जनज्वार। कोविड से बचाव के लिए टीकाकरण को अहम माना जा रहा है। अभी तक अपने देश में यह दो डोज में उपलब्ध हैं। दोनों डोज के बीच में एक निश्चित समय का अंतर रखा जाता है। ऐसा देखा गया है कि टीकाकरण के प्रथम डोज के बाद भी लोग संक्रमण की जद में आए हैं, हालांकि उनमें संक्रमण के हल्के लक्षण ही मौजूद थे। ऐसे लोगों के मन में यह शंका जरूर होती होगी कि क्या वह दूसरा डोज ले सकते हैं या उन्हें अभी रुकना होगा। ऐसे ही बातों का जवाब एक्सपर्ट्स और सेंट्रल मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर विभाग ने दिया है।
तीन महीने का हो अंतर :
जिन्होंने टीके की पहली खुराक ले ली है, उनमें संक्रमण के हल्के या मध्यम लक्षण होने की संभावना होती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि टीकाकरण के कितने दिनों बाद वायरस का जोखिम हुआ। यदि पहली खुराक (कोवैक्सीन या कोविशील्ड) लेने के 1 से 3 सप्ताह के भीतर वायरस का एक्सपोजर होता है, तो टीके का असर होने की संभावना रहती है और संक्रमण होने की आशंका नहीं होती है।
वहीं यदि कोई व्यक्ति अपनी पहली खुराक से 3 सप्ताह के बाद संक्रमित पाया जाता है, तो उनमें कोविड-19 के हल्के लक्षण नजर आने की संभावन होती है। एक बार जब किसी व्यक्ति को कोविड-19 संक्रमण हो जाता है, तो उसका शरीर उसके प्रति एंटीबॉडी बनाना शुरू कर देता है। इसलिए, विशेषज्ञ दूसरी खुराक लेने से पहले कोविड-19 से ठीक होने के 3 महीने बाद तक की प्रतीक्षा करने का सुझाव देते हैं।
टीकाकरण के बाद भी नियमों का पालन जरूरी :
भविष्य में कोविड-19 के खिलाफ प्रभावी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए दूसरी खुराक लेना महत्वपूर्ण है। यह हर किसी (टीका लगा चुके और बिना टीका लगवाये) के लिए जरूरी है कि कोविड को रोकने में मदद करने के लिए मास्क पहनें, अपने हाथ धोएं और दूसरों से शारीरिक दूरी बनाए रखें।
कोविड का टीका सुरक्षित और असरदार : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. जेपी सुकुमार ने कहा कि टीका लगने के बाद कुछ लोगों को हल्का बुखार होता है, जो ठीक हो जाता है। उन्होंने कहा कि कोविड वैक्सीन का पहला डोज लेने के बाद संक्रमण का खतरा नहीं के बराबर होता है। संक्रमित हुए भी तो संक्रमण का असर मामूली होता है। लेकिन पहले डोज के बाद अगर संक्रमित हो गए तो तीन महीने के बाद ही दूसरा डोज लेना चाहिए।
उन्होंने बताया कि हल्के लक्षणों के अलावा वैक्सीन का अन्य कोई विशेष प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखा गया है। हालांकि उन्होंने सचेत करते हुए कहा कि टीका लगवाने के बावजूद लोगों को कोविड प्रोटोकॉल जैसे मास्क के इस्तेमाल, शारीरिक दूरी और हाथों की स्वच्छता आदि का ध्यान रखना है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी कोविड का टीका लगाया जा रहा है।
सिविल सर्जन ने कहा कि केवल गंभीर बीमारियों जैसे ह्रदय रोग, कैंसर आदि के मरीजों को चिकित्सक के परामर्श के साथ टीका लगाने का सुझाव दिया जाता है। कोविड का टीका 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए सुरक्षित है। इसलिए सभी टीकाकरण जरूर कराएं।
तीसरी लहर से बचाव का बड़ा हथियार है कोविड का टीका:
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर की भी संभावना जताई जा रही है। ऐसी आशंका है कि तीसरी लहर में सबसे अधिक बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। इसकी वजह से हमें अभी से ही इस महामारी के खिलाफ सावधान होने की जरूरत है, ताकि हम तीसरी लहर से भी खुद को सुरक्षित रखने के साथ अपने बच्चों को भी इस महामारी के प्रभाव से दूर रख सकें। सिविल सर्जन डॉ सुकुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को रोकने और उससे बचाव का फिलहाल एकमात्र उपाय टीकाकरण है।
इन मानकों का रखें ख्याल, संक्रमण से रहें दूर :
- मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।
- विटामिन-सी युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करें।
- लक्षण महसूस होने पर कोविड-19 जाँच कराएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।
- अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकलें और भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें।
- साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें और बार बार पानी से हाथ धोएं। आवश्यकतानुसार सैनिटाइजर का उपयोग करें।