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दिल्ली

कोर्ट ने दिया तिहाड़ जेल प्रशासन को दिल्ली दंगे में गिरफ्तार उमर खालिद की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश

Janjwar Desk
24 Sep 2020 12:50 PM GMT
कोर्ट ने दिया तिहाड़ जेल प्रशासन को दिल्ली दंगे में गिरफ्तार उमर खालिद की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश
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दिल्ली की एक अदालत ने आज गुरुवार 24 सितंबर को तिहाड़ जेल अधीक्षक को जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की न्यायिक हिरासत के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने यह आदेश, खालिद के वकील द्वार जेल के अंदर सुरक्षा का मुद्दा उठाने के बाद ये निर्देश दिया है।

कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा, "आशंकाओं के मद्देनजर, जेल अधीक्षक को नियमों के अधीन आरोपी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।"

इससे पहले कोर्ट ने खालिद को दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में 22 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। उसे 10 दिन की पुलिस हिरासत समाप्त होने के बाद वीडियो-कान्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था।

कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र उमर खालिद को 22 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। खालिद को दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में भड़की हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कठोर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत 13 सितंबर को उसे गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उसे 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। रिमांड पीरियड समाप्त होने के बाद उसे कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था।

उमर खालिद और उसके वकील तृदीप पाइस के आग्रह पर कोर्ट ने उसे जेल जाने से पहले उसके माता-पिता से मिलने की इजाजत दी और खालिद के वकील को उसे चश्मा मुहैया कराने के लिए एक आवेदन दाखिल करने के लिए कहा। वकील पाइस कोर्ट को उसे सुरक्षा मुहैया कराने के बाबत भी एक आवेदन दाखिल करेंगे।

उमर खालिद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कोर्ट को सूचित किया, "पुलिस हिरासत के 10 दिन के अंदर, मैंने किसी पेपर या बयान पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।" उन पर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का विरोध कर रहे लोगों को सांप्रदायिक आधार पर भड़काने का आरोप है। एक इनफॉर्मर ने क्राइम ब्रांच के सब इंस्पेक्टर अरविंद कुमार को खालिद और दानिश के बारे में सूचना दी थी, जिसके बाद 6 मार्च को, दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

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