Why Water is Life : 'जल ही जीवन है' ऐसा क्यों कहते हैं? हमारे शरीर के लिए पानी कितना जरूरी है? जानिए हमारे शरीर का पानी के साथ क्या संबंध है?
Water is Life : 'जल ही जीवन है' ऐसा क्यों कहते हैं? हमारे शरीर के लिए पानी कितना जरूरी है? जानिए हमारे शरीर का पानी के साथ क्या संबंध है?
Why Water is Life : देश के कुछ हिस्सों में गर्मी (Temperature) ने पिछले 122 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया हैं। इस गर्मी से हमें बचाने वाला सबसे बड़ा कवच है पानी (Water)। जल है तो जीवन है। यही हमें गर्मी से बचाकर रखता है। आखिर पानी हमारे लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं? हमें क्यों और कितना पानी पीना चाहिए? आइए जानते हैं पानी और हमारी जिंदगी से जुड़े ऐसे ही अहम सवालों के जवाब।
मानव शरीर का 65 फीसदी हिस्सा पानी
हमारे शरीर का 65 फीसदी हिस्सा पानी से बना है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी का वजन 100 किलो है तो उस सौ में से 65 किलो पानी है। अगर मानव शरीर में इतना पानी ना हो तो आखिर क्या होगा? ऐसा हम अक्सर देखते हैं कि जब कोई रोता है तो हम उसे पानी पिलाते हैं। कोई चक्कर खाकर गिर जाता है तो उसे पानी के छींटे मारे जाते हैं फिर उसे पानी पिलाया जाता है। कोई व्यक्ति झल्लाता है तो भी हम कहते हैं कि यार ठंड रखो, पानी पीओ। पर आखिर ऐसा क्यो? पानी का हमारी जीवन में ऐसा क्या लगाव है कि हर बात में इसी की चर्चा शुरू हो जाती है? चलिए चलिए इसी सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं।
पानी के कारण की पृथ्वी को कहा जाता है ब्लू प्लानेट
धरती पर इतना पानी है कि इसे ब्लू प्लानेट (Blue Planet) कहा जाता है। समुद्र में, नदियों में और वहां जहां पानी नहीं दिख रहा वहां भी पानी है यानी इंसानी शरीर (Human Body) में। लेकिन हर किसी में पानी की मात्रा अलग-अलग होती है। एक व्यस्क के शरीर का करीब 65 फीसदी हिस्सा पानी से बना होता है। वहीं छोटे बच्चों में 80 फीसदी तक पानी होता है। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है पानी की मात्रा घटती जाती है। बुजुर्गों के शरीर में सिर्फ 50 प्रतिशत ही पानी होता है। इसे दूसरे रूप में देखें तो हम पाएंगे कि औसतन हम हमेशा अपने साथ करीब 45 लीटर पानी लेकर घूमते हैं।
पानी ना मिले तो शरीर की कोशिकाएं सिकुड़ कर मर जाएंगी
पानी हमारे शरीर की संरचना के लिए जरूरी है। खून में एरिथ्रोसाइट्स (Erythrocytes) नाम की कोशिकाएं होती है, इन्हें अगर पानी ना मिले तो ये सिकुड़ कर मर जातीं हैं। इसी तरह अगर मांसपेशियों (Muscles) को पानी नहीं मिलेगा तो वे 70 फीसदी तक सिकुड़ सकतीं हैं। ऐसा ही हाल हमारे मस्तिष्क (Brain) का भी होगा। क्योंकि मस्तिष्क भी 70 फीसदी पानी से बना है। यहां एक गौर करने वाली और दिलचस्प बात यह है कि हमारे मस्तिष्क (Brain) और पृथ्वी (Planet) दोनों का 70 फीसदी हिस्सा पानी है।
शरीर के हर 20 किलो वजन पर जरूरत होती है एक लीटर पानी की
शरीर के लिए पानी बहुत अहम है। शरीर में पानी कम होने लगे तो क्या होता है? इसस पहले शरीर और सिर में दर्द होना शुरू हो जाता है। सिर दुखता है तो लोग चाय—कॉफी पीने लगते हैं। जबकि चाय और कॉफी शरीर को और डिहाईड्रेट कर देते हैं, ऐसे समय में आपको जरूरत होती है हाईड्रेशन की। रिसर्च के मुताबिक हर 20 किलो वजन के बदले आपको एक लीटर पानी की जरूरत होती है। मतलब अगर आपका वजन 80 किलो है तो आपको दिनभर में पीना होगा चार लीटर पानी। जो लोग ऐसा नहीं करते हैं उनका मुंह सूखा-सूखा सा रहता है, ऐसे में सांस की बदबू भी आती है। कब्ज भी होती है। आपकी स्किन हमेशा ड्राई रहती है, नाखून टूटते रहते हैं। इसके अलावा आपको थकान महसूस होती है और सबसे बढ़कर आप चिड़चिड़े हो जाते हैं।
मूड ठीक रखना हो तो पीएं खूब पानी
इसे समझने के लिए आप अपने छोटे बच्चे का उदाहरण ले सकते हैं। जैसे ही वह रोने लगे तो उसे पानी पिला दीजिए वह शांत हो जाएगा। अक्सर लोग बच्चे के चिड़चिड़ा होने पर उसे पानी नहीं पिलाकर टॉफी पकड़ा देते हैं। एक तो डिहाईड्रेशन उपर से चॉकलेट के रूप में शूगर की अत्यधिक मात्रा का सेवन। इसी कारण प्यारा सा मासूम बच्चा खूंखार जानवर में बदलने बदल जाता है। तो फिर सिर्फ पानी पी लेने से मूड कैसे चेंज हो जाता है? इसे समझना जरूरी है।
