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जज की मौत मामले में CBI जांच से हाईकोर्ट संतुष्ट पर हत्या या दुर्घटना पेंच अब भी बरकरार, दो आरोपियों के बाद और कोई गिरफ्तारी नहीं

Janjwar Desk
3 Sept 2021 7:26 PM IST
जज की मौत मामले में CBI जांच से हाईकोर्ट संतुष्ट पर हत्या या दुर्घटना पेंच अब भी बरकरार, दो आरोपियों के बाद और कोई गिरफ्तारी नहीं
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धनबाद के जज उत्तम आनंद को मॉर्निंग वॉक के वक्त आटो से टक्कर मारकर उतार दिया गया मौत के घाट

जज उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत हत्या है दुर्घटना, सीबीआई की जांच में भी अभी तक खुलासा नहीं हो सका है, हालांकि सीबीआई की जांच से झारखंड हाई कोर्ट संतुष्ट है, ऐसी खबर है..

विशद कुमार की रिपोर्ट

जनज्वार। धनबाद सिविल कोर्ट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत मामला में धुंध अभी भी बरकरार है। उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत हत्या है दुर्घटना, सीबीआई की जांच में भी अभी तक खुलासा नहीं हो सका है। जबकि सीबीआई की जांच से झारखंड हाई कोर्ट संतुष्ट है, ऐसी खबर है। स्थानीय लोगों की बातों पर भरोसा करें तो जिस आटो से धक्का लगने के बाद न्यायाधीश-8 की मौत हुई है, उसके चालक और उसका साथी दोनों पक्के नशेड़ी हैं। घटना के दिन दोनों ने गांजा व शराब के साथ ड्रग का भी सेवन किया था। यह नशा इनके रूटीन में शामिल रहा है।

2 सितंबर को झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में जज उत्तम आनंद मौत मामले की सीबीआई जांच के बिंदु पर सुनवाई हुई। इस दौरान जांच पदाधिकारी की ओर से अद्यतन जांच रिपोर्ट पेश किया गया। अदालत ने अपनी संतुष्टि जाहिर करते हुए जांच को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया।

जज उत्तम आनंद की कथित मौत की सीबीआई जांच के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सीबीआई की ओर से अदालत में जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश किया गया। अदालत को जानकारी दी गई कि नार्को टेस्ट का सैंपल दूसरे राज्यों में भेजा गया है, शीघ्र ही रिपोर्ट आ जाएगी। अदालत ने नार्को टेस्ट रिपोर्ट पूरी सावधानी से कड़ी सुरक्षा में मंगाने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 9 सितंबर को होगी। इस बीच में प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है।

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झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में जज मौत की सीबीआई जांच के बिंदु पर सुनवाई हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान जांच पदाधिकारी की ओर से अद्यतन जांच रिपोर्ट पेश किया गया। अदालत को अधिवक्ता के माध्यम से जानकारी दी गई कि मामले के दो आरोपी जिन्हें गिरफ्तार किया गया है। उनका नार्को टेस्ट सैंपल दूसरे राज्य में जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने पर अदालत को इससे अवगत कराया जाएगा।

अदालत ने उन्हें नार्को टेस्ट रिपोर्ट को कड़ी सुरक्षा में लाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर उपलब्ध हो तो हवाई मार्ग से रिपोर्ट मंगवाई जाए। ट्रेन से मंगाए जाने पर रिपोर्ट के साथ छेड़छाड़ हो सकता है। इसलिए कड़ी सुरक्षा में वह रिपोर्ट मंगाई जाए। अदालत में प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है, ताकि इस केस की जांच निष्पक्ष रूप से पूरी तरह हो सके।

उल्लेखनीय है कि 28 जुलाई को धनबाद में मार्निंग वॉक के दौरान जज उत्तम आनंद को ऑटो ने कुचल दिया था, गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि जज उत्तम आनंद सड़क किनारे धीरे-धीरे दौड़ लगा रहे हैं और पीछे से तेज रफ्तार एक ऑटो सड़क पर सीधा चल रहा है और जज के नजदीक आकर वह अपना दिशा बदल देता है और जज को रौंदते हुए आगे निकल जाता है।

