हरियाणा में निकली ठेके पर सफाईकर्मियों की भर्ती, 46 हजार बीए-एमए पास युवाओं ने किया आवेदन
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Unemployed youth of Haryana : देश में बेरोजगारी की समस्या किस हद तक विकराल रूप धारण करती जा रही है, इसे जानना हो तो हाल में हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (एचकेआरएनएल) द्वारा संविदा आधार पर निकाली पांच हजार सफाई कर्मचारियों की भर्ती के आवेदन की तरफ नजर डाल लें। एक जानकारी के मुताबिक पांच हजार सफाई कर्मचारियों की भर्ती के लिए 46 हजार से अधिक स्नातक और स्नातकोत्तर युवाओं ने आवेदन किया है।
राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं, अब जबकि 5 अक्टूबर को हरियाणा में चुनाव होने हैं, क्या किसी पार्टी की प्राथमिकता में बेरोजगार रहेंगे। हालांकि इंडिया गठबंधन लगातार बेरोजगारी के मुद्दे को उठा रहा है, ऐसे में संभावना है कि युवा वोटर्स का झुकाव इनकी तरफ हो और इस बार पिछले 10 साल से सत्तासीन जुमला पार्टी यानी भाजपा को बुरी तरह हार का मुंह देखना पड़े।
हरियाणा में 5 हजार संविदा सफाई कर्मचारियों (HKRN contractual sweepers job) की नौकरी के लिए 3 लाख 95 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने आवेदन किया है, जिसमें 39,990 ग्रैजुएट्स, 6,112 पोस्ट ग्रैजुएट्स तथा तकरीबन 1.2 लाख 12वीं की पढ़ाई कर चुके युवा शामिल हैं। ताज्जुब की बात यह है कि ऐसी हालत तब है जबकि संविदा कर्मचारियों को मात्र 15 हजार वेतन मिलना है और काम होगा सार्वजनिक जगहों, सड़कों और इमारतों में सफाई, झाड़ू लगाना और कचरा हटाना। यानी इसमें गटर साफ करने का काम भी शामिल होगा।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, HKRN के एक अफ़सर ने बताया कि आवेदकों को नौकरी की ज़िम्मेदारी के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। उन्हें अपने साइन के साथ ये बताना होगा कि वो नौकरी के बारे में दी गई जानकारी के बारे में समझते हैं और सिर्फ़ अपने गृहज़िले में ही तैनात होने के लिए सहमत हैं। इसकी बहुत कम संभावना है कि किसी ने ग़लती से नौकरी के लिए एप्लीकेशन किया हो।
गौरतलब है कि रोजगार कौशल निगम ने अनुबंध आधार पर सफाईकर्मियों की भर्ती के लिए पोर्टल पर छह अगस्त से दो सितंबर तक आवेदन मांगे गबये थे। नियुक्ति के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता आठवीं पास रखी गई थी, जबकि सफाई कर्मचारी बनने के लिए 39 हजार 990 स्नातक और 6112 स्नातकोत्तर पास युवाओं ने आवेदन कर डाला। यह आंकड़ा बताता है कि हरियाणा जैसा संपन्न माना जाने वाला राज्य भी कितनी भयानक बेरोजगारी की मार झेल रहा है।
सिरसा की रहने वाली 29 साल की रचना देवी नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग में ग्रैजुएट हैं। फिलहाल राजस्थान से इतिहास में पोस्ट ग्रैजुएशन की पढ़ाई कर रही हैं। वो पिछले चार सालों से नौकरी की तलाश में हैं। हिंदुस्तान टाइम्स के साथ हुई बातचीत में रचना कहती हैं, 'कोई नौकरी नहीं है। मैं घर पर बेकार बैठी रहती हूं, इसलिए मैंने एक सफाईकर्मी की नौकरी के लिए आवेदन किया। ये अच्छी तरह से जानते हुए कि इसमें क्या-क्या शामिल है।'
हरियाणा में बेरोजगारी की भयावह स्थिति का आंकड़ा पहली बार सामने नहीं आया है, बल्कि पिछले साल भी चपरासी पद के लिए भारी संख्या में युवाओं ने आवेदन किया था। पिछले साल जुलाई में पानीपत जिला अदालत में चपरासी के छह पदों के लिए हजारों उच्च शिक्षित युवाओं ने आवेदन किया था। जानकारी के मुताबिक सामान्य वर्ग के चार और एससी व बीसीए के एक-एक पद के लिए करीब 10 हजार युवाओं ने आवेदन किया था। एमबीए करने के बाद नौ साल की नौकरी का अनुभव रखने वाला उम्मीदवार भी चपरासी की नौकरी के लिए इंटरव्यू देने के लिए पहुंचा था।
आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में शहर से लेकर गांवों तक में बेरोजगारी की दर में भारी बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में जारी पीरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे के अनुसार प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 15 से 29 वर्ष आयु के युवाओं में बेरोजगारी दर अप्रैल से जून 2024 की तिमाही में बढ़कर 11.2 प्रतिशत पर पहुंच गई, जबकि जनवरी से मार्च में यह 9.5 प्रतिशत थी।
15 से 29 वर्ष की आयु की महिलाओं की बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च में 13.9 प्रतिशत की तुलना में अप्रैल-जून में बढ़कर 17.2 प्रतिशत हो गई। शहरी क्षेत्रों में सभी आयु समूहों के लिए बेरोजगारी दर भी जनवरी-मार्च में 4.1 प्रतिशत से बढ़कर अप्रैल-जून में 4.7 प्रतिशत पर पहुंच गई।