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दरभंगा में 55 दलितों के घरों पर बुल्डोजर चलाये जाने और विरोध करने वाले माले कार्यकर्ताओं को झूठे मुकदमे में फंसाने के खिलाफ 24 मार्च से आमरण अनशन
प्रतीकात्मक फोटो
पटना। तटबंधों, पोखरों, नदी किनारे और सरकारी या मालिक जमीन पर वर्षों से बसे भूमिहीन परिवारों का सर्वे किया जायेगा। वहीं रजवाड़ा कांड में माले नेताओं की रिहाई और झूठे मुकदमों की वापसी की मांग पर विधानसभा के समक्ष 24 मार्च से आमरण अनशन भी शुरू किये जायेगा।दलित-गरीबों को उजाड़ने के खिलाफ 28 मार्च को विधानसभा के समक्ष खेग्रामस का प्रदर्शन होगा।
दरभंगा के रजवाड़ा में दशकों से बसे 55 दलितों के घरों को बुलडोजर के जरिए ध्वस्त करने, उलटे दर्जनों निर्दोष महिला-पुरुषों सहित महज विरोध करने के कारण भाकपा-माले नेता अशोक पासवान, पप्पू खां व अन्य लोगों को झूठे मुकदमे में फंसाने के खिलाफ आगामी 24 मार्च से विधानसभा के समक्ष आमरण अनशन किया जाएगा। यह जानकारी आज 17 मार्च को भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य और खेग्रामस के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड धीरेन्द्र झा ने दी।
उन्होंने कहा कि भाकपा-माले विधायकों के हस्तक्षेप से मुख्यमंत्री ने जांच का आदेश दिया था, लेकिन कोई तथ्य नहीं मिलने के बावजूद पुलिस प्रशासन ने सामंतों के दबाव में न्याय का गला घोंटने का काम किया है। घूसखोर आईजी ने मामले में थाना, अंचल, डीएसपी को बचाते हुए दलित विरोधी जमींदारों के पक्ष में काम किया और माले नेताओं को निशाना बनाया। दरभंगा से पटना तक न्याय को दबाने का काम किया गया।
अनशन पर भाकपा-माले राज्य कमिटी की सदस्य और खेग्रामस नेत्री शनिचरी देवी, भाकपा-माले नेता सह पूर्व प्रमुख हरि पासवान और कलीम नदाफ बैठेंगे। अनशन पर रिंकू देवी भी बैठेंगी, जिनकी मां की मौत इसी घटना में पुलिस की पिटाई से जेल में हुई है।
अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) द्वारा भी गरीबों को उजाड़ने, उजाड़ने के लिए नोटिस देने, बकाया बिजली बिल माफ करने, 100 यूनिट फ्री बिजली देने, मनरेगा में 200 दिन काम, 600 रुपए दैनिक मजदूरी और कार्यस्थल पर भुगतान तथा पेंशन 3000 रुपए करने की मांग को लेकर 28 मार्च को विधानसभा के समक्ष विशाल प्रदर्शन किया जाएगा।
धीरेन्द्र झा ने कहा कि प्रदर्शन में बड़ी संख्या में दलित-गरीबों की भागीदारी होगी। तटबंधों, पोखरों, नदी किनारे और सरकारी या मालिक जमीन पर वर्षों से बसे भूमिहीन परिवारों का सर्वे खेग्रामस की ओर से किया जाएगा। संगठन मुकम्मल सर्वे के आधार पर नया-वास आवास कानून बनाने की मांग राज्य सरकार से कर रहा है।