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Vijay Mallya : 'हम अब और इंतजार नहीं कर सकते', माल्या के खिलाफ 18 जनवरी को निर्णायक सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

Janjwar Desk
30 Nov 2021 1:04 PM GMT
Vijay Mallya on SC verdict : अवमानना के मामले में सजा सुनाये जाने पर विजय माल्या बोले - मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हूं
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Vijay Mallya on SC verdict : अवमानना के मामले में सजा सुनाये जाने पर विजय माल्या बोले - 'मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हूं'

Vijay Mallya : अवमानना के मामले में विजय माल्या के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट 18 जनवरी को आखिरी सुनवाई करेगा।

Vijay Mallya : भगौड़े कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) के खिलाफ अवमानना के मामले पर सुनवाई के लिए सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) ने हामी भर दी है। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि वह इस 18 जनवरी को इस मामले को देखेगा। अगर माल्या खुद पेश नहीं होते हैं तो उनके वकील उनकी तरफ से जवाब देंगे। अदालत ने एक अधिवक्ता को एमिकस क्यूरी बनाने का ऐलान करते हुए कहा कि वह इस मामले में अब और इंतजार नहीं कर सकती।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह विजय माल्या पर निर्भर है कि वह व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हों या अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में दलीलें पेश करें लेकिन मामले को प्रकाश में देखना होगा क्योंकि यह 2017 से स्थगित रहा है, जब उन्हें अवमानना का दोषी पाया गया था। पिछले चार साल से सिर्फ सजा का मामला लंबित है।

दरअसल मामला माल्या के अपने बच्चों को ट्रांसफर किए गए चार करोड़ अमेरिकी डॉलर से जुड़ा है। माल्या ने ब्रिटिश कंपनी डिएगो से मिले चार करोड़ डॉलर अपने बच्चों को दिए थे। भारतीय स्टेट बैंक यानि एसबीआई (SBI) के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह ने अपनी याचिका में कहा था कि माल्या का यह कृत्य विभिन्न न्यायिक आदेशों को घोर उल्लंघन है।

माल्या ने याचिका दाखिल कर सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) के मई 2017 के उस आदेश पर पुनर्विचार की मांग की थी जिसमें उसे आदेश का उल्लंघन कर अपने बच्चों के खातों में चार करोड़ डॉलर ट्रांसपर करने के लिए अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया गया था।

हालांकि सर्वोच्च अदालत ने साल 2017 में माल्या की उस याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इसमें कोई मैरिट नहीं है, जिस पर विचार किया जाए। उस दौरान अदालत ने अपनी रजिस्ट्री से पूछा था कि माल्या की पुनर्विचार याचिका पिछले तीन साल से संबंधित न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध क्यों नहीं की गई। रजिस्ट्री को उन अधिकारियों के नाम समेत सभी जानकारियां देने का निर्देश दिया गया था जिनके पास तीन वर्षों के दौरान पुनर्विचार याचिका की फाइल थी।

सर्वोच्च अदालत ने 9 मई 2017 को विजय माल्या को अवमानना का दोषी माना था। अदालत को विजय माल्या ने संपत्ति का पूरा ब्योरा नहीं दिया था। अदालत ने 10 जुलाई 2017 को विजय माल्या को पेश होने का आदेश दिया था लेकिन माल्या पेश नहीं हुए थे। अब सर्वोच्च अदालत को तय करना है कि अवमानना के मामले में विजय माल्या को क्या सजा दी जाए।

किंगफिशर एयरलाइंस (Kingfisher Airlines) का मालिक विजय माल्या साल 2016 के बाद से ब्रिटेन में रह रहा है। उस पर बैंक का 9 हजार करोड़ रुपये का कर्ज न चुकाने का आरोप है। केंद्र की ओर से आज सुप्रीम कोर्ट में बताया गया कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। वह खुद भी ब्रिटेन की कोर्ट में अपील करते-करते आजिज आ चुका है। उसे वापस लाने की प्रक्रिया में कुछ गोपनीय चीजें चल रही हैं। जल्दी वो सब पूरी कर ली जाएंगी।

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