भारत में भाजपा फेसबुक की सबसे बड़ी विज्ञापनदाता, 64 प्रतिशत विज्ञापन मोदी की पार्टी से
जनज्वार। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक की भारत में सबसे बड़ी विज्ञापनदाता है। यह राजनैतिक पार्टी कारोबारी कंपनियों से भी काफी अधिक विज्ञापन फेसबुक को देती है। पिछले 18 महीनों में भाजपा में सामाजिक, चुनाव व राजनैतिक मामलों में फेसबुक की सबसे बड़ी विज्ञापनदाता है। फरवरी 2019 से भाजपा ने अबतक 4.61 करोड़ रुपये के विज्ञापन दिए हैं।
भाजपा फेसबुक के टाॅप टेन विज्ञापनदाताओं में पहले नंबर पर है और अकेले उसकी हिस्सेदारी टाॅप टेन में 64 प्रतिशत की है। इस लिस्ट में कांग्रेस पार्टी खर्च करने के मामले में दूसरे नंबर पर है। कांग्रेस ने इसी अवधि में 1.84 करोड़ रुपये का विज्ञापन दिया।
भाजपा सोशल मीडिया प्लेटफार्म को कितना महत्व देती है, इसका आकलन इस बात से कर सकते हैं कि देश की सबसे बड़ी इ-काॅमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट व सबसे बड़ी न्यूज एग्रीगेशन कंपनी डेली हंट से उसका विज्ञापन खर्च कई गुणा अधिक है। इस अवधि में जहां डेली हंड ने एक करोड़ रुपये से कुछ अधिक रकम का विज्ञापन दिया, वहीं फ्लिपकार्ट ने 86.43 लाख रुपये का विज्ञापन दिया।
यह जानकारी सोशल मीडिया पर विज्ञापनों पर खर्च का डेटा रखने वाले ट्रैकर पर 24 अगस्त तक उपलब्ध आंकड़े के आधार पर है।
टाॅप टेन विज्ञापनदाताओं में चार भाजपा से जुड़े पेज व वेबसाइट
इस श्रेणी में सबसे अधिक खर्च करने वाली टाॅप 10 विज्ञापनदाताओं में चार भाजपा से जुड़े हैं। इनमें से तीन ऐसे हैं जो भाजपा के विचार व मत को बढावा देते हैं।
चार पेजों में दो कम्युनिटी पेज हैं, जिनका नाम 'मेरा पहला वोट मोदी को', और 'भारत के मन की बात' है। 'मेरा पहला वोट मोदी को' ने इस अवधि में 1.39 करोड़ का विज्ञापन दिया, जबकि भारत के मन की बात ने 2.24 करोड़ रुपये का विज्ञापन दिया।
इसके अलावा 'नेशन विद नमो' है, जिसे समाचार एवं मीडिया वेबसाइट के तौर पर वगीकृत किया गया है, इसने 1.28 करोड़ के विज्ञापन दिए। इसके अलावा भाजपा नेता व पूर्व सांसद एवं उद्योगपति आरके सिन्हा से जुड़ा एक पेज है, जिसने 65 लाख के विज्ञापन दिए।
ये सभी खर्च संयुक्त रूप से जोड़ दिया जाए तो यह 10.17 करोड़ रुपये होता है। यह राशि इस श्रेणी में दिए गए टाॅप टेन विज्ञापनों की कुल राशि 15.81 करोड़ रुपये का 64 प्रतिशत होता है। इसी अवधि में पिछले साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव हुआ था और भाजपा दोबारा और अधिक मतों से चुनाव जीत कर सत्ता में आयी थी।