सीसीटीवी फुटेज देखने के उपरांत ऐसा प्रतीत हो रहा था कि, उन्हें जानबूझकर धक्का मारा गया है। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका को बदलकर सुनवाई की। मामले की सीबीआई जांच चल रही है। हाई कोर्ट की तरफ से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। उसी मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से अद्यतन जांच रिपोर्ट पेश किया गया। अदालत ने अपनी संतुष्टि जाहिर करते हुए जांच को आगे बढ़ाने का निर्देश देते हुए अद्यतन जांच रिपोर्ट फिर से प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

जज उत्तम आनन्द की संदिग्ध मौत के मामले में अगली सुनवाई 9 को

जज उत्तम आनंद की कथित मौत की सीबीआई जांच के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सीबीआई की ओर से अदालत में जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश किया गया। अदालत को जानकारी दी गई कि नार्को टेस्ट का सैंपल दूसरे राज्यों में भेजा गया है, शीघ्र ही रिपोर्ट आ जाएगी। अदालत ने नार्को टेस्ट रिपोर्ट पूरी सावधानी से कड़ी सुरक्षा में मंगाने का निर्देश दिया है। वहीं मामले की अगली सुनवाई 9 सितंबर को होगी। इस बीच में प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि 28 जुलाई को धनबाद में मार्निंग वॉक के दौरान जज उत्तम आनंद को ऑटो ने कुचल दिया था, गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई। इस घटना को जिस तरह अंजाम दिया गया है उसे साजिश बताया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि जज उत्तम आनंद सड़क किनारे धीरे-धीरे दौड़ लगा रहे हैं और पीछे से तेज रफ्तार एक ऑटो सड़क पर सीधा चल रहा है और जज के नजदीक आकर वह अपना दिशा बदल देता है और जज को रौंदते हुए आगे निकल जाता है।

बताना जरूरी होगा कि उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत पर जांच के क्रम में कई नये खुलासे होते रहे। पता चला कि एडीजे उत्तम आनंद को ऑटो से टक्कर लगने के बाद वे जिंदा थे, तीन युवक उन्हें घायल अवस्था में सदर अस्पताल ले गए थे। लेकिन वहां डॉक्डरों ने भर्ती लेने से इनकार कर दिया था। यह खुलासा अस्पताल ले जाने वाले युवक अभय साव ने पुलिस के सामने किया।

धनसार की नई दिल्ली कॉलोनी निवासी अभय ने पुलिस को बताया था कि वह दोस्तों के साथ रोज गोल्फ ग्राउंड में व्यायाम करने जाता है। 28 जुलाई की सुबह भी तीन दोस्तों के साथ वहां जा रहे थे। रणधीर वर्मा चौक के पास देखा कि ऑटो एक व्यक्ति को टक्कर मारकर भाग गया। हमलोग उन्हें उठाकर जब सदर अस्पताल ले गए तो वहां उन्हें भर्ती लेने से इनकार कर दिया गया।

वहीं सदर अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉ. राजकुमार सिंह ने अभय साव के बयान को गलत बताया था। उन्होंने कहा था कि घायल जज को सदर अस्पताल लाए जाने की बात झूठी है। अस्पताल के पास उस दिन का सीसीटीवी फुटेज मौजूद है, जिसमें देखा जा सकता है कि कोई उन्हें यहां नहीं लाया था। अस्पताल के अंदर का ही नहीं, सड़क तक का फुटेज उनके पास है। लेकिन यह मामले पर विशेष चर्चा नहीं हुई।

दूसरी तरफ जज की मोत मामले में ऑटो से जज को टक्कर मारने वाले सीसीटीवी फुटेज को वायरल करने के आरोप में एसएसपी संजीव कुमार ने धनबाद सदर थाना के पीएसआई (प्रशिक्षु दारोगा) आदर्श कुमार को सस्पेंड कर दिया। वहीं जिस ऑटो से जज को टक्कर मारी गई, उसकी चोरी की एफआईआर दर्ज करने में देरी के आरोप में पाथरडीह थानेदार उमेश मांझी को भी निलंबित कर दिया गया।

