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आंदोलन

IMPCL मोहान के ठेका मजदूरों के पीएफ बकाये के 1.12 करोड़ रुपये के भुगतान और कारखाना बेचे जाने के विरोध में आंदोलन

Janjwar Desk
16 March 2024 1:47 PM GMT
IMPCL मोहान के ठेका मजदूरों के पीएफ बकाये के 1.12 करोड़ रुपये के भुगतान और कारखाना बेचे जाने के विरोध में आंदोलन
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Ramnagar news : आईएमपीसीएल मोहान के ठेका मजदूरों के पीएफ की बकाया 1.12 करोड़ रुपए की राशि के भुगतान तथा आईएमपीसीएल (Indian Medicines Pharmaceutical Corporation Limited) का विनिवेश रोके जाने आदि मांगों को लेकर ठेका मजदूर कल्याण समिति द्वारा 17 मार्च 2024 को दिन में 11 बजे से ग्राम मोहान में एक बैठक का आयोजन किया जाएगा।

समिति के अध्यक्ष किशन शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि वर्ष 2008 से वर्ष 2014 के दौरान ठेकेदार फर्म शिवालिक सर्विसेज व सुंदर भूमि सर्विसेज ने आईएमपीसीएल (Indian Medicines Pharmaceutical Corporation Limited) प्रबंधन के साथ मिलीभगत कर श्रमिकों के 1.12 करोड़ रुपए की राशि में भ्रष्टाचार किया था। 5 वर्ष तक पीएफ कार्यालय में चली सुनवाई के बाद भविष्य निधि आयुक्त, हल्द्वानी ने मई, 2019 में सरकारी आयुर्वेदिक दवा कारखाना आईएमपीसीएल से 1.12 करोड़ की वसूली की थी।

इस राशि के श्रमिकों को भुगतान के लिए आईएमपीसीएल प्रबंधन को फॉर्म 19 सत्यापित करके पीएफ कार्यालय में भेजना है, तभी श्रमिकों को उक्त राशि का भुगतान संभव है। परंतु कारखाना प्रबंधन जान-बूझकर श्रमिकों को परेशान करने के लिए उनके फार्म 19 को सत्यापित करके पीएफ कार्यालय नहीं भेज रहा है, जिस कारण सैकड़ो श्रमिकों का पीएफ का पैसा उन्हें नहीं मिल पा रहा है।

बैठक में श्रमिकों को पीएफ राशि के भुगतान करवाए जाने के लिए आंदोलन एवं कानूनी कार्रवाई की रणनीति तैयार की जाएगी।

गौरतलब है कि भारत सरकार के एकमात्र आयुर्वेदिक दवा कारखाने आईएमपीसीएल (Indian Medicines Pharmaceutical Corporation Limited) का विनिवेश रद्द करने व ठेका श्रमिकों के पीएफ के बकाया 1.12 करोड रुपए का भुगतान किए जाने आदि मांगों को लेकर 12 जनवरी को कारखाना गेट पर एक दिवसीय सामूहिक उपवास किया जा चुका है। इसके अलावा भी मजदूर कारखाना बंद करने का लगातार विरोध कर रहे हैं।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष आईएमपीसीएल ने 45 करोड़ रुपए का मुनाफा अर्जित किया था, बावजूद इसके इसे बेचे जाने का निर्णय सरकार द्वारा लिया जा चुका है। कोरोना लॉकडाउन के दौरान भी कारखाना मुनाफे में चल रहा था। सरकार लोगों के लिए नए रोजगार पैदा करने की जगह मुनाफे में चल रहे सार्वजनिक संस्थाओं को भी पूंजीपतियों को बेच देने पर आमादा है।

समाजवादी लोकमंच के संयोजक मुनीष कुमार कहते हैं, 30 अक्टूबर 2022 को कारखाने को बेचे जाने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थीं। हरियाणा की कम्पनी रिसर्जेट इंडिया को आईएमपीसीएल बेचने के लिए नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि आईएमपीसीएल को मिनी नवरत्न का दर्जा प्राप्त है तथा इस कारखाने से केवल मजदूर ही नहीं, बल्कि क्षेत्र के किसान तथा अन्य लोगों की भी जीविका जुड़ी हुई है। इस कारखाने के बिकने से उत्तराखंड से पलायन और भी अधिक बढ़ेगा, अतः इसके विनिवेश को रोका जाना चाहिए।

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