कोविड-19 के टीकाकरण को लेकर नियमों में क्या बदलाव किया गया है, जानियें इधर
प्रतीकात्मक तस्वीर
जनज्वार ब्यूरो। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 टीकाकरण को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। यह गाइड लाइन कोविड-19 के टीकाकरण प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह NEGVAC की सिफारिशों के आधार पर तैयार की गई है।
गाइड लाइन के अनुसार जो लोग कोविड-19 पॉजीटिव है वे ठीक होने के 3 महीने बाद ही वैक्सीन लगवा सकेंगे।
कोरोना के उपचार के दौरान जिन लोगों को एंटीबॉडी या प्लाज्मा दिया गया है वे लोग भी अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 3 महीने बाद ही वैक्सीन लगवा सकेंगे।
ऐसे लोग जो कोविड-19 वैक्सीन की 1 डोज़ ले चुके हैं तथा दूसरी डोज लेने से पहले उन्हें कोविड-19 हो जाता है तब उन्हें दूसरी डोज ठीक होने के 3 महीने बाद दी जायेगी।
अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित लोग जिन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया हो या आईसीयू देखभाल में जाने की जरूरत पड़ी हो को डिस्चार्ज होने पर 30 से 45 दिन के इंतजार के बाद वैक्सीन लगाई जायेगी।
अब सभी स्तनपान कराने वाली महिलाएं टीकाकरण करवा सकती हैं।
अब वैक्सीन लगवाने से पहले कोविड-19 जांच (रैपिड एंटीजन टेस्ट) कराने की कोई जरूरत नही है।
गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के संबंध में अभी कोई फैसला नहीं हो सका है। इस मामले पर टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह NTAGI द्वारा विचार किया जा रहा है।
2 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को वैक्सीन मिलने में लगेगी देरी-
कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने 2 वर्ष से 18 वर्ष की आयु के बच्चों पर वैक्सीन के दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल की मंजूरी 13 मई को दी थी। विशेषज्ञ समिति ने इस ट्रायल की सिफारिश की थी। भारत बायोटेक 525 स्वस्थ वॉलिंटियर्स के साथ यह परीक्षण करेगा। बच्चों के लिये वैक्सीन साल के अंत तक आने की उम्मीद है।