वहीं पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई के तहत धनबाद जिले के विभिन्न थानों से 31जुलाई की रात को करीब 80 दागियों को पूछताछ के लिए उठाया था। इनमें वे लोग थे, जो ऑटो चोरी करने, नशा करने आदि में शामिल रहे हैं और उनके खिलाफ पहले भी कोई केस दर्ज हुआ है। इनसे पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कई सवाल किए लेकिन जज की मौत मामले में कोई सुराग नहीं मिल सका। ऐसे दागियों काे पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया।

वहीं मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 31जुलाई की रात से विभिन्न स्थानों पर 53 होटलों की तलाशी ली। इसे लेकर पुलिस ने पूरे धनबाद में व्यापक पैमाने पर विशेष अभियान चलाया। धनबाद एसएसपी संजीव कुमार के निर्देश पर चलाए गए इन अभियान के दौरान देर रात तक सड़क में बिना कारण घूमने वाले लोगों को पकड़ा गया। जिले के कुल 56 थाना और ओपी से कुल 243 लोगों को हिरासत में लिया गया। सभी से देर रात घूमने का कारण पूछा गया। इस दौरान 17 ऐसे लोगों को भी गिरफ्तार किया गया जिनपर अलग-अलग थाना में कांड दर्ज हैं। उन्हें जेल भेज दिया गया जबकि 226 लोगों को छोड़ दिया गया। इसके अलावा 1 अगस्त को विभिन्न अनियमितता में 250 से अधिक ऑटो जब्त किये गये।

एसआईटी ने 1 अगस्त को धनबाद सर्किट हाउस में एडीजी (संचालन) संजय आनंद लाटकर की अध्यक्षता में मैराथन बैठकें कीं। उन्होंने क्राइम स्पॉट का भी दौरा किया और सुराग पाने के लिए सीन रिक्रिएट करने की कोशिश की। लेकिन पुलिस किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई।

इस बीच राज्य के मुख्यमन्त्री हेमंत सोरेन ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। और उत्तम आनंद की मौत मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई ने अपने हाथ में ले लिया। राज्य की सभी जांच एंजेसियां इस मौत के रहस्य को सुलझाने में जुटी रहीं।

बता दें कि उत्तम आनंद ने पिछले महीने शक्तिशाली गैंगस्टरों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। इसके अलावा वो यौन उत्पीड़न के मामले, छात्रवृत्ति राशि का कथित रूप से हेराफेरी और फर्जी लॉटरी टिकटों की बिक्री मामले की सुनवाई की थी। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि जिसने भी हमले की साजिश रची वह जज की दिनचर्या के बारे में सबकुछ जानता था।

इस केस को सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही स्वतः संज्ञान में ले रखा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट ने कड़ा रुख दिखाया। एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने मामले में 30 जुलाई तक रिपोर्ट मांगी थी, तो वहीं हाई कोर्ट ने भी 29 जुलाई को SSP को तलब किया था।

इस मामले में एसआईटी द्वारा ही जांच की ही जा रही थी कि मुख्यमन्त्री हेमंत सोरेन ने केस की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी। इससे पहले जज उत्तम आनंद के पिता और छोटे भाई सुमन शंभु ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी। वहीं हजारीबाग बार एसोसिएशन ने भी सीबीआई जांच की मांग का समर्थन किया था।

जब इस केस में एसआईटी ने अपने स्तर पर जांच शुरू की तो एसआईटी की टीम ने मौकाए वारदात पर पहुंचकर एक बार फिर से सीन को रिक्रिएट किया। इसके अलावा एसआईटी ने घटनास्थल की बारीकी से जांच और निरीक्षण भी किया।

वहीं उत्तम आनंद की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। झारखंड के मुख्य सचिव व डीजीपी से एक हफ्ते में रिपोर्ट तलब की गयी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता विकास सिंह ने जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षा वाली बेंच के समक्ष ये मामला उठाते हुए स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया था। इसके साथ ही इस मामले की सीबीआई से जांच कराने का आग्रह किया गया था।

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