कार्बेट उपनिदेशक ने किया था आदमखोर को पकड़ने का वादा, मगर महीनेभर बाद भी छुट्टा घूम रहा बाघ-आतंक झेलते ग्रामीण आंदोलन को मजबूर
रामनगर। जंगली जानवरों व बंदरों से सुरक्षा तथा जंगली जानवरों के हमले में मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपए तथा घायलों के संपूर्ण इलाज की गारंटी व 10 लाख लाख रुपए मुआवजा दिए जाने आदि मांगों को लेकर 16 जनवरी को कार्बेट पार्क के ठेला रेंज कार्यालय पर आयोजित धरना प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा मालधन, बासीटीला, ढेला आदि क्षेत्रों में जनसंपर्क एवं प्रचार किया गया।
इस दौरान हुई बैठक को संबोधित करते हुए समिति के संयोजक ललित उप्रेती ने कहा कि 31 दिसंबर, 2023 को दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार करने के दौरान रामनगर एसडीएम ने संघर्ष समिति से लिखित में ज्ञापन लेकर आश्वासन दिया था कि शासन स्तर पर इनका जल्द ही समाधान किया जाएगा, परंतु 15 दिन बीत जाने के बावजूद भी ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है। इस कारण मजबूर होकर 16 जनवरी को ढेला रेंज कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कार्यक्रम की घोषणा की गई है।
समिति के सह संयोजक महेश जोशी ने कहा कि अक्टूबर 2016 में संयुक्त संघर्ष समिति और उत्तराखंड शासन के मध्य लिखित समझौता हुआ था कि जंगली जानवरों के हमले में घायल के इलाज का समस्त खर्चा सरकार व्याधि निधि से करेगी, परंतु दो माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी बाघ के हमले में घायल अंकित के इलाज का पैसा देने के लिए सरकार तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यक्रमों के आयोजनों में लाखों करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा देने वाली सरकार एक नौजवान का इलाज करने के लिए तैयार नहीं है।
संजय मेहता ने कहा कि 14 दिसंबर को कॉर्बेट पार्क उपनिदेशक ने धरने पर आकर घोषणा की थी कि आदमखोर टाइगर को ट्रेंकुलाइज करने के आदेश ले लिए गए हैं तथा उसे दो-तीन दिन में ही पकड़ लिया जाएगा, परंतु आज एक महीना बीत जाने के बावजूद भी कार्बेट प्रशासन ने टाइगर को पकड़ कर जनता को सुरक्षा नहीं दी है। अब ऐसे में जनता के पास आंदोलन के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है।
जनसंपर्क कार्यक्रम में सूरज, हीरा खत्री, अमन, सोवन सिंह, मुनीष कुमार आदि शामिल रहे।