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स्वास्थ्य

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और खतरे में जन-स्वास्थ्य !

Janjwar Desk
6 Sept 2025 6:14 PM IST
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और खतरे में जन-स्वास्थ्य !
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प्रतीकात्मक फोटो

तकनीक के रूप में भले ही एआई एक वरदान लग रहा हो, लेकिन चिकित्सा क्षेत्र में बराबर मानवता और सहानुभूति की जरूरत है। उदाहरण के लिए रोबोट तकनीकी सर्जरी कर सकता है, लेकिन उसमें मानवीयता व सहानुभूति नहीं होगी...

जनस्वास्थ्य चिकित्सक डॉ. ए.के.अरुण की टिप्पणी

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता)/एआई आज सर्वाधिक चर्चा में है। कहा जा रहा है कि एआई की वजह से मेडिकल फील्ड में क्रांति हो जाएगी। बड़ी और बहुराष्ट्रीय तकनीकी कंपनियां हेल्थकेयर में एआई के उपयोग के लिए अधिक धन निवेश कर रही हैं। उदाहरण के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए 40 मिलियन डॉलर के कार्यक्रम की घोषणा की। हालाँकि एआई निस्संदेह स्वास्थ्य सेवा उद्योग को बदल रहा है, लेकिन इसके ख़तरे लोगों को सहज दिखाई नहीं पड़ रहे।यह तकनीक अभी भी अपेक्षाकृत नई और विभिन्न शंकाओं से भरी है।

आँकड़े कहते हैं कि स्वास्थ्य सेवा उद्योग में सालाना लगभग 200 अरब डॉलर बर्बाद होते हैं। इसी में डॉक्टर, नर्स, कर्मचारियों की तनख़्वाह भी है। यानी बड़े पैमाने पर बेरोज़गारी बढ़ेगी और इस बेरोज़गारी का समाज और बीमारियों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा।

तकनीक के रूप में भले ही एआई एक वरदान लग रहा हो, लेकिन चिकित्सा क्षेत्र में बराबर मानवता और सहानुभूति की जरूरत है। उदाहरण के लिए रोबोट तकनीकी सर्जरी कर सकता है, लेकिन उसमें मानवीयता व सहानुभूति नहीं होगी। याद रखें, रोबोट आपका आपरेशन तो कर सकता है लेकिन आपका दुख नहीं सुन सकता। एआई के दौर में बीमार मनुष्य ज़िंदा लाश की तरह होंगे।

एडवांस एआई के खतरे

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एडवांस होने की वजह से भविष्य का एआई सिस्टम मानवता के लिए बड़ा खतरा बनकर उभर सकता है। दुनिया के सबसे एडवांस एआई सिस्टम को मूल डवलपर्स से चुराया जा सकता है और फिर उसे उसी के खिलाफ हथियार बनाया जा सकता है।

इसके एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक जब से आया है तभी से हर तरफ इसी बात की चर्चा है कि भविष्य में एआई लोगों के लिए खतरा बन सकता है। अब हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट में भी इसी बात का दावा किया गया है कि एआई मानवता के लिए एक बड़ा खतरा है और एआई की वजह से इंसानों का अस्तित्व भी खतरे में है। 11 मार्च 2024 को पब्लिश हुई रिपोर्ट 'Defense in Depth: An Action Plan to Increase the Safety and Security of Advanced AI' को ग्लेडस्टोन ने तैयार किया है। यूएस सरकार की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एआई की वजह से आने वाले समय में इंसानों का अस्तित्व पूरी तरह से विलुप्त हो जाएगा।

आप कह सकते हैं कि एआई बड़ी काम की चीज है, लेकिन इस पर लगाम कसना बेहद जरूरी है, वरना ये विनाश का कारण बन सकता है। आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस को लेकर सेफ्टी पॉलिसी पर काम किया जाना चाहिए, ताकि भविष्य के खतरों से बचा जा सके।

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