लॉकडाउन के बीच केजरीवाल सरकार ने विज्ञापन पर खर्च किया 48 करोड़
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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने एक आरटीआई के जरिए अरविंद केजरीवाल सरकार पर कोरोना काल के चार महीनों में 48 करोड़ रुपये विज्ञापनों पर खर्च करने का दावा किया है।
पार्टी का कहना है कि हर रोज 40 लाख रुपये विज्ञापनों पर खर्च करने के लिए केजरीवाल सरकार के पास धनराशि है, लेकिन कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं।
जानकारी के मुताबिक आवेदक हरीश खुराना की ओर से आरटीआई से मांगी गई जानकारी से पता चला कि केजरीवाल सरकार ने जुलाई में सर्वाधिक 45.94 करोड़ रुपये विज्ञापनों पर खर्च किए, वहीं जून में 1.81 करोड़ और अप्रैल में 66 लाख रुपये का विज्ञापन जारी किया गया।
इस मसले पर आज शुक्रवार 28 अगस्त को प्रदेश कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि आरटीआई से जानकारी मिली है कि कोरोना काल में प्रतिदिन 40 लाख के हिसाब से पिछले 4 महीने में केजरीवाल सरकार ने 48 करोड़ रुपये केवल विज्ञापन पर खर्च कर दिए। पिछले साल भी दिल्ली सरकार ने विज्ञापन पर 200 करोड़ रुपये खर्च कर दिए थे, जो कि 55 लाख रुपये प्रतिदिन बैठता है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, " एक तरफ दिल्ली सरकार कहती है उनके पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन दूसरी तरफ हर रोज 40 लाख रुपये के विज्ञापन देने के लिए उसके पास पैसे हैं।"
उन्होंने कहा, "अगर इस पैसे का सही तरीके से दिल्ली सरकार इस्तेमाल करती तो, प्रतिदिन 2 लाख लोगों को मु़फ्त भोजन मिल सकता था, मतलब पिछले 5 महीने में 3 करोड़ लोगों को मु़फ्त भोजन मिल जाता। इन पैसों से दिल्ली में प्रतिदिन 26 वेंटिलेटर खरीदे जा सकते थे, यानी इन 5 महीनों में 3900 वेंटिलेटर खरीदे जा सकते थे।"
आदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि "एक तरफ उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कल जीएसटी कॉउंसिल में दिल्ली के पास पैसा ना होने की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ पिछले साल केजरीवाल सरकार ने 200 करोड़ और इस साल पिछले 4 महीने में 48 करोड़ झूठे विज्ञापनों में बर्बाद कर डाले।"
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल बताएं कि उन्होंने दिल्ली सरकार के फंड से इन 5 महीनों में कितने लोगों को मास्क, सैनिटाइजर, राशन किट, काढ़ा और खाना बांटा है।