सेना में भर्ती का इंतजार कर रहे 50 हजार अभ्यर्थियों की टूटी आस, फिर करनी होगी शून्य से शुरुआत
सेना में भर्ती का इंतजार कर रहे 50 हजार अभ्यर्थियों की टूटी आस, फिर से करनी होगी शून्य से शुरुआत
नई दिल्ली। अग्निपथ योजना ( Agnipath Scheme ) ने देश के एक दो नहीं बल्कि 50 हजार युवाओं के सपने को परीक्षा में सफल होने के बाद चकनाचूर कर दिए। ऐसा यूं कि पिछले तीन साल में सेना की जिन भर्तियों के फिजिकल, मेडिकल और लिखित परीक्षा तक हो चुके थे, उन्हें भी अग्निपथ योजना के कारण रद्द कर दिया गया। देशभर में लगभग 50 हजार युवा भर्तियों के रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे। ऐन मौके पर अग्निपथ योजना के ऐलान से सबकुछ समाप्त हो गया।
सेना में ज्वाइनिंग ( recruitment in army ) का इंतजार कर रहे युवाओं का कहना है कि पहले कोरोना, फिर प्रशासनिक कारण बता परिणाम रोकने और अब अचानक भर्तियां रद्द कर देने से ये युवा फिर शून्य पर आकर खड़े हो गए हैं। पिछले दो साल से सेना ( Indian army ) की प्रस्तावित 144 भर्ती रैलियों में से 51 रैली हुई। इनमें 4 का ही कॉमन एंट्रेस एग्जाम हुए।
3 साल में 1 भर्ती रैली हुई कंप्लीट, 3 रद्द
हरियाणा की बात करें तो तीन साल में सिर्फ रोहतक एआरओ की भर्ती रैली कंप्लीट हुई। हिसार एआरओ की भर्ती में करीब 1500 अभ्यर्थी ने फिजिकल पास किया। लिखित परीक्षा चार बार स्थगित की गई। दादरी एआरओ के लिए 1500 ने टेस्ट पास कर रखे थे। दिल्ली आईआरओ की भर्ती में हरियाणा के दो हजार युवा थे। इन भर्तियों के लिए मार्च 2020 में प्रक्रिया शुरू हुई थी। 31 मई को पेपर भी हो गया था। इसके बाद युवाओं के मेडिकल भी हो गए। फाइनल परिणाम का इंतजार हो रहा था।
जो भर्तियां अंतिम चरण में थीं वो क्यों रद्द हुईं
नौकरी पाने के करीब पहुंच चुके युवाओं का कहना है कि घर से दूर रहकर तीन से चार साल पहले से तैयारी में लगे थे। सालाना सवा से डेढ़ लाख खर्च आ रहा था। घरवालों ने कर्ज लेकर तैयारी कराई। दो साल से इंतजार था कि जल्द ज्वाइनिंग हो जाएगी। अग्निपथ योजना सही है या गलत, वो अलग विषय है, पर जो भर्तियां फाइनल स्टेज में थी, उन्हें रद्द कर सरकार ने सपने तोड़ दिए।
केंद्र के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
वायुसेना के एक्स व वाई ग्रुप के लिए 2020 में टेस्ट हुआ। नवंबर 2020 में रिजल्ट आया। 31 अप्रैल 2021 को पहली मेरिट लिस्ट आई। दूसरी मेरिट लिस्ट जारी ही नहीं हुई। युवाओं के मेडिकल टेस्ट भी हो गए थे। इन दोनों ग्रुपों में 7 हजार युवा शामिल थे जो फाइनल ज्वाइनिंग का इंतजार कर रहे थे। अब भर्ती रद्द होने से युवा स्रपुीम कोर्ट पहुंच गए हैं। 3 से 5 लाख का नुकसान
सेना में भर्ती ( Indian army recruitment ) के लिए युवा घर से दूर रहकर तीन से चार साल तैयारी करते हैं। रोहतक, हिसार, अम्बाला, दिल्ली जैसे शहरों में सबसे ज्यादा तैयारी होती है। हरियाणा में तैयारी करने पर सालाना सवा लाख से डेढ़ लाख रुपए तक खर्च आता है। जो दिल्ली में रहकर तैयारी कर रहे हैं, उनका डेढ़ से दोलाख तक खर्च होता है। पिछले तीन साल में भर्ती की तैयारी के लिए एक युवा करीब पांच लाख खर्च कर चुका था। प्रदेश में हर साल करीब 1.50 लाख युवा सेना के लिए तैयारी करते हैं।
सेना में 3 से 5 हजार युवा सिर्फ हरियाणा से
अगर पिछले कुछ सालों की बात करें तो प्रदेश से हर साल 3 से 5 हजार युवा सेना जाते हैं। नौसेना और वायुसेना में करीब 1 हजार युवा जाते हैं। अगर तीन साल रुटीन में भर्ती होती तो हरियाणा से करीब 20 हजार युवा सेना, नौसेना, वायुसेना में जा सकते थे।
परेशान युवा कर रहे सुसाइड
अब सेना में भर्ती न होने के बुरे परिणाम सामने आने लगे हें। बेरोजगारी से परेशान युवा सुसाइड कर रहे हैं। केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में हरियाणा में बेरोजगारी व करिअर के चलते 43 युवाओं ने जान गंवाई। इस साल भिवानी, जींद में सेना में न जा पाने से परेशान होकर दो युवाओं ने सुसाइड कर लिया।