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स्वास्थ्य

Monkeypox Alert In UP : मंकी पॉक्स को लेकर UP के अस्पतालों में अलर्ट, की गई ये व्यवस्था, जानिए बीमारी के बारे में सबकुछ

Janjwar Desk
27 May 2022 8:29 AM GMT
Monkeypox Alert in UP : यूपी में बढ़ा मंकीपॉक्स का खतरा, अचानक CMO ने जारी की एडवाइजरी तो मचा हड़कप, बरतें ये सावधानी वरना
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Monkeypox Alert in UP : यूपी में बढ़ा मंकीपॉक्स का खतरा, अचानक CMO ने जारी की एडवाइजरी तो मचा हड़कप, बरतें ये सावधानी वरना

Monkeypox Alert In UP : मंकी पॉक्स (Monkeypox Alert In UP) को लेकर उत्तर प्रदेश (Monkeypox Alert In UP) के लखनऊ (Lunkcnow) में अलर्ट जारी किया गया है, सभी अस्पतालों को मंकीपॉक्स को लेकर जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं, मंकी पॉक्स (Monkeypox Alert In UP) के लक्षण मिलने वाले सभी मरीजों को अलग अलग वार्ड में भर्ती करने के निर्देश भी दिए गए हैं....

Monkeypox Alert In UP : मंकी पॉक्स (Monkeypox Alert In UP) को लेकर उत्तर प्रदेश (Monkeypox Alert In UP) के लखनऊ (Lunkcnow) में अलर्ट जारी किया गया है। सीएमओ ने गुरुवार को सभी अस्पतालों को मंकीपॉक्स को लेकर जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। मंकी पॉक्स (Monkeypox Alert In UP) के लक्षण मिलने वाले सभी मरीजों को अलग अलग वार्ड में भर्ती करने के निर्देश भी दिए गए हैं। बता दें कि केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया, बलरामपुर, सिविल, रानी लक्ष्मीबाई, लोकबंधु समेत दूसरे अस्पतालों में मंकीपॉक्स को लेकर दिशा-निर्देश भेजे गए हैं।

भारत में एतियात बरतने की जरुरत

सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि अभी भारत में मंकी पॉक्स (Monkeypox Virus) का कोई मरीज सामने नहीं आया है। फिर भी एहतियात बरतने की जरूरत है। मंकी पॉक्स को लेकर सजगता बरतने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि मंकी पॉक्स पीड़ितों को बुखार आता है। शरीर में चक्कते पड़ जाते हैं। साथ ही लिम्फनोड़ जैसे लक्षण मिलते हैं। ये लक्षण दो से चार हफ्ते रहते हैं। कुछ मरीजों की हालत गंभीर हो सकती है।

यह वायरस कटी फटी त्वचा, आंख, नाक, मुंह के जरिए शरीर में दाखिल होता है। संक्रमित जानवरों के काटने या फिर खरोचने से भी यह संक्रमण हो सकता है। मंकी पॉक्स के लक्षण चिकनपॉक्स से मिलते-जुलते हैं। शरीर में छाले निकल आते हैं। इनसे पानी का रिसाव होता है। उन्होंने बताया कि मंकी पॉक्स की जांच छाले के पानी, खून व बलगम की जांच से बीमारी की पहचान की जा सकती है। नमूने को पूणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट स्थित वायरोलॉजी लैब में भेजा जाएगा।

लक्षण मिलने पर मरीज को किया जाएगा आइसोलेट

बता दें कि सीएमओ ने कहा कि प्रभावित देशों से आने वाले लोगों के लक्षण दिखने पर उनकी स्क्रीनिंग के साथ आइसोलेट किया जाएगा। संदिग्ध के संपर्क वाले सभी लोगों की भी स्क्रीनिंग कराई जाए। इन मरीजों का इलाज जिले के किस अस्पताल में इलाज होगा। मरीजों के इलाज के लिए कितने बेड आरक्षित होंगे। इस संबंध में बैठक के बाद जल्द फैसला लिया जाएगा।

ब्रिटैन में पैर पसार रहा मंकी पॉक्स

ब्रिटेन में इन दिनों मंकी पॉक्स नाम की बीमारी तेजी से अपने पैर पसार रही है। यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी के मुताबिक अबतक कई लोगों में यह संक्रमण पाया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस सप्ताह संक्रमित चारों मरीज खुद को गे या बायसेक्शुअल आइडेंटिफाई करते हैं। इसे देखते हुए विशेषज्ञों ने गे पुरुषों आगाह भी किया है।

क्या है मंकी पॉक्स बीमारी का कारण

मंकी पॉक्स वायरस के कारण यह बीमारी होती है। यह वायरस स्माॉल पॉक्स (Monkeypox Cases) यानी चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह इन्फेक्शन ज्यादा गंभी नहीं है और इसके फैलने की दर भी काफी कम है। मंकी पॉक्स मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों के कुछ इलाकों में पाया जाता है। इसकी दो मुख्य स्ट्रेंस भी हैं- पश्चिम अफ्रीकी और मध्य अफ्रीकी।

पहली बार बंदर की भीतर पाई गई थी बीमारी

बता दें कि पहली बार मंकी पॉक्स (Monkeypox Cases) नाम की यह बीमारी 1970 में एक बंदर के भीतर पाई गई थी जिसके बाद यह दस अफ्रीकी देशों में फैल गई थी। साल 2003 में अमेरिका में इसका पहला मामला सामने आया था। 2017 में नाइजीरिया में मंकी पॉक्स का सबसे बड़ा आउटब्रेक हुआ था जिसके 75 मरीज पुरुष थे। ब्रिटेन में इसके मामले पहली बार साल 2018 में सामने आया था।

कैसे फैलता है ये वायरस

विशेषज्ञ मानते हैं कि मंकी पॉक्स संक्रमित व्यक्ति (Monkeypox Cases) के करीब जाने से फैलता है। यह वायरस मरीज के घाव से निकलकर आंख, नाक और मुंह के जरिए प्रवेश करता है। यह संक्रमित बंदर, गिलहरी या मरीज के संपर्क में आए बिस्तर और कपड़ों से भी फैल सकता है।

क्या है मंकी पॉक्स के लक्षण

यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी के मुताबिक मंकी पॉक्स के शुरुआत लक्षण बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी होना, थकान सूजी ग्रंथियां हैं। इसके बाद चेहरे पर एक तरह के दाने उभरने लगते हैं जो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल सकते हैं। संक्रमण के दौरान यह दाने कई बदलावों से गुजरते हैं और आखिर में पपड़ी बनकर गिर जाते हैं।

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