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दिल्ली

JNU NEWS : जेएनयू प्रशासन का कैंटीन- ढाबा संचालकों को नोटिस, 30 जून तक खाली करें कैंपस

Janjwar Desk
29 Jun 2022 9:45 AM GMT
देश की शान JNU में पहली बार जाति का जहर घोलने के पीछे कौन, जानें दुनिया भर में क्यों चर्चित है ये संस्थान
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देश की शान JNU में पहली बार जाति का जहर घोलने के पीछे कौन, जानें दुनिया भर में क्यों चर्चित है ये संस्थान 

JNU NEWS : JNU की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक जिन ढाबा मालिकों ने व्यवसाय आरंभ करने के बाद से बिलों का भुगतान नहीं किया है, उन्हें नोटिस भेजा गया है।

JNU NEWS : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) प्रशासन की ओर से एक नोटिस जारी होने के बाद यूनिवर्सिटी कैंपस परिसर में स्थित कैंटीन—ढाबा मालिकों में हड़कंप की स्थिति है। ऐसा इसलिए कि जेएनयू प्रशासन ने सभी को बेदखली का नोटिस भेजा है। JNU की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक जिन ढाबा मालिकों ने व्यवसाय आरंभ करने के बाद से बिलों का भुगतान नहीं किया है, उन्हें नोटिस भेजा गया है।

2019 से नहीं जमा किया लाइसेंस शुल्क

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की ओर तीन दिन पहले जारी किए गए बयान के अनुसार इन मालिकों ने 2019 के बाद से जारी नोटिसों का कोई जवाब नहीं दिया है, जिसमें बकाया राशि का भुगतान करने को कहा गया था। JNU के कैंपस विकास समिति के प्रमुख सुधीर कुमार ने बताया है कि उन सभी को नोटिस जारी किए गए हैं, जो JNU में शैक्षणिक भवनों समेत अलग-अलग जगहों पर कब्जा कर रहे हैं। वे बगैर किसी नियत आवंटन के व्यवसाय कर रहे हैं और साथ ही बिना किसी लाइसेंस शुल्क, पानी, बिजली और अन्य बकाया का भुगतान किए बगैर व्यवसाय जारी रखना चाहते हैं।

बकाया चुकाने का आदेश

JNU NEWS : बता दें कि ढाबा और कैंटीन मालिकों को बेदखली का नोटिस भेजने के लिए 17 जनवरी की CDC की मीटिंग में फैसला लिया गया था। JNU प्रशासन ने 22 जून को परिसर में स्थित कई कैंटीन और ढाबों के संचालकों को लाखों रुपए का बकाया चुकाने और 30 जून तक यूनिवर्सिटी कैंपस खाली करने का नोटिस दिया है।

आजीविका खोने का डर

जेएनयू ( JNU ) की ओर से जारी नोटिस के बाद से दुकान मालिकों को अपनी आजीविका खोने का डर सता रहा है। साथ ही बकाया भुगतान के लिए पैसे की व्यवस्था करना भी उनके लिए मुश्किल हो रहा है। जेएनयू परिसर में चल रही कैंटीन, ढाबों और फोटोकापी की 10 दुकानों को भी ये नोटिस दिए गए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यदि व्यक्ति नोटिस का पालन करने में विफल रहता है तो वह सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जेदारों की बेदखली) अधिनियम, 1971 के अनुसार बेदखली की कार्यवाही के लिए उत्तरदायी होगा।

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