Facebook Report: सोशल मीडिया के जरिए BJP-RSS ने फैलाई नफरत, 2019 चुनाव में अल्पसंख्यकों को किया टारगेट
(फेसबुक ने बताया- भारत में भड़काऊ पोस्ट के मामले सबसे ज्यादा )
Facebook Report: भारत में 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी (BJP) और आरएसएस (RSS) ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ सोशल मीडिया के जरिए नफरत फैलाने का काम किया। फेसबुक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अंग्रेजी, बंगाली और हिंदी में भड़काऊ कंटेंट कई बार पोस्ट की गईं। विशेष रूप से इस तरह के पोस्ट दिसंबर 2019 और मार्च 2020 के दौरान पोस्ट किया गया। जुलाई 2020 की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि पिछले 18 महीने में इस तरह के पोस्ट में तेजी से वृद्धि हुई है। लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2019) के अलावा, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों में इस तरह की पोस्ट के जरिए लोगों की भावनाओं को आहत करने की आशंका थी।
बता दें कि फेसबुक पर किसी भी तरह से नफरत फैलाने वाली पोस्ट को रेड फ्लैग दिया जाता है। रेड फ्लैग से किसी पोस्ट को चिह्नित किए जाने का मतलब होता कि उससे खतरे की आशंका है। एक तरह से रेड फ्लैग (Red Flag) के जरिए लोगों को उससे बचने का सिग्नल (Signal) दिया जाता है। फेसबुक ने इस तरह की सभी रिपोर्टों में भारत को जोखिम वाले देशों (ARC) श्रेणी में रखा है। जिसके मुताबिक भारत में सोशल मीडिया (Social Media) पोस्ट से सामाजिक हिंसा भड़कने का जोखिम अन्य देशों की तुलना में सबसे अधिक है।
यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) को बताए गए डॉक्युमेंट्स में सोशल मीडिया से जुड़े पोस्ट को लेकर ऐसी कई बातों का जिक्र किया गया है। ये डॉक्युमेंट्स फेसबुक की पूर्व कर्मचारी और व्हिसलब्लोअर फ्रांसेस हौगेन के कानूनी सलाहकार द्वारा अमेरिकी कांग्रेस को प्रदान किए गए हैं। इन डॉक्युमेंट्स में कहा गया है कि भारत में हेट स्पीच और हिंसा को बढ़ावा देने वाली ज्यादातर पोस्ट की थीम हिंसा के खतरों को बढ़ाने के आसपास केंद्रित थी। इसमें भारत के अल्पसंख्यक ग्रुप को कोविड से जुड़ी गलत सूचनाओं में शामिल किया गया।
2021 की एक अन्य फेसबुक इंटरनल रिपोर्ट के अनुसार, 'इंडिया हार्मफुल नेटवर्क्स' टाइटल से ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी से संबद्ध होने का दावा करने वाले ग्रुप ने इस तरह का भड़काऊ कंटेंट पोस्ट किया। इसी इंटरनल रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) और भाजपा से जुड़े ग्रुप्स के पोस्ट में 'लव जिहाद' हैशटैग को बढ़ावा दिया गया और हिन्दू मुस्लिम के बीच नफरत की आग लगाने की कोशिश हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, पब्लिकली दिखाई देने वाले इस्लामोफोबिक कंटेंट के साथ बड़ी मात्रा में भड़काऊ हैशटैग का इस्तेमाल किया गया। इसको लेकर एक बार बीजेपी, RSS और TMC से सवाल किए गए, पर किसी भी पार्टी ने कोई जवाब नहीं दिया।
गौरतलब है कि दुनिया का सबसे बड़ा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक अब हिंसा और नफरत के मामले को बढ़ावा दे रहा है। सोशन मीडिया पर फेक न्यूज और भड़काऊ पोस्ट के जरिए भारत के विभिन्न धर्मों को राजनीतिक मुनाफे के लिए बांटनें की साजिश होती है। फेसबुक द्वारा पिछले दो साल की मल्टीपल इंटरनल रिपोर्ट्स इन दावों को पुख्ता करती है। रिपोर्ट की माने तो भारत में 2019 लोकसभा चुनाव अभियान में 'एंटी-मायनॉरिटी' और 'एंटी-मुस्लिम' बयानबाजी पर रेड फ्लैग में तेजी से वृद्धि देखी गई थी।