Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

Fatima Sheikh: देश की प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख के जन्मदिवस पर कल होगा कार्यक्रम का आयोजन

Janjwar Desk
8 Jan 2022 7:04 PM IST
Fatima Sheikh : जानिए भारत की पहली महिला शिक्षिका फातिमा शेख की कहानी, गूगल ने भी डूडल बनाकर किया है सम्मानित
x

भारत की पहली महिला शिक्षिका फातिमा शेख की कहानी

कौमी एकता की प्रतीक और देश की प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख के नाम से देश के बहुत ही कम लोग परिचित हैं।

Fatima Sheikh: ज्योतिबा फुले व सावित्रीबाई फुले की महिलाओं और बहुजनों को शिक्षित करने की मुहिम कट्टरपथियों को बर्दास्त नहीं हुयी और उन्होंने फुले दम्पत्ति के पिता पर दबाव बनाकर उन्हें घर छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। ऐसे कठिन समय में उनके मित्र उष्मान शेख और उनकी बहन फातिमा शेख ने न केवल फुले दम्पत्ति को अपने घर में शरण दी बल्कि उन्हें महाराष्ट्र के पूना पैठ (पूना) में लड़कियों के लिए स्कूल खोलने के लिए जगह भी दी।

उस दौर में शूद्रों और महिलाओं को शिक्षा पाने का अधिकार नहीं था। शूद्र की परछाई जिस कुएं पर पड़ जाती थी तथाकथित उच्च जाति के लोग उस कुएं का पानी भी नहीं पीते थे। ऐसे कठिन समय में फातिमा शेख ने सावित्रीबाई फुले के साथ मिलकर लड़कियों और शूद्रों को पढ़ाने की शुरुआत की। फातिमा शेख स्कूल में न केवल पढ़ाने का काम करती थीं बल्कि वे घर-घर जाकर लड़कियों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए, उनके स्कूल में आने के लिए भी प्रोत्साहित भी करती थीं। इस कारण उन्हें भी सावित्रीबाई फले की तरह ही दकियानूसी-पोंगापंथी समाज के आक्रोश का सामना करना पड़ता था।


फातिमा शेख, अजीजन बाई, ऊदा देवी, बीबी गुलाब कौर, प्रीतिलता वादेदार जैसी देश में अनगिनत महिलाएं हैं जिन्होंने देश व समाज की बेहतरी के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। सरकारों की पुरुष प्रधान मानसिकता के कारण हमारी इन नायिकाओं को समाज व इतिहास में वो जगह नहीं मिली जिसकी वे हकदार हैं।

9 जनवरी को फातिमा शेख का जन्म दिन है। इस अवसर पर अपनी इस नायिका को याद करते हुए, हम देश में सभी के लिए निःशुल्क, गुणवत्तापूर्ण, वैज्ञानिक व समान शिक्षा,रोजगार व स्वास्थ्य के अधिकार को संविधान में मैलिक अधिकार का दर्जा दिये जाने आदि सवालों पर चर्चा करने के लिए 9 जनवरी रविवार को दिन में 11 बजे से ग्राम- पूछड़ी, रामनगर जिला नैनीताल में एक सभा व सांस्कृतिक का आयोजन किया जा रहा है।

(जनता की पत्रकारिता करते हुए जनज्वार लगातार निष्पक्ष और निर्भीक रह सका है तो इसका सारा श्रेय जनज्वार के पाठकों और दर्शकों को ही जाता है। हम उन मुद्दों की पड़ताल करते हैं जिनसे मुख्यधारा का मीडिया अक्सर मुँह चुराता दिखाई देता है। हम उन कहानियों को पाठक के सामने ले कर आते हैं जिन्हें खोजने और प्रस्तुत करने में समय लगाना पड़ता है, संसाधन जुटाने पड़ते हैं और साहस दिखाना पड़ता है क्योंकि तथ्यों से अपने पाठकों और व्यापक समाज को रु-ब-रु कराने के लिए हम कटिबद्ध हैं।

हमारे द्वारा उद्घाटित रिपोर्ट्स और कहानियाँ अक्सर बदलाव का सबब बनती रही है। साथ ही सरकार और सरकारी अधिकारियों को मजबूर करती रही हैं कि वे नागरिकों को उन सभी चीजों और सेवाओं को मुहैया करवाएं जिनकी उन्हें दरकार है। लाजिमी है कि इस तरह की जन-पत्रकारिता को जारी रखने के लिए हमें लगातार आपके मूल्यवान समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है।

सहयोग राशि के रूप में आपके द्वारा बढ़ाया गया हर हाथ जनज्वार को अधिक साहस और वित्तीय सामर्थ्य देगा जिसका सीधा परिणाम यह होगा कि आपकी और आपके आस-पास रहने वाले लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करने वाली हर ख़बर और रिपोर्ट को सामने लाने में जनज्वार कभी पीछे नहीं रहेगा। इसलिए आगे आएं और अपना सहयोग दें। सहयोग राशि : 100 रुपये । 500 रुपये। 1000 रुपये। )

Janjwar Desk

Janjwar Desk

    Next Story

    विविध