अमेरिकी एफडीए ने चर्चित भारतीय फार्मा कंपनी को जारी की चेतावनी, कहा - लोगों के लिए कैंसर का कारण बन सकती है ये लापरवाही
US FDA Warning : अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA ) ने भारत की चर्चित फार्मा कंपनी ल्यूपिन लिमिटेड ( Lupin Limited ) को चेतावनी जारी कर दवा निर्माण में व्याप्त खामियों को तत्काल प्रभाव से दूर करने को कहा है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक एफडीए ने कंपनी की महाराष्ट्र के तारापुर स्थित इकाई में विभिन्न विनिर्माण कार्यों में मानकों के उल्लंघन का दोषी पाया है। साथ ही कमियों को दूर करने के लिए उठाए गए प्रयासों को अपर्याप्त करार दिया है।
तारापुर संयंत्र का एपीआई मिलावटी
अमेरिकी एफडीए ( US FDA ) किसी दवा निर्माता को नियमों का उल्लंघन करने पर से एक चेतावनी पत्र भेजती है। एफडीए यह पत्र कंपनी को अमेरिका के फेडरल फूड, ड्रग एंड कॉस्मेटिक (एफडी एंड सी) अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनों का उल्लंघन सामने आने पर जारी किया गया है। अमेरिकी एफडीए के चेतावनी पत्र में कहा गया है कि ल्यूपिन के तारापुर संयंत्र में दवाई बनाने के लिए जिस एपीआई का इस्तेमाल हो रहा है वो मिलावटी है। इससे सीजीएमपी नियमों का उल्लंघन होता है। ल्यूपिन के तारापुर संयंत्र में 'किण्वन (फर्मेन्टेशन)-आधारित और सिंथेटिक एपीआई का उत्पादन होता है।
वहीं एफडीए के इन आपत्तियों के जवाब में ल्यूपिन के अधिकारियों ने अप्रैल में कहा था कि यूएस एफडीए द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करने को लेकर प्रयास जारी है। ये बात अलग है कि एफडीए कंपनी के प्रयासों से संतुष्ट नहीं है। इसके बावजूद ताजा चेतावनी पत्र में कहा गया है कि आपका जवाब पर्याप्त नहीं है क्योंकि इसमें आपकी कार्यप्रणाली को सीजीएमपी के अनुपालन के मुताबिक बनाने के लिए सुधारात्मक उपायों की पर्याप्त जानकारी या साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
27 सितंबर 2022 को जारी किए गए चेतावनी पत्र में कंपनी को 15 दिनों के भीतर या 11 अक्टूबर से पहले जवाब देने के लिए कहा गया था। ताजा पत्र में कहा गया है कि अगर आप 15 कार्य दिवसों के भीतर सुधारात्मक कार्यों को पूरा नहीं कर सकते हैं तो देरी होने संबंधी अपने कारणों और इसे पूरा करने संबंधी अपना कार्यक्रम बताएं।
इन कमियों को दूर करे भारती फार्मा कंपनी
एफडीए ( US FDA ) ने ल्यूपिन ( Lupin Limited ) के अधिकारियों को तीन कमियों की ओर ध्यान दिलाया है। पहला सभी 'जीनोटॉक्सिक अशुद्धियों' से संबंधित हैं जो दवाओं और एपीआई में पाए गए थे। जीनोटॉक्सिक अशुद्धियां मानव कोशिका में डीएनए की संरचना को बदल सकती हैं और अशुद्धता के प्रकार के आधार पर कैंसर का कारण बन सकती हैं। दूसरी कमियों को लेकर कहा गया है कि कंपनी के प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) कदमों की प्रभावशीलता का ठीक से आकलन करने से इनकार करना है। जबकि प्रोसेसिंग बेहतर होे से जीनोटॉक्सिक अशुद्धियों को कम करने में मदद मिलती है। तीसरी कमियां ये है कि कंपनी तय मानकों में कमी की जानकारी देने के बावजूद तय समय में उसे दूर करने में विफल साबित हुई है।
अमेरिकी बाजारों के लिए उत्पादन पर लगाया अस्थायी बैन
फिलहाल, एफडीए ( FDA ) ने अमेरिकी बाजार के लिए कंपनी के महाराष्ट्र इकाई से दवाओं का उत्पादन रोक दिया है। बता दें कि पुणे स्थित ल्यूपिन का एक अन्य संयंत्र भी एफडीए जांच के दायरे में है। ल्यूपिन एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी है जो जेनेरिक दवाओं, ब्रांडेड दवाओं, एपीआई, बायोसिमिलर सहित कई फार्मास्युटिकल उत्पादों का उत्पादन करती है और भारत, अमेरिका, ब्राजील व मेक्सिको में इसके 15 संयंत्र हैं।