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Chhawla Gangrape Murder Case : अनामिका गैंगरेप के 3 दोषियों को SC ने किया बरी, HC ने हैवान बताकर दी थी फांसी की सजा, देश को दहलाने वाली घटना की पूरी कहानी

Janjwar Desk
7 Nov 2022 1:00 PM GMT
Chhawla Gangrape Murder Case : अनामिका गैंगरेप के 3 दोषियों को SC ने किया बरी, HC ने हैवान बताकर दी थी फांसी की सजा, देश को दहलाने वाली घटना की पूरी कहानी
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Chhawla Gangrape Murder Case : अनामिका गैंगरेप के 3 दोषियों को SC ने किया बरी, HC ने हैवान बताकर दी थी फांसी की सजा, देश को दहलाने वाली घटना की पूरी कहानी

Chhawla Gangrape Murder Case : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के छावला में एक 19 वर्षीय लड़की का अपहरण कर उसके साथ गैंग रेप करने और फिर बेहद क्रूरता से उसकी हत्या कर देने वाले तीन आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बरी कर दिया है...

Chhawla Gangrape Murder Case : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के छावला में एक 19 वर्षीय लड़की का अपहरण कर उसके साथ गैंग रेप करने और फिर बेहद क्रूरता से उसकी हत्या कर देने वाले तीन आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बरी कर दिया है। बता दें कि दिल्ली की निचली अदालत और दिल्ली हाईकोर्ट में मुकदमे के दौरान लड़की को अनामिका कहा गया। दोनों ही अदालत ने दोषियों को मौत की सजा देने का आदेश दिया था।

अनामिका के साथ हैवानियत की हदें पार

अनामिका मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी के रहने वाली थी, जो दिल्ली के छावला के कुतुब विहार में रहती थी। 9 फरवरी 2012 की रात नौकरी से लौटते समय राहुल, रवि और विनोद नाम के आरोपियों ने उसे अगवा कर लिया था। 14 फरवरी को अनामिका की लाश बहुत बुरी हालत में हरियाणा के रेवाड़ी के एक खेत में मिली थी। गैंगरेप के अलावा अनामिका को असहनीय यातनाएं दी गई थीं। उसे कार में मौजूद हजारों से बुरी तरह से पीटा गया था। इसके साथ ही उसके शरीर को सिगरेट और गर्म लोहे से दागा गया था। यही नहीं गैंगरेप के बाद अनामिका के चेहरे और आंख में तेजाब डाला गया था।

निचली अदालत के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने भी सुनाई फांसी की सजा

जानकारी के लिए आपको बता दें कि अनामिका गैंगरेप और हत्या के मामले में 2014 में पहले निचली अदालत ने इस मामले को दुर्लभतम श्रेणी का मानते हुए तीनों आरोपियों को फांसी की सजा सुना दी थी। इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा था।

सुप्रीम कोर्ट ने 3 दोषियों को किया बरी

जस्टिस यू यू ललित, एस रविंद्र भट्ट और बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने दोषियों की अपील पर इस साल 6 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रखा था। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के तरफ से एडीशनल सॉलीसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने फांसी की सजा की पुष्टि की मांग की थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पीड़िता के साथ अकल्पनीय दरिंदगी हुई थी। इस तरह के शैतानों के चलते ही परिवारों को अपने लड़कियों के बाहर जाकर पढ़ाई करने या काम करने पर रोक लगानी पड़ती है।

दोषियों के लिए सहानुभूति भरा रैवया अपनाने का आग्रह

बता दें कि इस मामले में एमिकस क्यूरी बनाई गई वरिष्ठ वकील सोनिया माथुर ने जजों से अनुरोध किया था कि वह इन दोषियों में सुधार आने की संभावना पर विचार करें। उन्होंने कहा था कि दोषियों में से एक विनोद बौद्धिक क्षमता से पीड़ित है ।वह ठीक ढंग से सोच विचार नहीं कर पाता। वरिष्ठ वकील ने कोर्ट से दोषियों के प्रति सहानुभूति भरा रवैया अपनाने का आग्रह किया था।

दिल्ली पुलिस ने ऐसे आरोपियों को ऐसे पकड़ा

जानकारी के बता दे कि लड़की के अपहरण के समय चश्मदीदों के बयान के आधार पर पुलिस ने लाल इंडिका गाड़ी की तलाश की। कुछ दिनों बाद उसी गाड़ी में घूमता हुआ राहुल पुलिस के हाथ लगा। उसने अपना गुनाह कबूल किया और अपने दोनों साथियों रवि और विनोद के बारे में भी जानकारी दी। तीनों की निशानदेही पर पीड़िता की लाश बरामद हुई थी। डीएनए रिपोर्ट और दूसरे तमाम सबूतों से निचली अदालत में तीनों के खिलाफ केस निर्विवाद तरीके से साबित हुआ।

दिल्ली हाईकोर्ट ने बताया था शिकार ढूंढने वाला हैवान

जघन्य अपराध के तीनों दोषियों को निचली अदालत ने तीनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे दिल्ली हाईकोर्ट ने भी आरोपियों को शिकार के लिए सड़कों पर भटकने वाला हैवान बताते हुए मौत की सजा को बरकरार रखा था लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने उन तीनों आरोपियों को बरी कर दिया है। बता दें कि यह मामला निर्भया रेप केस से कुछ महीने पहले की है।

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