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आंदोलन

Karauli News: आजादी के 75 साल बाद भी लोग अपने छोटे छोटे काम के लिए भटक रहे हैं जबकि ये बहुत पहले हो जाना चाहिए थे - सुमन देवठिया

Janjwar Desk
13 Sep 2022 12:49 PM GMT
Karauli News: आजादी के 75 साल बाद भी लोग अपने छोटे छोटे काम के लिए भटक रहे हैं जबकि ये बहुत पहले हो जाना चाहिए थे - सुमन देवठिया
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Karauli News: आजादी के 75 साल बाद भी लोग अपने छोटे छोटे काम के लिए भटक रहे हैं जबकि ये बहुत पहले हो जाना चाहिए थे - सुमन देवठिया

Karauli News: सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान द्वारा फिर से शुरू की गई द्वितीय जवाबदेही यात्रा आज भरतपुर जिला मुख्यालय पर पहुंची यहां पर यात्रा की ओर से भरतपुर के बाजारों में रैली निकाली और लोगों की शिकायतें लिखीं। यात्रा की शुरुआत रैली से हुई और फिर यह जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर पहुंचकर सभा में बदल गई जहां पर कई लोगों ने संबोधित किया।

Karauli News: सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान द्वारा फिर से शुरू की गई द्वितीय जवाबदेही यात्रा आज भरतपुर जिला मुख्यालय पर पहुंची यहां पर यात्रा की ओर से भरतपुर के बाजारों में रैली निकाली और लोगों की शिकायतें लिखीं। यात्रा की शुरुआत रैली से हुई और फिर यह जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर पहुंचकर सभा में बदल गई जहां पर कई लोगों ने संबोधित किया। पीयूसीएल की राज्य अध्यक्षा एवं राष्ट्रीय सचिव कविता श्रीवास्तव ने कहा कि जनता के पैसे से तनख्वाह लेने वाले सरकारी कर्मचारी और अधिकारी जनता का ही काम नहीं करते हैं। जनता अपने काम को लेकर महीनों इंतजार करती है लेकिन उनके काम नहीं होते हैं इसलिए जवाबदेही कानून तुरंत पास किया जाए।

आगाज फाउंडेशन से जुड़ी सुमन देवठिया ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी लोग छोटे छोटे कामों के लिए चक्कर लगाते रहते हैं जबकि ये सारे काम बहुत पहले हो जाने चाहिए थे। सरकारों की जवाबदेही की व्यवस्था बहुत पहले होनी चाहिए थी। अभी भी राजस्थान सरकार के पास मौका है कि वह ऐसा कानून सभी राज्यों से पहले बनाए। सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान राजस्थान से जुड़े पारस बंजारा ने कहा कि घुमंतु, अर्धघुमंतु, विमुक्त जातियों के लोग आज भी रोटी, कपड़ा और मकान के लिए दर दर की ठोकरें खा रहें हैं उनकी कोई सुनने वाला नहीं उनकी सुनवाई तुरंत होनी चाहिए और राज्य में जवाबदेही कानून बनाया जाए। एसआर अभियान से जुड़े कमल कुमार ने कहा कि जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भी दो बार वादा कर दिया है तो कानून क्यों नहीं लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान संवेदनशील और पारदर्शी प्रशासन की बात केवल हवाई है।


जिला कलेक्ट्रेट के बाहर लगाया शिकायत मेला

जिला कलेक्ट्रेट भरतपुर के बाहर शिकायत के लिए कैंप लगाया जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग आए और उन्होंने अपनी शिकायतें लिखाई। हीरादास बस स्टैंड से जिला कलेक्ट्रेट तक निकाली रैली:- जवाबदेही आन्दोलन की ओर से भरतपुर में केंद्रीय बस स्टैंड हीरादास से रैली की शुरुआत की जो कुम्हेर गेट, कोतवाली, जमा मस्जिद, लक्ष्मण मंदिर, गंगा मंदिर, मथुरा गेट, बिजलीघर चौराहा होते हुए जिला कलेक्टर कार्यलाय पहुंची जिसमें लोगों ने रैली में जवाबदेही कानून पास करो, सवाल है- सवाल है, जवाब दो- जवाब दो के नारे लगाये. पूरे भरतपुर शहर में जवाबदेही यात्रा को लेकर चर्चा शुरू हुई और लोगों ने अपना जबरदस्त समर्थन दिया।

यात्रा के स्वयंसेवकों ने बांटे पर्चे

जवाबदेही यात्रा से जुड़े स्वयंसेवक माया, अक्षत, संजीदा, हार्दिक, कपिल आदि ने कानून और जवाबदेही कानून किसलिए को लेकर पर्चे बांटे।

रैली में मिला 1372 रुपए का चंदा

यह आंदोलन लोगों के सहयोग और समर्थन से ही चल रहा है। इसमें लोगों से 2 रुपए से लेकर 100 रुपए तक का सहयोग लिया जा रहा है। रैली के दौरान स्वयंसेवक पूजा, शक्ति सिंह और रेखा ने चंदा इकट्ठा किया जो 1986 रुपए था। लोगों का समर्थन ही इस आंदोलन की ताकत है।

भरतपुर कलेक्ट्रेट के बाहर यात्रा के स्वयंसेवकों ने लिखी शिकायतें

जवाबदेही यात्रा के शक्ति सिंह, नरपत, ठाकुर, रमेश, हार्दिक, कपिल आदि ने लोगों की शिकायतें लिखीं जिन्हें अतिरिक्त जिला कलेक्टर रघुनाथ खटीक को सौंपा गया और इन्हें जवाबदेही यात्रा के इवेंट में दर्ज कर कार्यवाही शुरू की जायेगी।

जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक और विभिन्न शिकायतों पर प्रशासन की जवाबदेही पर बात हुई:- अतिरिक जिला कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी, उपनिदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, श्रम विभाग सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।और अभियान की ओर से कविता श्रीवास्तव, पारस बंजारा, कमल कुमार, मुकेश निर्वासित, रेहाना बानो, मूलचंद, शक्ति सिंह,मोहनराम, संदीप, अजीत सिंह आदि ने मुद्दे रखे। सबसे पहले प्रशासन गाँव और शहर के संग प्रकरणों की प्रगति, सिलिकोसिस, पालनहार, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, महात्मा गाँधी नरेगा में काम और रिजेक्ट पेमेंट, स्कूलों में खेल मैंदान और उन पर स्कूल का कब्ज़ा, स्कूलों और अस्पतालों में स्टाफ, शहरी रोज़गार गारंटी योजना, घुमंतुओं के लिए नए कार्यों और पट्टों सहित कई अन्य योजनाओं पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई।

जिला प्रशासन ने दिया उचित कार्यवाही करने का आश्वासन: अतिरिक्त जिला कलेक्टर रघुनाथ खटीक की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें, जिला परिषद, सामाजिक न्याय अधिकारिता, पुलिस सहित विभिन्न जिला स्तरीय अधिकारियों ने समस्याओं को सुना और सभी शिकायतों पर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया.


रैली को किया संबोधित

कमल कुमार, आशीष, पारस बंजारा, रेहाना बानो, संदीप, भोगीराम, अजीत सिंह, इंदल सिंह, संजीदा आदि ने भी संबोधित किया। कल जवाबदेही यात्रा दौसा जिले में: कल जवाबदेही यात्रा अगले जिले के पड़ाव में दौसा जिले में रहेगी। यात्रा की ओर से दौसा शहर में रैली निकाली जाएगी और जिला कलेक्ट्रेट के बाहर शिकायत कैंप लगाया जाएगा तथा जिला प्रशासन के साथ बैठक की जाएगी।

क्या है जवाबदेही कानून और क्यों की जा रही है इसकी मांग

पिछले एक दशक से भी अधिक समय से जवाबदेही कानून की मांग राज्य में की जा रही है. गौरतलब है कि सूचना का अधिकार, महात्मा गाँधी नरेगा, सामाजिक अंकेक्षण जैसे कानून और प्रयासों के लिए राजस्थान से आन्दोलन की शुरुआत हुई और ये कानून बने और पूरे देश में फैले. जवाबदेही कानून आरटीआई पार्ट-2 है, जो पारदर्शिता से जवाबदेही की ओर ले जायेगा. ये कानून राज्य में लोकसेवकों की जनता के प्रति जवाबदेही स्थापित करेगा.

2018 में राजस्थान कांग्रेस कमेटी ने अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया था कि वे जवाबदेही कानून लाएंगेI काँग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रामलुभाया के नेतृत्व में कानून का मसौदा बनाये जाने और अपने सिफारिश देने के लिए समिति बनाई, जिसने कानूनी मसोदा जनवरी 2020 में प्रस्तुत कर दिया थाI मुख्यमंत्री ने 2022-23 के बजट में पुनः जवाबदेही कानून लाने की घोषणा की है लेकिन आज दिन तक उस कानून के मसौदे को विधानसभा के पटल पर नहीं रखा गयाI

आपको ज्ञात है कि 33 जिलों में जा रही यात्रा का संयोजन सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान राजस्थान ( एस आर अभियान) कर रहा है जो लगभग 80 सामाजिक आंदोलनों, अभियानों व संगठनों का सामूहिक मंच है I यह अभियान पिछले 17 वर्षों से जनता से जुड़े विभिन्न मुद्दे उठाता रहा है और उन पर जवाबदेही की मांग करता रहा है. आप सभी जानते हैं कि इसी वर्ष 5 जनवरी 2022 को कोविड के मामले बढ़ने की वजह से इस दूसरी जवाबदेही यात्रा को कोटा में स्थगित करना पड़ा था. पूर्व में की घोषणा के अनुरूप आज वापस यात्रा इसी कोटा शहर से शुरू हो रही है।

ज्ञात हो की 2015-16 में एस आर अभियान द्वारा राजस्थान के सभी 33 ज़िलों में 100 दिन की पहली जावाबदेही यात्रा निकाली गयी थी। यात्रा के दौरान अभियान द्वारा लगभग 10,000 शिकायतों का पंजीकरण किया गया जिन्हें राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर भी डाला गया था और उनके पीछा किया गया था। इसके बाद जयपुर में 22 दिन का जावाबदेही धरना लगाया गया और सरकार से तुरंत यह क़ानून पारित करने की माँग की गयी ताकि लाखों लोगों के मूलभूत अधिकारों के हो रहे उल्लंघन को रोका जा सके।

शंकर सिंह, श्याम लाल, वकताराम, ऋचा औदिच्य, चन्द्रकला, रणछोड़ देवासी, भँवर मेघवंशी, नरसाराम, लाडूराम, लखमाराम, ताराचंद वर्मा, चेतनराम, रावतराम, मोहनराम, तोलाराम, अनीता सोनी, प्रेम कँवर डांगी, मनीषा, पप्पूराम, नौरतमल, कमल कुमार, पारस बंजारा, विनीत भाम्भू,मुकेश निर्वासित, मूलचंद तथा अभियान के अन्य सभी साथी।

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