तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं लेंगे हिस्सा, कोर्ट जा सकते हैं महागठबंधन प्रत्याशी
Tejaswi Yadav News : 'कोई गाड़ी नहीं खरीदेगा, किसी को पैर छूने नहीं देगा', तेजस्वी यादव ने अपने मंत्रियों के लिए बनाएं ये 6 नियम
जनज्वार। राजद नेता व महागठबंधन विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव सोमवार की शाम बिहार में नीतीश कुमार की नवगठित सरकार के शपथ ग्रहण में हिस्सा नहीं लेंगे। न्यूज एजेंसी एएनआइ ने खबर दी है कि तेजस्वी यादव शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे।
Rashtriya Janata Dal leader Tejashwi Yadav will not attend the oath-taking ceremony of Bihar CM designate Nitish Kumar to be held in Patna today.
— ANI (@ANI) November 16, 2020
(file pic) pic.twitter.com/R66n7qa3kb
राजनीतिक शिष्टाचार के नाते विपक्ष के नेता नई बनने वाली सरकार के शपथ ग्रहण में हिस्सा लेते हैं, लेकिन कांटे की टक्कर वाले इस चुनाव में महागठबंधन ने वोटों के चोरी का आरोप लगाया है। तेजस्वी यादव ने यह भी कहा था कि जनता ने उनके पक्ष में जनादेश दिया, लेकिन चुनाव आयोग का फैसला एनडीए के पक्ष में आया। हालांकि चुनाव आयोग ने राजद-कांग्रेस को आरोपों को खारिज कर दिया है और आंकड़ों के साथ यह बताने का प्रयास किया है कि उनके आरोप गलत हैं।
राजद ने बाद में एक ट्वीट कर कहा कि वह शपथ ग्रहण में हिस्सा नहीं लेगा। पार्टी ने अपने ट्वीट में लिखा : राजद शपथ ग्रहण का बायकाॅट करता है। बदलाव का जनादेश एनडीए के विरुद्ध है। जनादेश को शासनादेश से बदल दिया गया। बिहार के बेरोजगारों, किसानों, संविदाकर्मियों, नियोजित शिक्षकों से पूछें कि उन पर क्या गुजर रही है। एनडीए के फर्ज़ीवाड़े से जनता आक्रोशित है। हम जनप्रतिनिधि हैं और जनता के साथ खड़े हैं।
राजद शपथ ग्रहण का बायकॉट करती है। बदलाव का जनादेश NDA के विरुद्ध है। जनादेश को 'शासनादेश' से बदल दिया गया। बिहार के बेरोजगारों,किसानो,संविदाकर्मियों, नियोजित शिक्षकों से पूछे कि उनपर क्या गुजर रही है।NDA के फर्ज़ीवाड़े से जनता आक्रोशित है। हम जनप्रतिनिधि है और जनता के साथ खड़े है
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) November 16, 2020
तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के 21 ऐसे प्रत्याशी जो मतगणना से असंतुष्ट हैं उन्हें कोर्ट में भी जाने को कहा है। इन 21 में 14 प्रत्याशी राजद के हैं और शेष सात कांग्रेस व अन्य सहयोगी दलों के। तेजस्वी यादव ने मामूली मतों से हारे इन प्रत्याशियों को हर मदद का भरोसा भी दिलाया है।
राजद को जोर वीवीपीएटी यानी वोटर वेरिफाएबल पेपर आडिट ट्रेल के जरिए मतों की पर्ची के मिलान पर है। संदेह की स्थिति में इस पद्धति से मतों की गिनती जा सकती है। राजद व कांग्रेस को यह भरोसा है कि हो सकता है कि मामूली सीटों से जीते एनडीए की अगर कुछ सीटें इससे कम आती हैं तो वह सरकार बनाने की दावेदार हो जाएंगे।