जितना जरूरी हम समझते हैं पानी शरीर के लिए उससे भी ज्यादा जरूरी है
जितना हमें लगाता है हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में पानी उससे कहीं ज्यादा अहमियत रखता है। इंसानी शरीर बहुत सी प्रक्रियाओं के निष्पादन लिए पानी पर निर्भर है। पानी शरीर में कई अहम भूमिकाएं निभाता है। ये पोषक तत्वों और आॅक्सीजन को शरीर की सभी कोशिकाओं तक पहुंचाने का काम करता है। खून के जिस हिस्से को प्लाज्मा कहा जाता है वह मूल रूप से पानी ही होता है। खून का करीब 55 फीसदी हिस्सा प्लाज्मा और बाकी 45 फीसदी आरबीसी, डब्ल्यूबीसी और प्लेटलेट्स से बना होता है।
पानी की कमी से हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम पड़ जएगा ठप
पानी ना हो तो हमारा इम्यून सिस्टम भी ठप पड़ जाएगा। इसके अलावा पानी शरीर से कचरा हटाने का काम भी करता है। यूरिनेशन के जरिए किडनी पानी को फिल्टर करती है और इस प्रकिया में जिन चीजों की जरूरत नहीं होती है उसे यूरीन के साथ शरीर के बाहर निकाल देती है। इस तरह से हर दिन शरीर से कम से कम डेढ़ लीटर पानी निकलता है। इसी लिए पानी पीते रहना जरूरी है।
भोजन को पोषक तत्वों को सोखने के लिए पानी जरूरी
खाने के जरिए मिलने वाले पोषक तत्वों को सोखने के लिए भी शरीर को पानी की जरूरत होती है। यानी कि शरीर को खाना तभी लगेगा जब आप सही मात्रा में पानी पीएंगे। आप जो खाना खाते हैं पानी उसे छोटे हिस्सों में तोड़ने में मदद करता है उसके बाद पानी के ही साथ मिलकर ये पोषक तत्व शरीर के अलग-अलग हिस्सों तक पहुंचते हैं। कुछ पोषक तत्व वॉटर सोल्यूबल होते हैं यानी पानी नहीं मिलेगा तो ये यूं ही शरीर से बाहर निकल जाएंगे और गर्मियों में तो पानी की जरूरत और भी बढ़ जाती है। यह शरीर को गर्म होने से रोकता है।
पानी की मदद से ही हमारा शरीर गर्मियों में ठंडा हो पाता है
जब हमें गर्मी लगती है तो शरीर नमक और पानी को पसीने के रूप में त्वचा से बाहर धकेलता है। क्योंकि गर्मी के कारण त्वचा का तापमान बढ़ा हुआ होता है इसलिए पसीना भाप बनकर उड़ने लगता है और शरीर ठंडा हो जाता है। कुल मिलाकर पानी नहीं होता तो हम इंसानों का अस्तित्व ही नहीं होता है। शायद इसीलिए कहा जाता है कि बिन पानी सबसून। सच्चाई तो यह है कि इंसान ही नहीं बिन पानी तो धरती पर कुछ भी नहीं होता है। इसी लिए यह भी कहा जाता है कि जल ही जीवन है। हमारे लिए भी और हमारी पृथ्वी के लिए भी। पानी नहीं पीएंगे तो वजन बढ़ेगा। वजन बढ़ेगा तो और बीमारियां होंगी। इसलिए अगर शरीर को बचाकर और स्वस्थ रखना है तो जितना अधिक हो सके पानी पीजिए। गर्मियों में तो संभव हो तो पानी साथ में रखकर ही घर से निकलिए।
(जनता की पत्रकारिता करते हुए जनज्वार लगातार निष्पक्ष और निर्भीक रह सका है तो इसका सारा श्रेय जनज्वार के पाठकों और दर्शकों को ही जाता है। हम उन मुद्दों की पड़ताल करते हैं जिनसे मुख्यधारा का मीडिया अक्सर मुँह चुराता दिखाई देता है। हम उन कहानियों को पाठक के सामने ले कर आते हैं जिन्हें खोजने और प्रस्तुत करने में समय लगाना पड़ता है, संसाधन जुटाने पड़ते हैं और साहस दिखाना पड़ता है क्योंकि तथ्यों से अपने पाठकों और व्यापक समाज को रू—ब—रू कराने के लिए हम कटिबद्ध हैं। हमारे द्वारा उद्घाटित रिपोर्ट्स और कहानियाँ अक्सर बदलाव का सबब बनती रही है।
साथ ही सरकार और सरकारी अधिकारियों को मजबूर करती रही हैं कि वे नागरिकों को उन सभी चीजों और सेवाओं को मुहैया करवाएं जिनकी उन्हें दरकार है। लाजिमी है कि इस तरह की जन-पत्रकारिता को जारी रखने के लिए हमें लगातार आपके मूल्यवान समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है। सहयोग राशि के रूप में आपके द्वारा बढ़ाया गया हर हाथ जनज्वार को अधिक साहस और वित्तीय सामर्थ्य देगा जिसका सीधा परिणाम यह होगा कि आपकी और आपके आस-पास रहने वाले लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करने वाली हर ख़बर और रिपोर्ट को सामने लाने में जनज्वार कभी पीछे नहीं रहेगा, इसलिए आगे आयें और जनज्वार को आर्थिक सहयोग दें।