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UP में KMC हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर बुलंदशहर की महिला की किडनी निकालने का आरोप, 7 साल बाद 6 डॉक्टरों पर दर्ज हो पायी FIR

Janjwar Desk
15 Jan 2025 1:06 PM IST
UP में KMC हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर बुलंदशहर की महिला की किडनी निकालने का आरोप, 7 साल बाद  6 डॉक्टरों पर दर्ज हो पायी FIR
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7 साल पहले KMC हॉस्पिटल में इलाज के दौरान निकाल ली थी डॉक्टरों ने 43 वर्षीय कविता की किडनी

Meerut news : डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है, माना जाता है कि ईश्वर के बाद वही है जो इंसान को जीवन देता है, मगर जब यही भगवान हैवान बन जाये तो इंसानियत से भरोसा उठ जाता है। डॉक्टरों द्वारा पैसे के लिए किसी भी हद तक गिरने की खबरें अक्सर मीडिया में आती रहती है। अब ऐसी ही एक खबर योगी बाबा के उत्तर प्रदेश से सामने आयी है। जानकारी के मुताबिक यहां डॉक्टरों ने इलाज करवाने वाली महिला की किडनी निकाल डाली। अब नरसैना थाना पुलिस ने अदालत के आदेश के बाद KMC हॉस्पिटल मेरठ के 6 डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।

जानकारी के मुताबिक बुलंदशहर के बुगरासी कस्बे की रहने वाली 43 वर्षीय कविता ने मेरठ के केएमसी अस्पताल के छह डॉक्टरों पर धोखाधड़ी और मानव अंग तस्करी का गंभीर आरोप लगाया है। कविता के मुताबिक 2017 में तबीयत खराब होने पर उसने मेरठ के बागपत रोड स्थित केएमसी अस्पताल में इलाज कराया था। 20 मई 2017 को उसका ऑपरेशन किया गया और 24 मई को उसे छुट्टी दे दी गई। डॉक्टरों ने दावा किया था कि अब वह पूरी तरह ठीक हो जाएगी।

कविता ने दावा किया है कि जब ऑपरेशन के बाद उसकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ तो 25 मई 2022 को दोबारा अस्पताल जाकर उसने जांच कराई। जांच में उसक बाईं किडनी गायब पाई गई। महिला ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने इस पर विवाद किया, उसके दस्तावेज छीन लिए और जान से मार डालने की धमकी देते हुए बुरी तरह पीटकर भगा दिया।

इसके बाद, 28 अक्टूबर 2022 को उसने दूसरे डॉक्टर से अल्ट्रासाउंड कराया, जिसमें कविता की बाईं किडनी गायब होने की पुष्टि हो गयी। इस मामले में यूपी पुलिस की भी संदिग्ध भूमिका सामने आयी है। पीड़िता ने कई बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः कोर्ट का रुख करने के बाद मामला दर्ज हुआ है।

पीड़ित महिला कविता का कहना है कि 2017 में उसकी किडनी निकाले जाने के बाद वह दर-दर ठोकर खा रही थी। पुलिस अधिकारियों से शिकायत करने पर डॉक्टर सुनील गुप्ता और उनकी टीम ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसे शिकायत वापस लेने के लिए उसे धमकाया गया। उसके घर पर गुंडे भेजकर उसे जान से मारने की धमकी भी दी गयी। जब योगी आदित्यनाथ की पुलिस के आगे लाख गिड़गिड़ाने के बाद भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई तो उसने कोर्ट का रुख किया। कविता कहती है, उसके पति मजदूरी करके जैसे-तैसे घर चलते हैं। बीमारी के इलाज में उनके ऊपर करीबन 10 लाख रुपए का कर्जा हो चुका है।

इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद अब पुलिस भी मानो खानापूर्ति करने का काम कर रही है, ताकि उसक कारगुजारियों पर पर्दा पड़ जाये। थाना प्रभारी नरसेना चंदगीराम सिंह कहते हैं, एसीजेएम तृतीय बुलंदशहर के आदेश पर केएमसी के डॉ. सुनील गुप्ता एमएस, डॉ. अजय एन वत्स एमडी, डॉ. सीमा वार्ष्णेय एमडी, डॉ. प्रतिभा गुप्ता पत्नी डॉ. सुनील गुप्ता, डॉ. निकिता जग्गी, डॉ. सतीश कुमार अरोरा व अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ बुलंदशहर पुलिस को एफआईआर के आदेश दिए हैं। कोर्ट के आदेश पर बुंदशहर के थाना नरसेना पुलिस ने उक्त पर भादंसं 1860-120-बी, 326, 506 व मानव अंग प्रत्यारापण अधिनियम 1994-18 के तहत मुकदम दर्ज कर लिया है।

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