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कोविड -19

15 मई को पीक पर रहेगी कोरोना की सूनामी, दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा- क्या तैयारी है?

Janjwar Desk
24 April 2021 6:12 PM IST
15 मई को पीक पर रहेगी कोरोना की सूनामी, दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा- क्या तैयारी है?
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हाईकोर्ट ने अग्रसेन अस्पताल की याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि देश में अब भी कोरोना की सूनामी चल रही है, हम भले ही इसे दूसरी लहर कह रहे हैं....

नई दिल्ली। कोरोना महामारी की दूसरी लहर से देश हाल-बेहाल है। ऑक्सीजन की आपूर्ति न होने से कई कोरोना मरीज दम तोड़ चुके हैं। यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर कोई केंद्र या राज्य सरकार का अधिकारी ऑक्सीजन की आपूर्ति रोकेगा तो उसे बख्शेंगे नहीं टांग देंगे।

जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने कोविड-19 महामारी के भविष्य में और भयावह होने की आशंका पर केंद्र और दिल्ली सरकार से भी कड़े सवाल किए। हाई कोर्ट ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की उस रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि 15 मई के आसपास देश में कोरोना की सूनामी आ जाएगी। इस रिपोर्ट के हवाले से हाईकोर्ट ने पूछा कि केंद्र और दिल्ली की सरकारें संभावित सूनामी के लिए क्या तैयारियां की हैं या कर रही हैं?

हाईकोर्ट ने अग्रसेन अस्पताल की याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि देश में अब भी कोरोना की सूनामी चल रही है, हम भले ही इसे दूसरी लहर कह रहे हैं। हाईकोर्ट ने कहा, 'यह लहर नहीं, सूनामी है।' आईआईटी की रिपोर्ट का हवाला देकर हाई कोर्ट ने पूछा, 'मिड मई में मामलों की सूनामी आने वाली है तो दिल्ली सरकार ने किस तरह के कदम उठाए हैं उसे कंट्रोल करने के लिए?" कोर्ट ने आप सरकार से कहा, "आपको मौतों पर नियंत्रण रखना होगा।' दिल्ली हाई कोर्ट ने आज ऑक्सिजन की आपूर्ति रोके जाने के मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो भी ऐसा करेगा, उसे टांग दिया जाएगा।

बता दें कि आईआईटी कानपुर और हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने एप्लाइड 10 ससेप्टिबल, अनडिटेक्ड, टेस्टड (पॉजिटिव) ऐंड रिमूव एप्रोच मॉडल के आधार पर अनुमान लगाया है कि मामलों में कमी आने से पहले मध्य मई तक उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 10 लाख तक की वृद्धि हो सकती है। अपने गणितीय मॉडल के आधार पर अनुमान लगाया है कि भारत में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर 11 से 15 मई के बीच चरम पर होगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि उस समय देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 33 से 35 लाख तक पहुंच सकती है और इसके बाद मई के अंत तक मामलों में तेजी से कमी आएगी।

इसी तरह की आशंका एक अमेरिकी विश्वविद्यालय की तरफ से जारी रिपोर्ट में भी जताई गई है। वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स ऐंड इवैल्युएशन (IHMI) ने 15 अप्रैल को एक रिसर्च स्टडी प्रकाशित की जिसमें दावा किया गया है कि भारत में मध्य मई में रोजोना औसतन 5,600 कोरोना मरीजों की जानें जाएंगी।

उसका कहना है कि स्थिति पर काबू नहीं पाया गया तो अप्रैल से अगस्त के बीच कोरोना संक्रमण से करीब तीन लाख लोग अपनी जान गंवा देंगे। दावा है कि 10 मई को डेली डेथ रेट 5,600 पहुंच जागा जबकि 12 अप्रैल से 1 अगस्त के बीच 3 लाख 29 हजार मौतें होंगी। इस तरह, 31 जुलाई के भारत में करीब 6 लाख 65 हजार मरीजों की जान चली गई होगी।

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