बिहार सरकार ने रद्द किया 2926 करोड़ का टेंडर, क्योंकि निर्माण कंपनियों के पार्टनर थे चीनी ग्रुप
जनज्वार ब्यूरो,पटना। चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रहे तनाव का असर टेंडरों पर भी पड़ा है। बिहार सरकार ने पुल के 2926 करोड़ के एक टेंडर को रद्द कर दिया है। कारण,इसके दो पार्टनर चीनी थे। पथ निर्माण मंत्री ने रविवार को इसकी अधिकृत घोषणा भी कर दी है।
पथ निर्माण मंत्री नन्दकिशोर यादव ने कहा 'जिस निर्माण कंपनी को यह टेंडर मिला था,उसके दो पार्टनर चाइनीज थे। हमने उनसे कहा कि अपना पार्टनर बदल दें, पर वे नहीं माने। अब हमने उनका टेंडर रद्द कर दिया है। फिर से टेंडर किया गया है।'
बताया जाता है कि पिछले टेंडर में दो चीनी कंपनियों हार्बर इंजीनियरिंग और शांक्सी रोड ब्रिज कंपनी ने भी बोली लगाई थी। लगभग 14.5 किलोमीटर लंबे इस पुल को पटना के गांधी सेतु के समानांतर बनाया जाना है।
पटना का गांधी सेतु वर्ष 1984 में बनकर तैयार हुआ था। गंगा नदी पर बना यह पुल उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण पुल है। इस पुल के बनने से पहले लोग नाव-जहाज से गंगा पार कर राजधानी जाते थे।
गांधी सेतु काफी पुराना हो चुका है और अमूमन सालोंभर इसकी मरम्मती होती रहती है। पूरे साल इसका एक लेन बंद कर उसकी मरम्मत किए जाने से ट्रैफिक का सारा दबाव एक ही लेन पर हो जाता है। लिहाजा यहां लगातार जाम की स्थिति बनी रहती है।
वैसे अब पटना के दीघा में भी गंगा नदी पर एक और रेल सह सड़क पुल जेपी सेतु बन चुका है। पर इसपर सिर्फ छोटे वाहनों को ही चलाए जाने की अनुमति है। जिस कारण यात्री बस,मालवाहक ट्रक आदि गांधी सेतु से ही आते-जाते हैं।
इस टेंडर में कुल निर्माण 14.5 किलोमीटर का होना है। जिसमें गांधी सेतु के समानांतर 5.6 किलोमीटर लंबा पुल, 1 रेल ओवरब्रिज, 4 अंडरपास, 13 रोड जंक्शन, 5 बस शेल्टर आदि बनाए जाने हैं। लगभग 2926 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की समय सीमा साढ़े तीन साल तय की गई है।
चीन से तनाव के बाद महाराष्ट्र सरकार और रेलवे भी चाइनीज कंपनियों के साथ के अपने कुछ प्रोजेक्ट रद्द कर चुके हैं। हाल ही में इंडियन ट्रेडर्स एसोशिएशन ने 500 चाइनीज प्रोडक्ट्स की सूची जारी कर उन्हें न खरीदने की लोगों से अपील की थी। इसके अलावा देश भर में लोग चाइनीज प्रोडक्ट्स के बहिष्कार का आंदोलन भी चला रहे हैं।