दिवंगत राहुल बजाज के बाद उद्योगपति नादिर गोदरेज ने मोदी सरकार की नीयत पर उठाए सवाल, कहा - देश को बांटना बंद करें
दिवंगत राहुल बजाज के बाद अब गोदरेज इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक नादिर गोदरेज ने मोदी सरकार को नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि देश को बांटने का बंद करने की जरूरत है।
मुंबई। देश के मशहूर उद्योगपति और गोदरेज इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक नादिर गोदरेज ( Nadir Godrej ) ने मोदी सरकार ( Modi Government ) की नीयत पर सवाल उठाए हैं। तीन साल पहले दिवंगत उद्योपति राहुल बजाज ( Rahul Bajaj ) ने भी ऐसे ही सवाल मोदी सरकार को लेकर उठाए थे। फिलहाल, नादिर गोदरेज ने मोदी सरकार से अपील की है कि उद्योगों से विभाजनकारी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सरकार को पहले से ज्यादा प्रयास करने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने नसीहत दी है कि हमें देश को बांटना बंद ( Stop dividing country ) कर देना चाहिए।
गोदरेज इंडस्ट्रिज के मालिक नादिर गोदरेज की टिप्पणी इसलिए अहम है कि देश के अग्रणी उद्योगपति सामान्य तौर पर सरकार के खिलाफ कोई बयान देने से बचते हैं। उद्योगपति सरकार की आलोचना करने से डरते हैं। हालांकि, 2019 में दिवंगत कारोबारी राहुल बजाज ने कहा था कि देश में डर का माहौल है।
उद्योगपति भी बनें ज्यादा से ज्यादा समावेशी
गोदरेज समूह के प्रबंध निदेशक ने एक किताब के लॉन्च कार्यक्रम से न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि हम आर्थिक मोर्चे पर अच्छा काम कर रहे हैं और वित्तीय समावेशन तथा शिक्षा जैसे कल्याणकारी कदम भी उठा रहे हैं लेकिन देश को एकजुट करने के लिए प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि देश को बांटना बंद कर देना चाहिए और इसे एकजुट करने का प्रयास करना चाहिए। मुझे भरोसा है कि सरकार भी आर्थिक वृद्धि के लिए इसे जरूरी मानती है। हमें इस पर ध्यान देना चाहिए।
नादिर गोदरेज ( Nadir Godrej ) से जब यह पूछा गया कि क्या उद्योग को भी इस बारे में कुछ करना चाहिए तो उन्होंने कहा कि बिल्कुल उद्योग को भी इसकी कोशिश करनी चाहिए और ज्यादा से ज्यादा समावेशी बनने का प्रयास करना चाहिए। सरकार को भी इस बारे में और काम करना चाहिए।
सोच को बदलने की जरूरत, ऐसा नहीं किया तो हम टूट जाएंगे
इसके पहले गोदरेज ( Nadir Godrej ) कहा कि वह अभिव्यक्ति की आजादी देखना चाहते हैं, जहां सरकार के लंबे हाथ न पहुंच सकें और विरोधियों की आवाज नहीं दबाया जा सकते। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हमें एक ऐसा माहौल तैयार करना चाहिए जिसमें स्वस्थ बहस फल-फूल सकें। जहां विचार इसलिए जीते कि वो सही है कि इसलिए कि वो ताकत के साथ है। हमारे विचार सांप्रदायिक नहीं, मानवतावादी होने चाहिए। कभी-कभी यह डर लगता है कि चीजें पटरी पर नहीं हैं और हम पिछड़ सकते हैं। गोदरेज समूह के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि हमें मजबूत संस्थानों की जरूरत है और इन्हें बनाने में लंबा समय लगता है लेकिन इनका दमन करने या इन्हें तोड़ने में वक्त नहीं लगता।
विकास प्रक्रिया में गरीबों को भी मिले आगे बढ़ने का मौका
गोदरेज ( Nadir Godrej ) ने कहा कि कारोबारों को भी यह एहसास होना चाहिए कि लाभ कमाना ही एकमात्र लक्ष्य नहीं है बल्कि कुछ अच्छा करते हुए भी आप अपने लिए बेहतर कर सकते हैं। हमें सामाजिक अधिकार और आर्थिक विकास दोनों को आगे बढ़ाने के बारे में सोचना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि असमानता की स्थिति गंभीर है और यह और खराब होती जा रही है। बोर्डरूम चर्चाओं में पर्यावरण, समाज और गवर्नेंस के विषयों को महत्व देने की बात कहते हुए गोदरेज ने कहा कि हमें ऐसी दुनिया नहीं चाहिए जो सिर्फ हरी-भरी हो बल्कि ऐसा नया संसार बनाना होगा जिसमें हरियाली हो, जो निष्पक्ष हो और जहां असमानता न हो। वर्तमान पर्यावरण ही सब कुछ नहीं है। एक समाज के तौर पर हमें कदम उठाने चाहिए।
जीएसटी संग्रह को बताया लाभकारी
अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जीएसटी संग्रह से आशावादी संकेत मिले हैं। जिसों के दाम कम हो रहे हैं और घरेलू मुद्रास्फीति भी कम होगी। अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और ऐसे संकेत हैं कि यह रफ्तार बनी रहेगी। बता दें कि नादिर गोदरेज से पहले 2019 में नादिर के बड़े भाई आदि गोदरेज ने भी चेताया था कि बढ़ती असहिष्णुता और हेट क्राइम विकास को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता हैं।