Jhansi News : घोटालों के खिलाफ चार महीने से धरने पर बैठे हैं किसान, चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने का ऐलान
(झांसी : धरने पर बैठे किसान)
लक्ष्मी नारायण शर्मा की रिपोर्ट
Jhansi News : जिला मुख्यालय स्थित गांधी उद्यान पर किसान रक्षा पार्टी के बैनर तले झांसी जिले (Jhansi) के कई गांव के किसान और ग्रामीण (Farmers And Villagers) दो अगस्त से टेंट लगाकर दिन-रात धरने पर बैठे हैं। यहां 132 दिनों से धरना दे रहे किसान झांसी के कृषि विभाग, सिंचाई विभाग और वन विभाग के घोटालों के खिलाफ जांच कराने और घोटालेबाजों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
आंदोलन में ऐसे किसान भी शामिल हैं, जिन्हें बांध निर्माण के दौरान विस्थापित तो कर दिया गया लेकिन अभी तक किसी तरह का कोई मुआवजा नहीं मिला है। इसके अलावा बांध निर्माण के दौरान विस्थापन के मुआवजे में भेदभाव और धांधली का भी आरोप है। किसानों का ऐलान है कि जब तक उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं होती, यह आन्दोलन जारी रहेगा। किसानों ने आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा का विरोध करने का ऐलान किया है।
टेंट लगाकर दिन रात धरने पर
झांसी जिले के कई गांव के प्रभावित किसान और किसान नेता कचहरी चौराहे पर स्थित गांधी उद्यान पर स्थायी रूप से दो अगस्त से टेंट लगाकर डेरा डाले हैं। आंदोलन को चार महीने से अधिक का समय हो चुका है। इस धरने में महिलाएं भी शामिल हैं। धरना स्थल पर ही चूल्हे पर किसानों का खाना बनता है। यहां बिछाने और ओढ़ने की किसानों ने स्थायी व्यवस्था कर रखी है। किसान इस ऐलान के साथ यहां डटे हैं कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता, यह आंदोलन जारी रहेगा और किसान यहां से नहीं हटेंगे।
घोटालों की है लंबी परम्परा
किसान रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर विदुआ ने इस पूरे आंदोलन और इसके मुद्दों के बारे में जनज्वार को जानकारी दी। विदुआ के मुताबिक बुन्देलखण्ड में घोटाले करने की परंपरा है। जो भी योजना यहां आती हैं, कागजों पर रहती है, जमीन पर नहीं उतर पाती है। घोटालों की वजह से किसानों की आर्थिक स्थित लगातार नीचे जा रही है। जब हमें यह लगा कि हमारी हालत में सुधार नहीं हो रहा है तो हमने जन सूचना अधिकार का सहयोग लिया। हमने आरटीआई से जो दस्तावेज निकाले और उनका सत्यापन किया तो जो नतीजे आये, उसे जानकर चौंक जाएंगे। सभी घोटालों की शिकायत दस्तावेजों के साथ झांसी मण्डल के कमिश्नर से करते हुए जांच और कार्रवाई की मांग की गई है।
वन विभाग में इस तरह घोटाला
विदुआ बताते हैं कि वन विभाग ने वृक्षारोपण में लगभग 45 लाख पेड़ लगाए। जब हम आरटीआई में दी गई सूचना वाले स्थानों में से कुछ पर मौके पर पहुंचे तो हमें एक भी पेड़ नहीं मिला। कागज में गड्ढा खोदने, पेड़ो की ढुलाई, खाद और बाड़ आदि के लिए भुगतान दिखाया गया। कागजों में पौधों के ट्रांसपोर्ट के लिए ट्रैक्टर के नम्बरों का उल्लेख किया गया है। जब हमने ट्रैक्टर के नम्बरों की आरटीओ में जांच कराई तो वह मोपेड, स्कूटर, मारुति कार और टेम्पो का नम्बर निकला। यह पूरा मामला 2018-19 का है। इसमें लगभग दो करोड़ का घोटाला हुआ है।
कृषि विभाग और सिंचाई विभाग पर आरोप
आंदोलनकारी किसान कृषि विभाग पर भी घोटाले का आरोप लगा रहे हैं। आरोप के मुताबिक कृषि विभाग ने 2019 में रबी गोष्ठी पर 92 लाख रुपये खर्च करने की जानकारी किसानों को दी है और प्रपत्रों में डोसा, मिनरल वाटर, मिठाई किसानों को खिलवाने की बात लिखी है जबकि किसानों को गोष्ठी में सिर्फ छह पूड़ी और सब्जी दी जाती है। इसके अलावा सिंचाई विभाग ने साल 2019 में सिल्ट सफाई पर तीन करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही है, जिस पर किसानों के गम्भीर आरोप है। किसानों की शिकायत है कि सिंचाई विभाग ने जिन नहरों की सिल्ट सफाई कागजों पर दिखाई है, उनमें से आधे तो नहर वर्तमान में हैं ही नहीं। कागजों के हिसाब से तीन करोड़ में से ढाई करोड़ रुपये खा गए।
बांध के मुआवजे में अनियमितता
पथरई बांध से प्रभावित किसान भी धरने पर बैठे हैं। किसानों के मुताबिक बांध के गेट के सामने चढ़रऊ धवारी गांव है, जिसमें बांध का पानी जाता है। बांध का गेट खोले जाने पर गांव के लोग पहाड़ी पर जाकर शरण लेते हैं। इस गांव के विस्थापन की मांग की जा रही है। उसी बांध के पीछे पाल मोहल्ला है जो बांध से प्रभावित है लेकिन इसे भी विस्थापित नहीं किया गया। इसके अलावा लखेरी बांध से प्रभावित बचेरा गांव के 105 लोगों को आनुकम्पा राशि दी गई, जिनमें से 92 अपात्र हैं और इस मामले में जांच कर कार्रवाई की मांग की जा रही है।
विधायक और सांसद के कोरे वादे
किसानों के चार महीने के आंदोलन के दौरान इनकी विधायक और सांसद से भी बातचीत हुई है। आंदोलन के दौरान गरौठा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक जवाहर लाल राजपूत ने धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों से बातचीत की जबकि स्थानीय भाजपा सांसद अनुराग शर्मा से किसान मुलाकात कर अपनी समस्या बता चुके हैं। कहीं से कोई समाधान न मिलने पर किसानों ने विधानसभा चुनाव में भाजपा के विरोध का ऐलान कर दिया है। गौरी शंकर विदुआ कहते हैं कि भाजपा का विरोध हम क्यों न करें। बुन्देलखण्ड में भाजपा को हमने सिर पर तौलिया बांधकर जिताया था। सभी 19 विधायक भाजपा के, सभी 4 सांसद भाजपा के। हमने किसी और पार्टी को यहां घुसने नहीं दिया था। हमें इनके वादों पर भरोसा था लेकिन फायदे की बात तो अलग जो सुविधाएं हमें अन्य सरकारों में मिलती थीं, वे भी मिलना बंद हो गईं। हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो जिस तरह इन्हें जिताने का काम किया था, उसी तरह हराने का भी काम करेंगे।