Begin typing your search above and press return to search.
आंदोलन

लखनऊ के अस्ती गांव में साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की आशंका के साथ पुलिस कमिश्नर से मिला सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल

Janjwar Desk
18 Sep 2024 4:38 PM GMT
लखनऊ के अस्ती गांव में साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की आशंका के साथ पुलिस कमिश्नर से मिला सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल
x
बकौल प्रतिनिधि मंडल कल 17 सितंबर को मनगढ़ंत और झूठे आरोप लगाते हुए विहिप व बजरंग दल के नेताओं के साथ दबंगों ने बक्शी का तालाब थाने में तहरीर दी और अल्पसंख्यकों की गिरफ्तारी की मांग की है...

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित बक्शी का तालाब थाना अंतर्गत अस्ती गांव में अल्पसंख्यकों के ऊपर झूठे आरोप मढ़कर कर फर्जी मुकदमों में फंसाने, उन पर हमला करने के प्रयासों पर रोक लगाने और वहां के सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की खबर सामने आयी है। इस मामले में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने की मांग को लेकर आज 18 सितंबर को पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सिंह सेंगर से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की।

प्रतिनिधि मंडल ने अपने ज्ञापन में कहा कि बक्शी का तालाब थाना क्षेत्र के अस्ती गांव में स्थानीय दबंगों द्वारा जबरन साम्प्रदायिक तनाव का माहौल बनाया जा रहा है। दो दिन पहले उस गांव के रहने वाले अल्पसंख्यकों ने बारावफात का कार्यक्रम किया था। इस कार्यक्रम की सूचना बाकायदा थाने पर हुई पीस कमेटी की बैठक में दी गई थी, जिसे थाने के रजिस्टर पर दर्ज भी किया गया था। इस कार्यक्रम की पूरी वीडियोग्राफी कराई गई है और पूरे कार्यक्रम के दौरान पुलिस प्रशासन के लोग मौजूद रहे।

प्रतिनिधि मंडल के मुताबिक पुलिस के स्थानीय अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम में बात भी रखी गई थी। कार्यक्रम में आपसी भाईचारा को बनाने और देश की प्रगति के संबंध में लोगों ने तकरीरें की थी। कार्यक्रम के बाद गांव के उच्च जाति के दबंगों द्वारा कार्यक्रम स्थल पर हमला बोला गया, जिस पर पुलिस प्रशासन के कहने पर स्थानीय अल्पसंख्यक मस्जिद में चले गए। उन दबंग लोगों ने मस्जिद के बाहर काफी गाली-गलौज किया, हमला करने और गांव से बेदखल करने की धमकी दी।

बकौल प्रतिनिधि मंडल कल 17 सितंबर को मनगढ़ंत और झूठे आरोप लगाते हुए विहिप व बजरंग दल के नेताओं के साथ दबंगों ने बक्शी का तालाब थाने में तहरीर दी और अल्पसंख्यकों की गिरफ्तारी की मांग की है। उनका यह कहना कि बारावफात के कार्यक्रम में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए जो पूर्णतया असत्य है और सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वाला है। इसकी तस्दीक कार्यक्रम के वीडियो से भी की जा सकती है। ऐसी स्थिति में पुलिस कमिश्नर से निवेदन किया गया कि वह इस मामले की अपने स्तर से जांच करा ले और अल्पसंख्यकों के किसी भी प्रकार के उत्पीड़न पर रोक लगाने और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने का कष्ट करें।

प्रतिनिधिमंडल में लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्ण कुलपति प्रोफेसर रूपरेखा वर्मा, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता प्रोफेसर रमेश दीक्षित, समाजवादी पार्टी की नेता वंदना मिश्रा, सीपीआईएम की जिला सचिव मधु गर्ग, ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर, लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति के नेता इमरान राजा और उत्पीड़ित रिजवान व अस्ती गांव के लोग शामिल थे।

Next Story

विविध