अडानी के नाम पर जालसाजों ने काश्तकारों को लगाया लाखों का चूना
रामगढ़ के काश्तकार गोपाल लोधियाल ने बताया कि इन लोगों ने उन्हें भी अपनी फसल कम्पनी को देने को कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया
सलीम मलिक की रिपोर्ट
नैनीताल। जिले के रामगढ़, भीमताल, धारी इलाके की फलपट्टी के सैंकड़ों काश्तकारों को कुछ लोगो ने फसल के अच्छे दाम और बीमे के सब्जबाग दिखाते हुए लाखों रुपये का चूना लगा दिया। जालसाजों ने यह कारनामा अंजाम देने के लिए देश के सर्वाधिक चर्चित उद्योगपति गौतम अडानी के नाम का इस्तेमाल किया। काश्तकार इतने बड़े नाम के झांसे में आकर इनके हाथों लुट बैठे। ठगों के दोनों ऑफिस बन्द होने के बाद काश्तकारों को खेल समझ आया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
ठगी की इस पटकथा की शुरुआत इसी साल के मई महीने में तब होती है जब नैनीताल जिले की भीमताल तहसील में पड़ने वाले रामगढ़ के पास लोगों ने देश के नामी गिरामी उद्योगपति गौतम अडानी के 'अडानी ग्रुप' का साइन बोर्ड देखा। कोकिलबना गांव में लगे 'अडानी ऑर्गेनिक इंडिया' लिखे बोर्ड से संचालित होने वाले इस कार्यालय में स्थानीय युवकों को भी काम पर रखा गया।
गांव में सम्पर्क बढ़ाने के बाद अपने आप को इस कम्पनी का एमडी बताने वाले मनोज नैनवाल व जीएम बताने वाले जसराज चौधरी ने गांव वालों को अपनी आड़ू, सेब, पुलम नाशपाती आदि की फसल को सरकारी मंडी या बिचौलियों को बेचने के बजाए उसकी कम्पनी को बेचने का सुझाव देते हुए इसके तमाम फायदे गिनाने शुरू कर दिए। दोनों ने झांसा दिया कि किसानों के फल मंडी में कम दाम पर बिकते हैं, ऐसे में उनकी कंपनी फलों को खरीदने के बाद काश्तकारों के बैंक खाते में पैसा भेजेगी। इसके लिए इस गिरोह ने 524 रुपये प्रति किसान से लेकर150 लोगों को एक ग्रुप भी बनाया। फसल बीमा के नाम पर एक-एक व्यक्ति से पांच हजार से लेकर 25 हजार रुपये वसूल किए।
इन लोगों द्वारा काश्तकारों को ए ग्रेड का आड़ू 80 रुपये प्रतिकिलो, बी ग्रेड का 60 रुपये प्रतिकिलो और सी ग्रेड का 30 रुपये किलो लिए जाने और फसल का भुगतान एक सप्ताह में करने के आश्वासन पर बोहराकोट के काश्तकार आशुतोष सिंह कंपनी को चार टन आड़ू की सप्लाई दी। जिसका भुगतान एक लाख रुपये 81 हजार रुपये अब तक नहीं किया है। जगदीश ने 15 हजार का आड़ू कंपनी को दिया। इसी प्रकार इसी गांव के किसान नारायण सिंह ने 82 हजार की फसल इनको दी। गांव के ही हिम्मत सिंह, आशुतोष सिंह सहित 20 किसानों ने अपनी फलों की फसल इस तथाकथित अडानी ग्रुप को दी। लेकिन किसी भी काश्तकार को इसका भुगतान नहीं किया गया।
गांव वाले अपने भुगतान के लिए इंतज़ार करते रहे। उनका यह इंतज़ार और भी लंबा हो सकता था अगर इस गिरोह ने तीन महीने बाद ही कम्पनी के धारी कार्यालय पर ताला न लगा दिया होता। कम्पनी पर ताला लगते ही काश्तकारों और कार्यालय में अभी तक बिना वेतन के आश्वासनों के सहारे काम कर रहे कर्मचारियों खटका होने लगा। कम्पनी के कथित एमडी और जीएम के फोन नम्बर बन्द होने पर सबको ठगी का एहसास हुआ।
जिसके बाद सतबूंगा रामगढ़ निवासी जगदीश सिंह नयाल ने इस मामले में हल्द्वानी एसएसपी कार्यालय में इन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। नयाल ने बताया कि इस साल मई में खुद को अडानी ग्रुप से बताकर दो लोग उनसे मिले थे। एक खुद को एमडी और दूसरा कंपनी का जीएम कह रहा था। इन्होंने धारी में एडनेम ऑर्गेनिक प्राइवेट लिमिटेड नाम से ब्रांच कार्यालय खोला था। जोनल ऑफिस के नाम पर सरस मार्केट हल्द्वानी का पता दिया था। ब्रांच कार्यालय में गांव के 15 युवक लिपिक और अन्य पदों पर काम करते थे। इन लोगों ने उससे फसल खरीदने के बाद उसका भुगतान नहीं किया है। कृषक मंडी के पूर्व अध्यक्ष जीवन सिंह कार्की ने भी इस मामले की जानकारी एसपी सिटी को दी। जिस पर एसपी सिटी डॉ. जगदीश चंद्र ने बताया कि किसानों की फसल का पैसा न मिलने की शिकायत मिली है। इस मामले में जांच कर ठगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
रामगढ़ के काश्तकार गोपाल लोधियाल ने बताया कि इन लोगों ने उन्हें भी अपनी फसल कम्पनी को देने को कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। कम्पनी के ऑफिस पर ताला लगने के बाद वहां काम कर रहे युवकों को भी उनके घर जाने के लिए ग्रामीणों की मदद से किराया इकट्ठा करके दिया गया है।