आंदोलन को कुचलने के लिए कोरोना के बहाने का इस्तेमाल कर रही सरकार, किसान नेताओं का आरोप
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा सितम्बर 2020 में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। 26 नवम्बर आंदोलनकारी किसानों ने दिल्ली की सीमाओं की ओर कूच किया था। इस बीच कोरोना की दूसरी लहर चल पड़ी तो सरकार ने पाबंदियां और सख्त कर दिन। वहीं किसान नेेेेेताओं ने आरोप लगाया है कि सरकार उनके आंदोलन को कुचलने के लिए कोरोना वायरस का उपयोग बहाने के तौर पर करने का प्रयास कर रही है।
'संयुक्त किसान मोर्चा' ने कहा कि संसद के लिए उनके प्रस्तावित मार्च की तारीख अभी तय नहीं है। बता दें कि महीने की शुरुआत में संयुक्त किसान मोर्चा ने अगले दो महीनों के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा करते हुए कहा था कि किसान मई में ससंद तक पैदल मार्च करेंगे।
किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा, 'सरकार कोरोना वायरस का इस्तेमाल किसानों के विरोध प्रदर्शन को कुचलने के लिए एक बहाने के तौर पर करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने पिछले साल भी यही चाल चली थी। हम ऐसा नहीं होने देंगे।'
उन्होंने कहा, 'कोरोना वायरस पर सरकार का पाखंड उजागर हो गया है। मंत्री और नेता चुनावी रैलियां कर रहे हैं। उन्हें दूसरों पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है।'
यादव ने कहा कि टीकाकरण के इच्छुक लोगों के लिए सभी किसान विरोध स्थलों पर टीकाकरण शिविर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऑक्सीमीटर और एंबुलेंस की व्यवस्था की जा रही है, स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार किया जा रहा है।
यादव ने कहा कि किसानों को मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा और इस संबंध में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए पर्चे बांटे जाएंगे।
एक अन्य नेता ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर स्थित किसानों के विरोध प्रदर्शन स्थलों पर अभी तक बड़ी संख्या में कोरोना वायरस के मामले सामने नहीं आए हैं।
उन्होंने कहा, 'ये खुले, अच्छी तरह हवादार स्थान हैं। ये विरोध स्थल कोविड-19 हॉटस्पॉट नहीं हैं।'
संयुक्त किसान मोर्चा सरकार से किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर भी टीकाकरण केंद्र स्थापित करने और वायरस से बचाव के लिए उन्हें जरूरी उपकरण मुहैया कराने तथा निर्देश देने का अनुरोध करता आ रहा है। बीते 16 अप्रैल को भी संगठन ने कहा था कि प्रदर्शन स्थलों पर सरकार टीकाकरण केंद्र की शुरुआत करे और इससे जुड़ीं सुविधाएं मुहैया कराए। ताकि इसके प्रसार को रोका जा सके।