मोदी के मंत्री का सदन में ताल ठोक कर दावा- 'पुलिसिया ज्यादती से कोई भी किसान नहीं मरा '
मोदी के मंत्री का सदन में ताल ठोक कर दावा- 'पुलिसिया ज्यादती से कोई भी किसान नहीं मरा '
No Farmer Died Due To Police Action During Agitation: पिछले 14 माह से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने आखिरकार आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर दिया है. सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर सहित कई जगहों से 11 दिसंबर से किसान घर वापसी शुरू कर देंगे. इस बीच राज्यसभा में दिए एक लिखित जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की कार्रवाई में किसी किसान की जान नहीं गई है.
उन्होंने मुआवजा देने के सवाल पर कहा कि "किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजे आदि का विषय संबंधित राज्य सरकारों के पास है." सरकार से कांग्रेस नेता धीरज प्रसाद साहू और आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने सवाल पूछे थे. दोनों सांसदों ने पूछा था कि क्या सरकार किसानों के विरोध के दौरान मरने वाले किसानों के परिवारों को आजीविका या आर्थिक क्षतिपूर्ति प्रदान करने की योजना बना रही है या इसके लिए कोई प्रावधान किया है.
राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा, 'किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजे आदि का विषय संबंधित राज्य सरकारों के पास है।' उन्होंने कहा, 'किसानों के आंदोलन के दौरान पुलिस की कार्रवाई में किसी किसान की मौत नहीं हुई।' तोमर कांग्रेस नेता धीरज प्रसाद साहू और आप नेता संजय सिंह के संयुक्त सवाल का जवाब दे रहे थे। का
आप को बता दें किसान आंदोलन में 700 से ज्यादा किसानों की मौत हुई है. पंजाब सरकार की ओर से यहां भी मरने वाले किसानों को 5 लाख का मुआवजा दिया जाएगा. मुआवजे पर भी किसान नेताओं और उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार में सहमति बन गई है. हालांकि, केंद्र सरकार का मानना है कि किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की कार्रवाई में किसी किसान की मौत नहीं हुई है.
MSP को लेकर समिति बनाने पर हो रहा विचार
वहीं, एमएसपी को लेकर तोमर ने कहा कि शून्य बजट की कृषि को प्रोत्साहन देने, देश की जरूरत के अनुसार फसलों के चक्र को बदलने और और एमएसपी को अधिक प्रभावी व पारदर्शी बनाने के लिए एक समिति के गठन पर विचार किया जा रहा है। केंद्र कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिशों के आधार पर 22 अनिवार्य फसलों और गन्ने के उचित लाभकारी मूल्य के लिए एमएसपी तय करता है।
नवंबर 2020 से शुरू हुआ था किसानों का आंदोलन
केंद्र की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसान नवंबर 2020 से राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली की सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। इन किसानों में मुख्यत: पंजाब, हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के थे। 29 नवंबर को संसद ने इन कानूनों की वापसी के लिए एक विधेयक पारित किया था। यह आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में हुआ जिसके साथ 40 किसान संगठन जुड़े हैं।