Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

Kanpur News: गंदा कंबल ओढ़कर थाने की फर्श पर करवटें बदलता रहा काली कमाई का धनकुबेर पीयूष जैन, भेजा गया जेल

Janjwar Desk
28 Dec 2021 3:34 AM GMT
kanpur news
x

(जेल भेजा गया काली कमाई का धनकुबेर पियूष जैन)

केबिन से बाहर मीडियाकर्मियों की चहलकदमी की भनक लगते ही पीयूष कंबल से अपना मुँह ढ़ककर घंटों लेटा रहा। मीडियाकर्मी सफेद रंग के शीशे से ही उसकी तस्वीरें लेने का असफल प्रयास करते रहे...

Kanpur News: करोड़ों रूपये की टैक्स चोरी मामले में कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) को जेल भेज दिया गया है। पीयूष जैन को रिमांड मजिस्ट्रेट योगिता कुमार की अदालत ने 10 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया था। डीजीजीआई की टीम द्वारा पीयूष को जेल भेजने की मांग को लेकर बचाव पक्ष ने अपनी दलील भी दी लेकिन कानून के शिकंजे से काली कमाई का धनकुबेर बच न सका।

नोट गिनते-गिनते मशीने हांफने लगीं

वहीं दूसरी तरफ काली कमाई के धनकुबेर पीयूष जैन की परतें भी खुलने लगी हैं। अफसरों को पता चला है कि यह रकम कानपुर सहित देश के बड़े पान-मसाला कारोबारियों की है। पीयूष पर कार्रवाई के बाद पान-मसाला कारोबारियों में भी हड़कंप का माहौल है। सूत्रों की माने तो हवाला के जरिए काले धन का कारोबार काफी लंबे समय से चल रहा है। पता यह भी चला है कि पीयूष का सालाना टर्नओवर महज सात करोड़ रूपये का ही है।

थाने की फर्श पर करवट बदलते कटी रात

जेल भेजे जाने से पहले पीयूष को थाना काकादेव में एक रात बितानी पड़ी। यहां कानूनी प्रक्रिया के तहत पुलिस के सुपुर्द कर टीम चली गई थी। आरामतलबी और आलीशान जिंदगी जीने वाले पीयूष की रात थाने की फर्श पर करवटें बदलते कटी। थाने में बिछाने के लिए एक मैली चादर व ओढ़ने के लिए एक कंबल मिला। जहां से सोमवार देपहर उसे कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया।

मुँह छिपाकर लेटा रहा पीयूष

थाने की केबिन से बाहर मीडियाकर्मियों की चहलकदमी की भनक लगते ही पीयूष कंबल से अपना मुँह ढ़ककर घंटों लेटा रहा। मीडियाकर्मी सफेद रंग के शीशे से ही उसकी तस्वीरें लेने का असफल प्रयास करते रहे। जिसके बाद दोपहर को थाने पहुँचे डीजीजीआई के अफसर पीयूष को अपने साथ चलने का इशारा किया। इसपर वह तुरंत उठा ओर टीम के साथ जाकर कार में बैठ गया।

बेटे तैयार करते थे नोटों के बंडल

बोरे में खजाना

सूत्रों की माने तो कारोबारी के यहां मिली रकम की खेप को बंडल की शक्ल सिर्फ दो लोग ही देते थे। पीयूष के घर किसी बाहरी का आनाजाना नहीं था। ऐसे में कहा जा रहा है कि पीयूष के दोनो बेटे प्रत्यूष व प्रियांश मिलकर नोटों के बंडल तैयार करते थे। विभागीय अफसरों के मुताबिक नोटों के बंडल तैयार करने में कागज, पॉलिथीन और टेप का इस्तेमाल हुआ है। और सभी बंडलों की पैकिंग एक जैसी ही है।

50 देशों से कंपाउंड कनेक्शन

इतेर कारोबारी का व्यापार लगभग 50 देशों में फैला है। डीजीजीआई की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है। घर, गोदाम और कारखाने से लगभग 10 देशों का केमिकल मिला है। इसके अलावा देश-विदेश में भेजा जाने वाला 100 तरह का कंपाउंड मिला है। टीम ने सबी के सैंपल लिए हैं। ये केमिकल फ्रांस, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, जापान, चीन, कुवैत, इंडोनेशिया, नेपाल, सऊदी अरब और तेहरान से मंगाए गये बताये जा रहे।

कोरोना काल में बिके पान मसाले की कमाई तो नहीं

गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान शहर में बड़े पैमाने पर ब्लैक में पान मसाले की बिक्री हुई थी। लॉकडाउन के दौरान उत्पादन भी कई गुना अधिक हुआ था। इस बात की पुष्टी कुछ समय पहले मेरठ और गाजियाबाद में छापेमारी के दौरान हुई थी। इत्र कारोबारी के यहां मिली नकदी करीब 6 महीने पहले की बताई जा रही। और रकम भी कई पान-मसाला कारोबारियों की है। ऐसे में आशंका है कि यह कमाई कोरोना काल की कमाई है जो पीय़ूष के ठिकाने पर छुपाई गई थी।

Next Story

विविध