Covid Cases in Delhi : दिल्ली में बच्चे भी कोरोना की तीसरी लहर मेंकी चपेट में आने लगे हैं। दिल्ली शहर में बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने की रफ्तार में बढ़ती ही जा रही है| बता दें कि कुछ ही बच्चे ऐसे है जो कोरोना संक्रमित है और उन्हें अस्पताल में एडमिट करने की जरुरत पड़ रही है| बता दें कि इस बारे में अस्पतालों के डॉक्टरों का कहना है कि पेरेंट्स को बच्चों में इस शुरुआती संकेतों से सजग होने की जरूरत है।
इतने कोरोना संक्रमित बच्चे अस्पताल में भर्ती
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लोक नायक अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुरेश कुमार का कहना है कि अब तक पिछले तीन सप्ताह में 27 बच्चों को कोविड के इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके साथ ही इनमें से 13 अभी भी अस्पताल में हैं जबकि बाकी को छुट्टी दे दी गई है।
वहीं इस मामले में डॉ. कुमार का कहना है कि तीन बच्चे ऑक्सीजन / वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। ये जन्मजात दोष के साथ ही गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं।
कोरोना पॉजिटिव महिला का प्रसव
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिसंबर से अब तक लोक नायक अस्पताल ने 31 से अधिक सफल प्रसव किए हैं। जिनमें कोविड-पॉजिटिव महिलाएं भी शामिल हैं। एक रिपोर्ट्स के अनुसार कोरोना की पहली लहर में अस्पताल में 306 सफल नार्मल डिलीवरी और दूसरी लहर के दौरान अस्पताल में 78 सफल नॉर्मल डिलीवरी हुई थी। इसके साथ ही डॉक्टरों का कहना है कि कुछ नवजात शिशुओं में कोरोना संक्रमण मिला था। राहत की बात यह है कि उनमें गंभीर लक्षण नहीं थे।
दिल्ली-एनसीआर में हो रही है बढ़ोत्तरी
मीडिया में छपी खबरों के अनुसार रेनबो हॉस्पिटल्स के चाइल्डकेयर से जुड़े चेन के वाइस प्रेसिडेंट दिनेश वशिष्ठ ने बताया ही कि दिल्ली-एनसीआर में अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। इसके साथ ही उनका कहना है कि पूअर ओरल इनटेक और सुस्ती के कारण बच्चे एडमिट हो रहे हैं। आगे उन्होंने बताया है कि फिलहाल सात बच्चों का इलाज अस्पताल के कोविड वार्ड में चल रहा है।
बच्चों में कोरोना के लक्षण
बता दें कि बच्चों में कोविड के लक्षणों में तेज बुखार, उल्टी, और मल शामिल हैं। जिनमें से अधिकतर को घर पर ही देखभाल के जरिये कंट्रोल किया जा सकता है। इसके साथ ही दिल्ली सरकार के लिए कोविड रोगियों की होम आइसोलेटिंग निगरानी करने वाली कंपनी के सीओओ डॉ. गौरव ठुकराल ने कहा कि दिल्ली में होम आइसोलेशन में रहने वाले सभी रोगियों में, लगभग 5% 18 वर्ष से कम उम्र के थे। इस आयु वर्ग में अस्पताल में भर्ती होने की दर सभी पॉजिटिव केस के 1% से कम थी।
कोरोना गाइडलाइंस
बता दें कि सरकार ने कोरोना के मद्देनजर बच्चों के लिए दवाओं, मास्क के उपयोग पर संशोधित गाइडलाइन्स जारी की है। इसके साथ ही सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण की गंभीरता के बावजूद 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए एंटीवायरल या मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का उपयोग करने की सिफारिश नहीं की जाती है और यदि स्टेरॉयड का उपयोग किया जाता है तो उन्हें नैदानिक सुधार के आधार पर 10 से 14 दिनों में इसकी खुराक कम करते जाना चाहिए। बता दें स्वास्थ्य मंत्रालय ने 'बच्चों और किशोरों यानी 18 वर्ष से कम में कोविड-19 के प्रबंधन के लिए संशोधित व्यापक दिशा-निर्देश में यह भी कहा है कि पांच साल और उससे कम उम्र के बच्चों के लिए मास्क की सिफारिश नहीं की जाती है।