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Bulldozer Action : फिर कटघरे में खड़ा शिवराज का बुलडोजर, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

Janjwar Desk
25 April 2022 7:45 PM IST
Bulldozer Action : फिर कटघरे में खड़ा शिवराज का बुलडोजर, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
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Bulldozer Action : फिर कटघरे में खड़ा शिवराज का बुलडोजर, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

Bulldozer Action : हाईकोर्ट की जस्टिस नंदिता दुबे ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने यह साफ किया है कि उसका अपहरण नहीं किया गया था....

सौमित्र रॉय की रिपोर्ट

Bulldozer Action : मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Chouhan) सरकार का बेकाबू बुलडोजर राज फिर कटघरे में है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने उस नवविवाहित हिंदू-मुस्लिम जोड़े (Hindu-Muslim Couple) को कानूनी संरक्षण देने का आदेश दिया है, जिन्होंने पिछले दिनों आपसी सहमति से भागकर शादी कर ली थी।

राज्य के डिंडोरी जिले (Dindori) की साक्षी साहू अपने प्रेमी आसिफ खान के साथ सात अप्रैल को घर से भागकर शादी कर ली थी। डिंडोरी जिला प्रशासन ने अपनी हद से बाहर जाकर दोनों की शादी को गैरकानूनी ठहरा दिया था। लेकिन 22 साल की साक्षी साहू की याचिका पर फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता बालिग है और उसने अपनी मर्जी से आसिफ के साथ शादी की हैहै। उन्हें अपना जीवनसाथी चुनने का अधिकार है।

हाईकोर्ट की जस्टिस नंदिता दुबे ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने यह साफ किया है कि उसका अपहरण नहीं किया गया था। वह अपनी मर्जी से आसिफ के साथ गई थी। साक्षी के भाई और परिजनों ने आसिफ पर अपहरण करने और बहला-फुसलाकर शादी करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया था। इसके बाद राज्य के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे और मंडला के जिला बीजेपी प्रमुख नरेंद्र सिंह राजपूत ने आसिफ का मकान तोड़ने की मांग को लेकर चक्का जाम किया था।


जिला प्रशासन साक्षी के भाई की एफआईआर के तीन दिन बाद ही आसिफ के परिवार की दो दुकानें तोड़ चुका था। बीजेपी के दबाव में प्रशासन का बुलडोजर आसिफ के घर पर भी चला। प्रशासन का दावा है कि आसिफ का घर अतिक्रमण के दायरे में था। लेकिन बाद में तहसीलदार और डिंडोरी कलेक्टर के बयान अतिक्रमण को लेकर गोल-मोल रहे।

इससे एक बार फिर यह साफ हो गया है कि मध्यप्रदेश सरकार किसी न किसी कारण से अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ बुलढोजर का गैरकानूनी उपयोग कर रही है। मध्यप्रदेश ने धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक को पिछले साल संशोधित किया था। इसमें लव जिहाद पर 10 साल कैद की सजा का प्रावधान है। संशोधित कानून के तहत पिछले साल मार्च तक राज्य में लव जिहाद के खिलाफ 21 एफआईआर दर्ज हो चुके हैं, जिनमें आरोपी बनाए गए 43 लोग मुस्लिम या ईसाई समुदाय से हैं।

साक्षी साहू और आसिफ खान के रूप में यह राज्य में कानूनी संरक्षण प्राप्त करने वाला चौथा जोड़ा है। अब सवाल यह पैदा होता है कि जबकि हाईकोर्ट ने साक्षी और आसिफ खान की शादी को कानूनन वैध माना है, मध्यप्रदेश सरकार और डिंडोरी जिला प्रशासन आसिफ की संपत्ति पर गैरकानूनी रूप से एकतरफा कार्रवाई को कैसे सही ठहराएगी। सवाल यह भी है कि आसिफ के परिवार को सरकारी बुलडोजर से हुए नुकसान की पूरी भरपाई कौन करेगा?

अलबत्ता, इन सवालों का हल ढूंढ़ने के बजाय राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान हिंदु लड़कियों का सरकारी खर्च पर दहेज देकर कन्यादान करने का पुण्य कमाने में लगे हैं।

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