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Agnipath Row : अग्निपथ से रेलवे का 700 करोड़ स्वाहा, 60 करोड़ के टिकट रद्द, खरीदी जा सकती थी इतनी ट्रेनें, जिम्मेदार कौन?

Janjwar Desk
19 Jun 2022 8:33 AM GMT
Agnipath Row : अग्निपथ से रेलवे का 700 करोड़ स्वाहा, 60 करोड़ के टिकट रद्द, खरीदी जा सकती थी इतनी ट्रेनें, जिम्मेदार कौन?
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Agnipath Row : बिहार में नाराज प्रदर्शनकारियों ने अब तक 60 बोगियों और 11 इंजन को आग के हवाले कर किया है। इनकी अनुमानित कीमत लगभग 700 करोड़ रुपए है। इतने रुपयों में बिहार को लगभग 10 नई ट्रेनें मिल जाती।

Agnipath Row : वैसे तो सेना में नई भर्ती योजना अग्निपथ ( Agnipath Scheme ) का विरोध देश के एक दर्जन से अधिक राज्यों में हो रहा है लेकिन छात्रों का सबसे उग्र और हिंसक आंदोलन बिहार ( Bihar ) में हो रहा है। अग्निपथ के खिलाफ जारी आंदोलन से पिछले चार दिनों में सबसे ज्यादा नुकसान रेल ( Indian Railway ) महकमे को हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक अब तक 700 करोड़ से अधिक की संपत्ति अग्निपथ की आग में स्वाहा हो चुका है।

इतने में तो बिहार को 10 ट्रेनें मिल जाती

अग्निपथ योजाना ( Agnipath Scheme ) से बिहार में नाराज प्रदर्शनकारियों ने अब तक 60 बोगियों और 11 इंजन को आग के हवाले कर किया है। इनकी अनुमानित कीमत लगभग 700 करोड़ रुपए है। इतने रुपयों में बिहार ( Bihar News ) को लगभग 10 नई ट्रेनें मिल सकती थीं, जो अब न तो बिहार को मिलेगी न ही किसी और को। खास बात यह है कि यह केवल बिहार के लिए नुकसानदेह नहीं बल्कि राष्ट्रीय संपत्ति का भी नुकसान है।

इसके अलावा, स्टेशन और रेल की अन्य कीमती संपत्तियों को भी प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया।

60 करोड़ से अधिक के टिकट रद्द

अग्निपथ के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन की वजह से 60 करोड़ रुपए से अधिक के टिकट भी रद्द किए गए हैं। इसके अलावे लगभग 400 से अधिक ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। ट्रेनें रद्द होने से रेलवे को पूरा पैसा लौटाना पड़ा है।

​विरोध प्रदर्शन और नुकसान के बीच अहम सवाल यह उठा रहा है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है। अधिकांश लोगों का कहना है कि जब केंद्र सरकार नफा नुकसान का अनुमान लगाए बगैर नई योजनाओं पर अमल करेगी तो नुकसान होना भी स्वाभाविक है। तय है​ आप इसके लिए किसी और को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते।

1 ट्रेन सेट करीब 70 करोड़ का होता है

बता दें ​कि भारत में एक पैसेंजर ट्रेन में अमूमन 24 बोगियां होती हैं। इसमें सभी तरह के कोच लगे होते हैं। साथ ही पैंट्री कोच, लगेज कोच, गार्ड कोच और जेनरेटर कोच भी इसमें शामिल होते है। एक जनरल कोट लगभग 90 लाख रुपए का होता है। स्लीपर कोच की कीमत लगभग सवा करोड़ तो एसी कोच की कीमत 3 करोड़ के करीब होती है। इस तरह एक ट्रेन सेट करीब 70 करोड़ रुपए का होता है।

दबाव में मोदी सरकार

इन सब घटनाओं के बीच बढ़ते बवाल को देखते हुए केंद्र सरकार ( Modi Government ) ने योजना से जुड़ी हुई कुछ घोषणाएं की हैं। अब सेना में 4 साल की नौकरी के बाद 'अग्निवीरों' को रक्षा मंत्रालय की भर्तियों में 10% आरक्षण मिलेगा। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इसके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ये आरक्षण इंडियन कोस्ट गार्ड, डिफेंस सिविलयन पोस्ट और 16 डिफेंस PSU में मिलेगा। गृह मंत्रालय ने भी CAPF और असम राइफल्स में अग्निवीरों को 10% आरक्षण का ऐलान किया है। चिंता की बात यह है कि इन फैसलों के बाद भी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। साफ है कि अग्निपथ को लेकर मोदी सरकार दबाव में है।

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