Cross-gender Massage: क्रॉस-जेंडर मसाज का मतलब यौन गतिविधि नहीं, दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार को दी कार्रवाई से परहेज की नसीहत
क्रॉस-जेंडर मसाज का मतलब यौन गतिविधि नहीं- दिल्ली हाई कोर्ट
Cross Gender Massage: दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से कहा कि वह शहर में क्रॉस-जेंडर मसाज (Cross-Gender Massage) पर प्रतिबंध के संबंध में कोई कार्रवाई करने से परहेज करें। अदालत ने कहा कि ऐसी सेवाएं केवल यौन गतिविधि के अस्तित्व का संकेत नहीं देती हैं। 'क्रॉस-जेंडर' मसाज पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि यह एक क्रॉस-जेंडर मसाज है, इसका मतलब यह नहीं कि यह यौन गतिविधि है। आप अपने लोगों को कार्रवाई से रोकें।
जस्टिस रेखा पल्ली ने शुक्रवार 3 दिसंबर को यह टिप्पणी की, जिन्हें दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने बताया कि ऐसे केंद्रों में यौन गतिविधियों को रोकने के लिए उचित विचार-विमर्श के बाद नीति बनाई गई थी। वरिष्ठ वकील ने अदालत से नीति को अनुमति देने का आग्रह किया, जो अब एक दिशानिर्देश का रूप ले चुकी है। उन्होंने अदालत से नीति को कुछ समय के लिए लागू रहने की अनुमति देने के लिए कहा और इस बात पर प्रकाश डाला कि फाइव स्टार होटलों सहित कई स्थानों पर 'क्रॉस-जेंडर' मसाज की अनुमति नहीं है।
क्रॉस जेंडर मसाज पर सरकार का पक्ष
सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने क्रॉस-जेंडर मसाज की पेशकश करने वाले केंद्रों के पक्ष में कोई अंतरिम आदेश पारित करने का विरोध किया और कहा कि अधिकारियों को किसी भी अवैध गतिविधि के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। मेहरा ने पहले कहा था कि "इस तरह की यौन गतिविधि की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए"। सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने यह भी कहा कि दिल्ली के बाहर पर्यटन स्थलों पर सभी आयुर्वेदिक केंद्र, होटल और रिसॉर्ट में लिंग-लिंग मालिश की अनुमति नहीं है।
कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकारा
दिल्ली सरकार के वकील की बातों पर अदालत ने कड़ा जवाब देते हुए कहा, "सिर्फ इसलिए कि यह क्रॉस-जेंडर मालिश है, इसका मतलब यह नहीं है कि यह एक यौन गतिविधि है"। अदालत ने कहा कि वह यह नहीं कह रही है कि अवैध गतिविधियों की अनुमति दी जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि चूंकि वह अब इस मुद्दे की जांच करने जा रही है, इसलिए अधिकारियों को "इस बीच चीजों को तेज नहीं करना चाहिए।आप अपने लोगों को रोकें।" न्यायाधीश ने ये भी स्पष्ट किया उनकी बातों का मतलब ये नहीं कि अवैध गतिविधियां नहीं रोकनी चाहिए। इसपर, दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि अधिकारी केवल अवैध गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। अदालत ने इस महीने के अंत तक याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दी।
बता दें कि क्रॉस-जेंडर मसाज (Cross Gender Massage) का मतलब होता है कि किसी पुरुष की मालिश कोई महिला करे या किसी महिला की मालिश कोई पुरुष करे। कई जगहों पर इस तरह की गतिविधियों पर लगाई गई है। मगर दिल्ली होई कोर्ट ने क्रॉस-जेंडर मसाज को यौन गतिविधि से अलग बताया।
एसोसिएशन ऑफ वेलनेस आयुर्वेद एंड स्पा द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि राष्ट्रीय राजधानी में स्पा सेंटरों को क्रॉस-जेंडर स्पा के संचालन के लिए नियमित रूप से परेशान किया जा रहा है और पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग समायोजित करने के लिए अपने स्थानों का नवीनीकरण करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।