चुनाव आयोग की वेबसाइट कर रहा था हैक, पुलिस ने ऐसे दबोचा, बना चुका है 10 हजार से ज्यादा फर्जी वोटर आईडी
जनज्वार/सहारनपुर। भारत निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइक को हैक करने के मामले में सहारनपुर पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है। सहारनपुर के एसएसपी एनस चेनप्पा ने बताया कि आरोपी विपुल सैनी ने नकुड़ इलाके में अपनी कंप्यूटर की दुकान से इस हैकिंग को अंजाम दिया। इस मामले में निर्वाचन आयोग में काम करने वाला डेटा एंट्री ऑपरेटर भी गिरफ्तार किया गया है।
खबरों के मुताबिक निर्वाचन आयोग को को वेबसाइट में कुछ गड़बड़ी का शक हुआ तो उसने जांच एजेंसियों को इसकी जानकारी दी। फिर एजेंसियों ने जांच की तो आरोपी विपुल सैनी पर शक हुआ। इसके बाद एजेंसियों ने सहारनपुर पुलिस को इसकी सूचना दी। फिर पुलिस ने विपुल की गतिविधियों पर निगरानी रखनी शुरू कर दी। पुलिस ने मौके पर ही विपुल के घर पर छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया।
वहीं इस मामले पर चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा कि असिस्टेंट इलेक्टोरल रोल ऑफिसर्स (AERO) नागरिक सेवाओं को मुहैया कराने के लिए कृतसंकल्प हैं। कोई भी वोटर ना छूटने पाए की थीम के साथ वोटर आईडी की प्रिटिंग और तय समय के अंदर उनका वितरण किया जा रहा है। असिस्टेंट इलेक्टोरल रोल ऑफिसर्स के एक डेटा एंट्री ऑपरेटन ने गैरकानूनी तरीके से सहारनपुर के नुकड़ में एक अनाधिकृत प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर से अपनी यूजर आईडी और पासवर्ड शेयर किया था। जानकारी मिली है कि कुछ वोटर आईडी प्रिंट करने के लिए ऐसा किया गया था। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। निर्वाचन आयोग का डेटाबेस पूरी तरह से सुरक्षित है।
सहारनपुर के एसएसपी चेनप्पा ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी ने कहा कि वह मध्यप्रदेश के हरदा निवासी अरमान मलिक के इशारे पर काम कर रहा था और उसने तीन माह में दस हजार से ज्यादा फर्जी मतदाता पहचान पत्र बना लिए थे। साइबर सेल और सहारनपुर अपराध शाखा के संयुक्त दल ने गुरूवार को सैनी को गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि जांच में आरोपी के बैंक खाते से साठ लाख रुपए पाए गए जिसके बाद खाते से लेन-देन पर तत्काल रोक लगा दी गई है। आरोपी के खाते में इतनी रकम कहां से आई इसकी जांच की जाएगी।