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Donkey Milk Farming: IT की नौकरी छोड़ गधी को पालना किया शुरू, अब घर बैठे कर रहा लाखों की कमाई

Janjwar Desk
17 Jun 2022 3:15 PM GMT
Donkey Milk Farming: IT की नौकरी छोड़ गधी को पालना किया शुरू, अब घर बैठे कर रहा लाखों की कमाई
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Donkey Milk Farming: IT की नौकरी छोड़ गधी को पालना किया शुरू, अब घर बैठे कर रहा लाखों की कमाई

Donkey Milk Farming Business Idea: कर्नाटक के एक शख्स ने गधों की बदहाली देखकर बड़ा दिल दिखाया और निर्णय लिया कि वह गधों का पालन करेगा और उनसे पैसा कमाएगा। शख्स की यह तरकीब काम कर गई।

Donkey Milk Farming Business Idea: कर्नाटक के एक शख्स ने गधों की बदहाली देखकर बड़ा दिल दिखाया और निर्णय लिया कि वह गधों का पालन करेगा और उनसे पैसा कमाएगा। शख्स की यह तरकीब काम कर गई। इतना ही नहीं इसके लिए शख्स ने अपनी आईटी जॉब छोड़ दी। कर्नाटक के रहने वाले श्रीनिवास ने राज्य का पहला डंकी फार्म खोला है। पहले तो इसके लिए उनका बहुत मजाक उड़ाया गया लेकिन अब इससे वो लाखों की कमाई कर रहे हैं। यह तब हुआ जब श्रीनिवास गौड़ा ने गधों के लिए एक सेंटर बना दिया और उन्होंने गधों को संरक्षण दिया।

श्रीनिवास गौड़ा का कहना है कि वर्तमान में हमारे पास 20 गधे हैं और मैंने लगभग 42 लाख रुपये का निवेश किया है। हम गधे के दूध को बेचने की योजना बना रहे हैं जिसके बहुत सारे फायदे हैं। हमारा सपना है कि गधे का दूध सभी को मिले। क्योंकि गधे का दूध है औषधि का भी काम करता है।

बताया जा रहा है कि वे गधी का दूध बेचते हैं। वे सुपरमार्केट, मॉल और दुकानों में गधी का दूध सप्लाई करते हैं। उनका कहना है कि जल्द ही वे ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी को भी दूध सप्लाई करेंगे और उन्हें 17 लाख रुपये का ऑर्डर भी मिल चुका है। हैरत की बात यह है कि गधे का यूरिन भी 500 से 600 रुपये लीटर बिकता है और गधे का गोबर खाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

फिलहाल श्रीनिवास गौड़ा अपने गधों की सेवा के लिए चर्चा का विषय बने हुए हैं। श्रीनिवास गौड़ा बेंगलुरू के पास रामनगरा के रहने वाले हैं। मेंगलुरू के पास ही उन्होंने यह फार्म खोला है। बीए ग्रैजुएट गौड़ा ने कई तरह के काम-काज में किस्मत आज़माई। वे एक सॉफ्टवेयर फर्म में भी काम करते थे। लेकिन वे अब अपने इस काम के लिए चर्चित हैं।

गधी का दूध औषधि के रुप में

गधी के दूध में मौजूद मिनरल और कैलोरी की मात्रा काफी ज्यादा होती है। जोकि दमा और सांस संबंधी समस्याओं को ठीक करने में बेहद कारगर साबित होती है। इसके दूध में लाइसोजाइम जैसे पोषक तत्व मौजूद होते है। जोकि 'नवजात शिशुओं में कई तरह की गंभीर बीमारियों से भी बचाव करता है। एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी एजिंग और रीजेनेरेटिंग कंपाउंड्स से भरपूर इस दूध की डिमांड हर लिहाज से बहुत ज्यादा है। गधी का दूध क्रीम, मॉइश्चराइजर और साबुन, ब्यूटी प्रोडक्ट आदि बनाने में भी किया जाता है।

गधे का यूरिन और गोबर भी 500 से 600 रुपए लीटर बिकता है और गधे का गोबर खाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। श्रीनिवास बताते है कि वे गधी का दूध सुपरमार्केट, मॉल और दुकानों में सप्लाई करते हैं और जल्द ही वे ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी को भी दूध सप्लाई करेंगे और उन्हें 17 लाख रुपए का ऑर्डर भी मिल चुका है।

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