गुजरात के दलित नेता Jignesh Mevani को असम पुलिस ने किया गिरफ्तार, अभी तक पुलिस ने नहीं बताई वजह
अहमदाबाद। गुजरात के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवानी ( Gujarat MLA Jignesh Mevani) को असम पुलिस (Assam Police) ने बीती रात गुजरात ( Gujrat ) के पालनपुर के सर्किट हाउस से गिरफ्तार कर लिया। असम पुलिस ( Assam Police ) मेवानी को गिरफ्तार करने के बाद अहमदाबाद ले गई। राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक मेवानी की गिरफ्तारी का कारणों को असम पुलिस ने खुलासा नहीं किया है।
बताया जा रहा है कि उनके हालिया ट्विट को लेकर असम पुलिस ( Assam Police ) ने ये कार्रवाई की है। मेवानी को गिरफ्तार करने वाली असम पुलिस ने आज उन्हें ट्रेन से अहमदाबाद से गुवाहाटी ले जाने की योजना है। बता दें कि जिग्नेश मेवानी की गिरफ्तारी साल के अंत तक होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले हुई है।
कहीं जिग्नेस की गिरफ्तारी सियासी तो नहीं!
बता दें कि गुंजरात के गलियारे में जिग्नेश मेवानी की गिरफ्तारी को चर्चा गरम है। कुछ लोग इसे विधानसभा चुनाव की राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं तो कुछ का कहना है कि हाल के ट्विट को लेकर भी गिरफ्तारी संभव है। दरअसल, जिग्नेश मेवानी गुजरात कांग्रेस के बड़े चेहरों में से एक हैं। वह पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाते रहे हैं। जानकारों का कहना है कि कानून का सम्मान तो हर किसी को करना होगा। अगर किसी शख्स ने विधि सम्मत काम नहीं किया हो तो उसके खिलाफ राजनीतिक कार्रवाई होती है। लेकिन जब मामला किसी राजनीतिक शख्सियत से जुड़ा हो तो कई तरह के सवाल भी उठ खड़े होते हैं।
कौन हैं जिग्नेश मेवानी
वर्तमान में जिग्नेश मेवानी ( Jignesh Mevani ) गुजरात विधानसभा के सदस्य हैं। और गुजरात के वडगाम से विधायक हैं। पेशे से वह एक वकील, कार्यकर्ता और पूर्व पत्रकार हैं। वर्तमान में जिग्नेश मेवानी गुजरात विधानसभा के सदस्य हैं। और गुजरात के वडगाम से विधायक हैं। पेशे से वह एक वकील, कार्यकर्ता और पूर्व पत्रकार हैं। मेवानी ने सितंबर 2021 में कांग्रेस को समर्थन दिया था। उन्होंने विधानसभा का चुनाव निर्दलीय जीतने के बाद कांग्रेस को समर्थन दिया था। राजनीतिक कार्यकर्ता और जेएनयू के पूर्व छात्र संघ नेता कन्हैया कुमार और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही कन्हैया कुमार जहां कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की घोषणा की थी वहीं मेवानी ने गांधी को अपना समर्थन दिया था।