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Nalanda News: बिहार में स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही उजागर, Covaxin की जगह दो बच्चों को दी बिना ट्रायल वाली Covishield की डोज

Janjwar Desk
3 Jan 2022 11:03 PM IST
Covid 19 वैक्सीन पेटेंट विवाद में आमने-सामने कई कंपनियां, फाइजर और बायोएनटेक पर मॉडर्ना ने किया केस
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Nalanda News: नालंदा में 2 बच्चों को कोवैक्सिन की जगह बिना ट्रायल वाली कोवीशील्ड वैक्सीन की डोज लगा दी गई है। हद तो तब हो गई जब कोवीशील्ड का वैक्सीन देने के बाद सर्टिफिकेट कोवैक्सिन का दिया गया...

Nalanda News: देशभर में सोमवार 3 जनवरी से 15 से 18 वर्ष के आयु किशोरों के लिए कोविड टीकाकरण की शुरुआत की गई। टीकाकरण अभियान के तहत 15 से 18 साल के किशोर को अब कोवैक्सीन का टीक लगाया जाना है। मगर, बिहार के नालंदा से बच्चों के टीकाकरण में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। नालंदा में 2 बच्चों को बिना ट्रायल वाली कोवीशील्ड वैक्सीन की डोज लगा दी गई है। हद तो तब हो गई जब कोवीशील्ड का वैक्सीन देने के बाद सर्टिफिकेट कोवैक्सिन का दिया गया। जब बच्चों ने इस बारे में स्वास्थ्य कर्मचारी से शिकायत की तो कहा गया कि कोवीशील्ड लेने से कोई परेशानी नहीं होगी।

जानकारी के अनुसार, बिहार के लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही के शिकार हुए दोनों भाई पीयूष रंजन और आर्यन किरण बिहारशरीफ की प्रोफेसर कॉलोनी के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि, 'हमने रविवार 2 जनवरी को कोवैक्सिन के लिए स्लॉट बुक कराया था। इसके बाद आज हम 10 बजे के करीब नालंदा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित टीकाकरण केंद्र IMA हॉल गए। वहां सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद हमने टीका लगवाया। टीकाकरण के बाद पता चला कि हम दोनों को कोवैक्सिन की जगह कोवीशील्ड का टीका लगा दिया गया है।'

वैक्सीन के साथ सर्टिफिकेट में भी लापरवाही

इधर, सगे भाइयों के पिता प्रियरंजन कुमार ने बताया कि टीका देने में स्वास्थ्य विभाग ने घोर लापरवाही बरती है। उन्होंने बताया कि गलत वैक्सीन देने के बाद जब दोनों बच्चे सीएस कार्यालय शिकायत करने गए तो उन्हें डेढ़ घंटे ऑब्जर्वेशन में रखा गया। इसके बाद बोला गया कि अगर कोई परेशानी होगी तो उनके घर मेडिकल टीम भेज दी जाएगी। अब बच्चों के माता-पिता को अनहोनी की चिंता सता रही है। किशोर के पिता ने कहा कि 'एक तो वैक्सीन देने में लापरवाही बरती गई, और दूसरी तरफ सर्टिफिकेट में भी कोवीशील्ड की जगह कोवैक्सिन ही दर्शाया गया है।' पिता ने कहा कि 'स्वास्थ्य विभाग खुद को सुरक्षित और बच्चों को असुरक्षित करने में लगा है। जब हम लोगों ने इसकी शिकायत की तो अधिकारियों ने आनन-फानन में टीका देने वाले दोनों कर्मियों को वहां से हटा दिया गया। इसके बाद उनपर क्या कार्रवाई हुई, नहीं पता।'

सीएस ने मांगा स्पष्टीकरण

वहीं, इस पूरे मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी मिली है। सीएस ने बताया कि टीका देने वाले कर्मी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। बताया जा रहा है कि जो कर्मचारी पहले टीका दे रही थी, वह कोरोना संक्रमित हो गई थी। उसकी जगह पर नई जीएनएम से वैक्सीन देने में गलती हुई है। सीएस ने कहा कि बच्चों के परिजन को आश्वस्त कर दिया गया है। उन्हें स्वास्थ्य विभाग का नंबर उपलब्ध करा दिया गया है। किसी भी तरह की परेशानी होने पर 24 घंटे मेडिकल सेवा उनके लिए उपलब्ध होगी।

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