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7 साल में 4 लाख करोड़ की सरकारी संपत्तियां बेच चुकी मोदी सरकार अब उत्तराखंड की मुनाफा कमाने IMPCL को करने जा रही पूंजीपतियों के हवाले

Janjwar Desk
8 Dec 2023 6:15 PM IST
7 साल में 4 लाख करोड़ की सरकारी संपत्तियां बेच चुकी मोदी सरकार अब उत्तराखंड की मुनाफा कमाने IMPCL को करने जा रही पूंजीपतियों के हवाले
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आईएमपीसीएल के विनिवेश जैसे अहम् मसले पर उत्तराखंड के विधायक व सांसद मौन हैं। मेहनतकश लोगों को रोजी-रोटी रोटी नसीब नहीं हो रही है, परंतु पूंजीपति वर्ग दिन प्रतिदिन मालामाल हो रहा है....

Ramnagar news : ठेका मजदूर कल्याण समिति द्वारा आज कारखाना गेट पर आज 8 दिसंबर को आयोजित मजदूर किसान पंचायत में कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने सरकारी आयुर्वेदिक दवा कारखाने आईएमपीसीएल के विनिवेश को रोके जाने और ठेका श्रमिकों के पीएफ के बकाया 1.12 करोड रुपए के भुगतान आदि का मसला कांग्रेस सांसदों व विधायकों द्वारा लोकसभा तथा उत्तराखंड विधानसभा में उठाए जाने की घोषणा की।

सरकारी आयुर्वेदिक दवा कारखाने आईएमपीसीएल का विनिवेश रद्द किए जाने व अन्य मांगों को लेकर चलाया जा रहे आंदोलन के संदर्भ में कारखाना गेट पर मजदूर किसान पंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें आगामी 12 जनवरी को कारखाना गेट पर एक दिवसीय उपवास व धरने की घोषणा की गई।

समिति के अध्यक्ष किशन शर्मा के संचालन में आयोजित पंचायत को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की थी कि ना मैं खाऊंगा ना मैं खाने दूंगा, परंतु अब वे एक-एक करके सभी सरकारी संपत्तियों को बेच रहे हैं। पिछले 7 वर्षों में मोदी सरकार लगभग 4 लाख करोड़ रुपए की सरकारी संपत्तियां पूंजीपतियों को बेच चुकी है।

वक्ताओं ने कहा कि आपका संघर्ष आईएमपीसीएल को बचाने का ही संघर्ष नहीं है, बल्कि यह समूचे देश के पब्लिक सेक्टर को बचाने का भी संघर्ष है। आईएमपीसीएल के विनिवेश जैसे अहम् मसले पर उत्तराखंड के विधायक व सांसद मौन हैं। मेहनतकश लोगों को रोजी-रोटी रोटी नसीब नहीं हो रही है, परंतु पूंजीपति वर्ग दिन प्रतिदिन मालामाल हो रहा है। सरकारें विश्व व्यापार संगठन, आईएमएफ व विश्व बैंक के इशारों पर काम कर रही हैं। भाजपा सरकार कॉरपोरेट के साथ मिलकर मजदूर किसानों के खिलाफ कानून बना रही है।

वक्ताओं ने कहा कि कारखाना प्रबंधन द्वारा कोर सेक्टर में ठेका प्रथा लागू कर भारतीय कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। रिकवरी के 1.12 करोड़ रुपए मजदूरों को न देना एक अपराध है। पंचायत के दौरान कारखाना प्रबंधन ने पंचायत में आकर पीएफ राशि के भुगतान हेतु आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

पंचायत को पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, भारतीय किसान यूनियन उगराहां के प्रदेश प्रवक्ता अवतार सिंह, एक्टू के प्रदेश महामंत्री केके बोरा, महिला एकता मंच भी संयोजक ललिता रावत, पूर्व पंचायत सदस्य नारायण रावत, उपपा नेता प्रभात ध्यानी, इंकलाब मजदूर केंद्र के महासचिव रोहित रुहेला, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिंबाल, किसान संघर्ष समिति के ललित उप्रेती, समाजवादी के संयोजक मुनीष कुमार, कांग्रेस सैनिक प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री घनानंद शर्मा, इंडोनेंस वर्कर यूनियन के महामंत्री दीवान सिंह, नवीन अधिकारी केपी शर्मा आदि ने संबोधित किया।

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